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बॉब्स के विजेता तय

७ मई २०१३

दुनिया भर में बेहतरीन ब्लॉग्स को ढूंढा जा रहा था. बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय जूरी सदस्यों ने अब कुछ ऐसे ऑनलाइन प्रॉजेक्ट चुने हैं जो इंटरनेट में आजादी और बहस का प्रतीक हैं.

तस्वीर: myshadow.org

चीन, भारत और मिस्र एक साथ हो गए हैं. रूस तुर्की का साथ दे रहा है तो जर्मनी यूक्रेन का समर्थन करने लगा है. यह न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन नहीं बल्कि बर्लिन में बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स चुनने के लिए जूरी की बैठक है. जूरी सदस्य तय कर रहे हैं कि नामांकित ऑनलाइन मुहिमों में से किस को इनाम दिया जाए.

बेहतरीन ब्लॉग

चीन के ब्लॉगर ली चेंगपेंग के ब्लॉग http://blog.sina.com.cn/lichengpeng को बेहतरीन ब्लॉग घोषित किया गया है. चीन में इनके 70 लाख फॉलोवर हैं. अपने देश में वह सेंसर के खिलाफ उठने वाली आवाज का प्रतीक हैं. चीन ने उनके बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन अपनी किताब, "दुनिया सब जानती है" के उद्घाटन के दौरान ली मुंह पर मास्क लगाकर पहुंचे और अपने फैंस के लिए टीशर्ट पर आई लव यू लिखकर लाए. चीन के जूरी सदस्य हू यांग कहते हैं कि ली युवाओं के लिए आदर्श बन गए हैं. वे लोगों को समाज में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहन देते हैं और सेंसर के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा भी.

सर्वोत्तम मुहिमतस्वीर: facebook.com/475LeFilm

बेहतरीन सामाजिक मुहिम

475 मुहिम मोरक्को के प्रतिनिधि इसी संख्या वाली कानून की धारा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इसी नाम की फिल्म में उन्होंने आमिना नाम की लड़की की कहानी बताई है जिसकी शादी उसका बलात्कार करने वाले से कर दी जाती है. 16 साल की आमिना तंग आकर खुदकुशी कर लेती है.

बेहतरीन इनोवेशन

चीन की सरकार सामाजिक नेटंवर्किंग साइट वेइबो पर पाबंदी लगाती रहती है और लोगों के अकाउंट अपने आप मिटा दिए जाते हैं. फ्रीवेइबो https://freeweibo.com नाम की वेबसाइट ने वेइबो तक जाने का रास्ता आसान किया है. इसमें लोग अपने मिटाए गए संदेश भी पढ़ सकते हैं और जान सकते हैं कि सेंसर का शिकार किस तरह की खबरें होती हैं.

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स पुरस्कार

सम्मान का अधिकारतस्वीर: fabbikouassi.wordpress.com

इस संगठन के साथ मिलकर डीडब्ल्यू ने इस साल टोगो की ब्लॉगर फाबी कुआसी को ईनाम दिया है. कुआसी अपने ब्लॉग के जरिए वहां पुलिस अत्याचार पर खबर देती हैं. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के क्रिस्टियान मीर कहते हैं कि कुआसी अपने देश में अपने खास तरीके से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा दे रही हैं. http://fabbikouassi.wordpress.com इससे टोगो में पत्रकारों की नाजुक हालत का भी पता चलता है.

ग्लोबल मीडिया फॉरम पुरस्कार

इस साल 17 से लेकर 19 जून तक होने वाले ग्लोबल मीडिया फोरम में अर्थव्यवस्था और आर्थिक मूल्यों पर बहस केंद्रित होगी. इस श्रेणी में इन्फोलेडीज नाम का प्रॉजेक्ट चुना गया है (http://www.pallitathya.org.bd/infolady/). यह ऐसी महिलाएं हैं जो साइकिल पर घूम घूम कर गांवों में लैपटॉप ले जाकर लोगों तक जानकारी पहुंचाती हैं.

जूरी में भारत के रवीश कुमारतस्वीर: DW/Jan Röhl

सबसे रचनात्मक

इंटरनेट पर आप कौन सी जानकारी बिना जाने छोड़ जाते हैं. मी एंड माई शैडो नाम की वेबसाइट आपको बताती है कि आप कौन सी जानकारी कहां अनजाने में छोड़ रहे हैं और आप इससे कैसे बच सकते हैं. https://myshadow.org/

जूरी के अलावा हमारे पाठकों ने भी अपनी तरफ से विजेता तय किए हैं. यह आप हमारी बॉब्स वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं.

विजेताओं को हमारी तरफ से बधाइयां!! जैसा कि डॉयचे वेले की मुख्य संपादक ऊटे शेफर कहती हैं, "बॉब्स ने दिखा दिया है कि दुनिया भर में ऑनलाइन पाठकों की पसंद काफी हद तक मिलती है."

रिपोर्ट: इयान ब्रुक/एमजी

संपादन: महेश झा

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