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बैठे रहने से जान को खतरा

१९ जुलाई २०१२

टेलिविजन के सामने बैठने और कम चलना फिरना पसंद करने वाले लोगों के लिए चिंता का वक्त आ गया है. एक नए अध्ययन से पता चला है कि चलना फिरना नापसंद करने वालों में सालाना 50 लाख लोग इसी वजह से अपनी जान खो रहे हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

मेडिकल जर्नल लैंसेट के मुताबिक विश्व भर में 15 साल से ज्यादा की उम्र के 1.5 अरब लोग डॉक्टरों की सलाह से कम कसरत करते हैं और चलते फिरते भी कम हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह परेशानी व्यापक है. 13 से लेकर 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए खास तौर पर कहा गया है कि यह बहुत ही कम चल फिर रहे हैं. रिसर्चरों के मुताबिक युवा अकसर सुपरमार्केट में मिलने वाली चीजें खाते हैं जिनमें ज्यादा चीनी, नमक और तेल होता है. साथ ही तंबाकू कंपनियां अपने विज्ञापनों से युवाओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे उनकी जीवनशैली में खासा फर्क पड़ रहा है.

पत्रिका के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में पांच दिन कम से कम 30 मिनट शारीरिक हरकत करता है या हफ्ते में तीन दिन कड़ा अभ्यास या दोनों मिलाकर करता है, तो वह स्वस्थ रहेगा. इससे कम चलने फिरने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है. उम्र के बढ़ने से कसरत करने में कमी आती है. शोध से पता चला है कि आम तौर पर महिलाएं पुरुषों से कम चलती फिरती हैं. विकसित देशों में यह काफी बड़ी समस्या है.

एक दूसरे शोध में कसरत पर डायबिटीज के मरीज, दिल की बीमारी से ग्रस्त लोग और कैंसर पीड़ितों के आंकड़ों को देखा गया. शोध के नतीजे बताते हैं कि विश्व भर में इन बीमारियों से मर रहे पांच करोड़ 70 लाख लोगों में से पांच लाख तीन हजार कसरत में कमी का शिकार हो रहे थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि कसरत नहीं करना स्वास्थ्य के लिए उतना ही खतरनाक है जितना कि धूम्रपान या मोटापा. कम चलने फिरने के कारण छह प्रतिशत लोग दिल की बीमारियों का शिकार होते हैं. 10 प्रतिशत लोग को स्तन और आंत का कैंसर होता है.

तस्वीर: Fotolia/M&S Fotodesign

रिपोर्ट के मुताबिक अगर लोग 10 प्रतिशत भी ज्यादा कसरत करने लगे तो पांच लाख लोगों की जानें हर साल बचाई जा सकेंगी. जांचकर्ता कहते हैं कि मनुष्य के शरीर को सामान्य तौर पर व्यायाम की जरूरत होती है क्योंकि इससे मांसपेशियां, दिल, हड्डियों और अंगों को स्वस्थ रखा जा सकता है. लेकिन ज्यादातर लोग आज कल गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं, वे दफ्तर में कंप्यूटरों के सामने बैठते हैं और ज्यादा वक्त टेलिविजन के सामने बिताते हैं.

उनका सुझाव है कि शहर के सड़कों पर चलने वालों के लिए जगह बनाई जाए और साइकिल चालकों के लिए सड़कों को सुरक्षित किया जाए. स्कूलों में व्यायाम और शहरों में अभ्यास के लिए खुली जगहों से परेशानी को हल किया जा सकेगा.

एमजी/एमजे(एएफपी, रॉयटर्स)

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