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बेहद मुश्किल है पालमिरा का पुनर्निमाण

१ अप्रैल २०१६

सीरिया की सेना ने ऐतिहासिक पालमिरा शहर को इस्लामिक स्टेट के कब्जे से छुड़ा लिया है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ का मानना है कि बुरी तरह तबाह हो चुके इस शहर के स्मारकों का फिर से दुरूस्त करना बेहद मुश्किल है.

Syrien Palmyra UNESCO Weltkulturerbe - Rückeroberung durch syrische Armee
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al Mounes

संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक शाखा के एक सीरियाई विशेषज्ञ का कहना है कि उन्हें 'बेहद शक' है कि आईएस के कब्जे के दौरान तबाह हुए पालमिरा शहर के पुरातन स्मारकों ​की फिर से मरम्मत की जा सकेगी. एनी सार्त्र फॉरियाट यूनेस्को की ओर से 2013 में सीरिया की ऐतिहासिक विरासत के लिए गठित विशेषज्ञों के एक समूह की सदस्य हैं. उनका कहना है, ''हर कोई इस बात को लेकर काफी उत्साहित है कि पालमिरा 'आजाद' हो गया है, लेकिन हमें उन चीजों के बारे में भूल जाना चाहिए जो तबाह कर दी गई हैं. मुझे अंतराष्ट्रीय मदद के बावजूद पालमिरा को फिर से आबाद किए जा सकने की क्षमता को लेकर बेहद शक है.''

इतिहासकार एनी सार्त्र फॉरियाटतस्वीर: Maurice Sartre-Fauriat

उन्होंने समाचार ऐजेंसी एएफपी से बात करते हुए कहा, ''जब मुझे सुनने में आता है ​कि हम बेल के मंदिर को फिर से बनाने जा रहे हैं तो ये बड़ा भ्रामक लगता है. हम उसे फिर से नहीं बना सकते जिसे धूल में मिला दिया गया है. किस चीज के पुनर्निमाण की बात हो रही है? एक मंदिर के? मुझे लगता है कि शायद सीरिया में तबाह खंडहरों को फिर से बनाने के बजाय दूसरी महत्वपूर्ण प्राथमिकताएं हैं.''

पिछले रविवार को तीन हफ्तों से चल रहे संघर्ष के बाद रूस समर्थित सीरिया की सेना ने इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों को पालमिरा से बाहर धकेल दिया था. पालमिरा पर अपने 10 म​हीने के कब्जे के दौरान आईएस ने 2000 साल पुराने बेल मंदिर और बाल शामिन के पवित्र स्थल के साथ ही शहर भर के एक दर्जन से अधिक संरक्षित मीनारों और मकबरों को तबाह कर डाला है.

लंबे संघर्ष के बाद रूस समर्थित सीरिया की सेना ने पालमिरा को आईएस के कब्जे से आजाद करा लियातस्वीर: picture-alliance/dpa/TASS/V. Sharifulin

सार्त्र फॉरियाट का यह आकलन सीरिया के पुरावशेषों के प्रमुख मामून अबुलकरीम के नजरिए से एकदम उलट है. अबुलकरीम ने एएफपी से बात करते हुए कहा था कि शहर के 80 प्रतिशत से अधिक भग्नावशेष ''आकार में ठीक'' हैं और ​इन्हें दुरूस्त करने में पांच साल लगेंगे. लेकिन सार्त्र फॉरियाट कहती हैं, ' जब तक सीरियाई सेना वहां मौजूद है मैं इसे लेकर आश्वस्त नहीं हूं. हमें नहीं भूलना चाहिए कि 2012 से लेकर 2015 तक भी सेना ने इस साइट पर कब्जा किया हुआ था और इस दौरान वहां बेतहाशा तबाही और लूट हुई.''

वे आरोप लगाते हुए कहती हैं, ''हमें खुद का मजाक नहीं बनाना चाहिए. क्योंकि पालमिरा को आईएस से छुड़ा लिया गया है इसका मतलब ये नहीं कि लड़ाई खत्म हो गई है. ये सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के पक्ष में जनता की राय बनाने के लिए राजनीति और मीडिया की ओस से खड़ा किया अभियान था.''

10 म​हीने के कब्जे के दौरान आईएस ने पालमिरा को तबाह कर डाला हैतस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al Mounes

इतिहासकार फॉरियाट का कहना था कि उन्हें पालमिरा से हर घंटे में फोटो और वीडियो मिल रहे हैं, जिसमें दिखाई दे रहा है कि पालमिरा संग्रहालय को आईएस ने एक कोर्ट में बदल दिया था. ''वो पूरी तरह तबाह हो गया है. जैसा हमने पहले सोचा था कि म्यूजियम को आईएस के घुसने से पहले ही पूरी तरह खाली करा लिया गया होगा लेकिन ऐसा नहीं था. क्योंकि पुरावशेष विभाग के पास इसे खाली कराने के लिए महज 48 घंटे थे. और इतने कम समय में बड़े बड़े स्मारकों को स्थानांतरित नहीं कराया जा सकता था.''

फॉरियाट ने बताया कि पुरातन सार्कोफागी की आकृतियों को तबाह कर दिया गया है और सारी ही मूर्तियों को या तो गिरा दिया गया है या तोड़ दिया गया है. ''पालमिरा का खास आकर्षण रही अंतिम संस्कार की धातु आकृतियों को भी संभवत: बेचने के लिए दीवारों से नोच लिया गया है.'' उनका कहना था, ''​उम्मीद की एक किरण सिर्फ शेर की विशाल प्रतिमा के बारे में नज़र आती है. जिसे फिर से दुरूस्त किया जा सकता है क्योंकि इसे मिट्टी में नहीं मिलाया गया. हालांकि इसके पंजे तोड़ दिए गए हैं और इसे घुमा दिया गया है.''

आरजे/एमजे (एएफपी)

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