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बैंकॉक में सूटकेस में बंद बाघ का बच्चा रिहा हुआ

२९ अगस्त २०१०

बाघ के बच्चे को सूटकेस में बंद कर ईरान ले जा रही महिला को बैंकॉक एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया. सूटकेस में दो महीने के शावक के साथ बाघ के बच्चे जैसे कई खिलौने भी भरे गए थे, लेकिन एक्सरे मशीन ने शावक को पहचाना लिया.

तस्वीर: picture alliance/dpa

31 साल की थाई महिला के चेकइन सूटकेस में कई बाघ के खिलौने भरे थे और उन्हीं के बीच में असली बाघ का मासूम बच्चा भी छुपाया गया था. सूटकेस में कैद किए गए इस शावक को दवाओं से बेहोश किया गया था, ताकि वह रोने न लगे.

ईरान जा रही महिला ने सूटकेस को चेंकिंग और फिर विमान पर चढ़ाने के लिए भिजवा दिया. लेकिन इसी दौरान उसकी तस्करी पकड़ी गई. एक्सरे मशीन में कस्टम अधिकारियों को किसी छोटे जानवर की हड्डियां और पूरा शरीर दिखा. शक होने पर सूटकेस खोला गया और सच्चाई बाहर आ गई. दो महीने का बाघ का बच्चा सूटकेस के भीतर खिलौने के नीचे निढाल पड़ा था. उसकी हालत अधमरी सी थी.

इसके बाद अधिकारियों ने बाघ के बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास भेजा और ईरान जा रही फ्लाइट के यात्रियों को रोक लिया. बोर्डिंग पास की जांच के बाद बाघ की तस्करी करने वाली महिला की पहचान हुई और उसे फौरन गिरफ्तार कर लिया गया. महिला अब तक यह बताने में नाकाम रही है कि बाघ का बच्चा उसके सूटकेस में कैसे आया. महिला तस्करी से इनकार कर रही है. उसका कहना है कि यह सामान उसे किसी और ने दिया. थाईलैंड में वन्यजीवों की तस्करी करने पर दस साल की सजा होती है.

खतरें में बाघतस्वीर: DPA

थाई अधिकारियों के सामने अब तस्करों की एक लंबी फौज का पर्दाफाश करने का सुनहरा मौका है. थाईलैंड के वाइल्ड लाइफ ट्रेंड मॉनिटर ने बयान जारी कर कहा है, ''हमने सभी एजेंसियों से अपील की है कि वह साथ मिलकर तस्करी के इस धंधे की जड़ खोदें.'' इस बात का पता लगाना भी जरूरी है कि आखिर ईरान में ऐसे कौन से तस्कर बैठे हैं, जो जिंदा बाघों का धंधा कर रहे हैं.

शावक के डीएनए की जांच की जा रही है. इससे पता चलेगा कि यह बाघ किस प्रजाति का है और कहां से लाया गया है. भारत समेत पूरे एशिया में बाघों की तादाद तेजी से घट रही है. जंगल का सबसे निडर शिकारी अब अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है. वन्यजीव संरक्षण से जुड़े अधिकारी बाघों की घटती संख्या के लिए शिकारियों और तस्करों को सबसे ज्यादा जिम्मेदार ठहराते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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