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बॉलीवुड की पसंद बनता कोलकाता

८ मार्च २०१३

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कभी कोलकाता को मरता हुआ शहर कहा था. लेकिन यह शहर अब बालीवुड की फिल्मों में जीवंत हो उठा है और फिल्मकारों की पहली पसंद बनता जा रहा है.

तस्वीर: Prabhakar Tewari

हाल में यहां जिन पांच फिल्मों की शूटिंग हुई उनमें से चार बड़े बजट की हैं. इस समय भी यहां प्रियंका चोपड़ा, रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर अभिनीत गुंडे की शूटिंग चल रही है. अभी हाल में सैफ अली खान और सोनाक्षी सिन्हा ने बुलेट राजा फिल्म के लिए लंबी शूटिंग की है.

आखिर क्यों लुभा रहा है हिंदी फिल्मकारों को यह शहर? फिल्मकारों का कहना है कि बालीवुड में फिलहाल जिस तरह की कहानियों का दौर चल रहा है उनमें कोलकाता बार-बार लौट रहा है. मणिरत्नम ने अपनी फिल्म युवा में लंबे अरसे बाद पहली बार इस शहर का बेहतरीन चित्रण किया था. उसके बाद सुजय घोष ने कहानी से जो सिलसिला शुरू किया था वह लगातार बढ़ता जा रहा है. यहीं के रहने वाले निर्देशक नीरज पांडेय ने जब दमदम एअरपोर्ट और हावड़ा स्टेशन पर स्पेशल 26 के कुछ दृश्य फिल्माए तो यह उनके लिए घर वापसी की तरह था. नीरज कहते हैं, "मैं हावड़ा में पला-बढ़ा हूं. फिल्म का एक हिस्सा इसी शहर पर आधारित था. यहां शूटिंग के दौरान घर जैसा ही माहौल मिला." रणवीर और प्रियंका चोपड़ा के साथ शहर के विभिन्न हिस्सों में बरफी की शूटिंग करने वाले अनुराग बसु कहते हैं, "दिल्ली या मुंबई की तरह भारतीय सिनेमा में कोलकाता को अब तक वैसा एक्सपोजर नहीं मिला है. इस शहर का अपना एक अलग चरित्र है. यही वजह है कि यह निर्देशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है."

गुंडे फिल्म में अर्जुन कपूर, प्रियंका चोपड़ा, रणवीर सिंह, अली अब्बास जफरतस्वीर: Prabhakar Tewari

सुजय घोष के साथ कहानी में काम करने वाले अरिंदम सील कहते हैं, "सत्यजित राय ने कभी कहा था कि अगर कोलकता को समझना हो तो इसके कलात्मक पहलू को देखना चाहिए. सुजय ने अपनी फिल्म में दिखाया कि महज हावड़ा ब्रिज, ट्रामें और हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे ही कोलकाता की पहचान नहीं हैं." वह कहते हैं कि इस शहर की भीड़ बेहद अनुशासित है और शूटिंग में दूसरे शहरों की तरह परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. इसके अलावा स्थानीय क्लबों व प्रशासन से भी काफी सहायता मिलती है.

कहानी और स्पेशल 26 में काम कर चुके स्थानीय अभिनेता खराज मुखर्जी कहते हैं, "पहले भी फिल्मकारों ने कोलकाता में दिलचस्पी दिखाई थी. लेकिन कहानी ने दूसरी फिल्मों के मुकाबले इस शहर का बेहतर चित्रण किया. उसके बाद फिल्मकारों के नजरिए में बदलाव आया." वह कहते हैं कि बालीवुड के मुकाबले यहां स्टूडियोज, तकनीकी उपकरण और तकनीशियनों का मेहनताना काफी कम है. लेकिन क्वालिटी वही है. स्थानीय कलाकार भी काफी प्रतिभाशाली हैं और वह लोग अच्छी हिंदी बोलते हैं. इसलिए अधिक से अधिक फिल्मकार यहां अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए आ रहे हैं. बुलेट राजा की प्रोडक्शन टीम के सदस्य राहुल मित्र कहते हैं, "इस शहर को बालीवुड के फिल्मकारों की पहली पसंद बनाने के लिए इसका कुछ प्रमोशन जरूरी है." बांगला के जाने-माने अभिनेता प्रसेनजीत कहते हैं, "कोलकाता आधुनिकता और प्राचीनता का अनूठा संगम है. इस शहर ने आधुनिकता के साथ-साथ अपनी पुरानी पहचान भी कायम रखी है. जबकि दूसरे शहर तेजी से आधुनिक हो गए हैं. वह पुरानी पहचान ही फिल्मकारों को बार-बार मुंबई से यहां खींच लाती है."

सोनाक्षी सिन्हातस्वीर: Prabhakar Tewari

गुंडे के निर्देशक अली अब्बास जफर कहते हैं, "पटकथा की मांग और यहां मौजूद आधारभूत ढांचा और इस शहर की खासियत ही फिल्मकारों को यहां ले आती है." वह बताते हैं कि गुंडे कोलकाता की पृष्ठभूमि पर ही आधारित है. इसमें 1971 से 1988 के बीच के दौर का चित्रण है.

गुंडे और बुलेट राजा के अलावा हाल में यहां जिन फिल्मों की शूटिंग हुई है उनमें सुजय घोष की कहानी के अलावा लुटेरा, बरफी, स्पेशल 26 प्रमुख हैं. सुजय अब कहानी का सीक्वल बनाने वाले हैं. उसका भी एक बड़ा हिस्सा यहीं शूट किया जाएगा. यानी फिल्मकारों की पसंदीदा शहरों की सूची में इस महानगर का ग्राफ अभी और ऊपर जाने के ही आसार हैं.

रिपोर्ट: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: महेश झा

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