बॉलीवुड को बांटा मोदी ने
२२ अप्रैल २०१४ऐसा नहीं है कि फिल्मी सितारों को राजनीति से कभी परहेज रहा हो या वे चुनावी राजनीति में उतरते ही नहीं. बॉलीवुड के कई सितारे पहले से ही सक्रिय राजनीति में हैं और अलग अलग पार्टियों के लिए चुनाव भी लड़ते रहे हैं. अलग दलों का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद इन कलाकारों के आपसी रिश्ते कभी प्रभावित नहीं हुए. लेकिन इस बार विचारधारा को लेकर बॉलीवुड में ऐसी खेमेबाजी हो रही है जो पहले कभी नहीं हुई.
क्यों हो रहा है मोदी विरोध
राजनीतिक और सामाजिक चिंतकों का एक वर्ग गुजरात दंगों के बाद से ही नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता को लेकर सवाल उठाता रहा है. स्वयं बीजेपी में भी एक ऐसा वर्ग है जो देश के चरित्र के साथ न्याय करने की नरेंद्र मोदी की योग्यता पर सवाल उठाता रहा है. समाज के एक तबके के लिए अछूत करार दिए गए नरेंद्र मोदी के लिए यह जरूरी था कि वे अपनी स्वीकार्यता को लेकर उठाई गयी चिंताओं को दूर करें. देश भर में अपनी छवि सुधारने के तहत मोदी ने कुछ प्रमुख बॉलीवुड सितारों को अपने साथ जोड़ा. गुजरात पर्यटन के बहाने अमिताभ बच्चन, पतंग महोत्सव के बहाने सलमान खान और मशहूर गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' का स्वर्ण जयंती समारोह मना कर लता मंगेशकर के साथ नरेंद्र मोदी ने मंच साझा किया.
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी नरेंद्र मोदी को अच्छा इवेंट मैनेजर बताते हैं. हालांकि उन्होंने किसी और सन्दर्भ में यह कहा था पर उनकी बात सोलह आने सच है. मोदी ने इन सभी गैर राजनीतिक इवेंट्स को अपने पक्ष में भुनाने की कामयाब कोशिश की. नरेंद्र मोदी के पक्ष में बॉलीवुड के कुछ कलाकारों को खड़ा होता देख मोदी विरोधियों के माथे पर बल पड़ गया. अब मोदी समर्थन की प्रतिक्रिया में मोदी विरोध भी खुलकर सामने आया है.
देश के लिए करें वोट
अब तक वोटिंग को लेकर खामोश रहे बॉलीवुड के इस तबके ने युवा मतदाताओं से देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बचाने की अपील की है. इस अपील में कहा गया है कि अपने देश को प्यार करने वाले भारतीय नागिरक के तौर पर हम आपसे अपील करते हैं कि आप अपने लोकसभा क्षेत्र में ऐसी पार्टी को वोट करें जो कि धर्म निरपेक्ष हो. इस अपील पर दस्तखत करने वालों में एक नंदिता दास कहती हैं कि समय रहते इस तरह की अपील करना बेहद जरूरी है.
अपील की पहल करने वाले फिल्म निर्माता महेश भट्ट का कहना है कि ऐसा करने में कुछ भी गलत नहीं लगता. विलास माने कहते हैं, "हर क्षेत्र की तरह बॉलीवुड के लोगों को भी अपने राजनीतिक विचार अभिव्यक्त करने की आजादी है. ऐसा नहीं हो सकता कि पूरा बॉलीवुड किसी एक विचारधारा को मानने वाला हो."
मोदी का समर्थन
महेश भट्ट की बात सही निकली और विवेक ओबरॉय, मधुर भंडारकर, अशोक पंडित और विवेक अग्निहोत्री जैसे बॉलीवुड कलाकार मोदी के पक्ष में खुलकर सामने आ गए हैं. पहले यह सभी व्यक्तिगत रूप से मोदी के समर्थन में अपने विचार व्यक्त करते रहते थे. मधुर भंडारकर का कहना है, "धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवार को वोट देने की लोगों की अपील ने उन्हें खुलकर मोदी का समर्थन करने को मजबूर किया है."
भाजपा के लिए प्रचार कर रहे अभिनेता विवेक ओबेरॉय का मानना है कि नरेंद्र मोदी देश की राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव लाएंगे. फिल्मकार अशोक पंडित मोदी की धर्मनिरपेक्षता को लेकर उठाये जा रहे सवाल को खारिज करते हुए कहते हैं कि देश को मोदी जैसा सशक्त नेता चाहिए. अभिनेता सलमान खान के पिता और पटकथा लेखक सलीम खान ने मोदी को खुले विचारों वाला व्यक्ति बताते हुए उनकी तारीफ की है. धर्मनिरपेक्षता के नाम पर वोट देने की अपील जारी करने के पहले ही सलीम खान ने नरेंद्र मोदी की उर्दू वेबसाइट को लांच किया था. सलीम खान का मानना है कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों से सबक सीखा होगा.
फिल्म प्रेमियों की चिंता
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बॉलीवुड में चल रही खेमेबाजी ने फिल्म प्रेमियों को निराश किया है. लोकतंत्र में अभियक्ति की स्वतंत्रता की बात कहने वाले मयंक गायकार बॉलीवुड कलाकारों द्वारा मोदी को समर्थन दिए जाने को गलत नहीं मानते. उनका कहना है कि कलाकारों को अपनी व्यक्तिगत हैसियत में ही किसी के लिए अपना विरोध या समर्थन व्यक्त करना चाहिए.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर विशाल पाटील राजनीति पर बनी फिल्मों के प्रशंसक हैं लेकिन बॉलीवुड का खुलकर किसी विचारधारा का समर्थन करना उन्हें गलत लगता है. नरेंद्र मोदी के विरोध में कुछ कलाकारों के सामूहिक रूप से अपील जारी करने पर नाराजगी जताते हुए ममता मोरे कहतीं हैं, "इससे बॉलीवुड की साख पर बुरा प्रभाव पड़ेगा."
रिपोर्ट: विश्वरत्न श्रीवास्तव
संपादन: महेश झा