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समाज

'बॉलीवुड स्टार' बनने के लिए झुग्गियों में चल रही है ट्रेनिंग

१७ सितम्बर २०१९

मुंबई का धारावी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में से एक है. यहां एक बिना खिड़की वाले मकान में कुछ लोग बॉलीवुड स्टार बनने का सपना देख रहे हैं. कुछ को लगता है कि स्टार नहीं तो कम से कम बॉलीवुड का एक हिस्सा ही बन जाएं.

Indien Mumbai | Bollywood im Slum Dharavi
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee

यह छोटा सा मकान वास्तव में एक स्टूडियो है जहां संकरी सीढ़ियों और रस्सी के सहारे जाया जा सकता है. इसके बाहर हाथ से पेंट किया हुआ साइन बोर्ड लगा है, जिस पर लिखा है, "फाइव स्टार एक्टिंग डांसिंग फाइटिंग क्लासेज". इसे बाबूराव लाडसाहेब चला रहे हैं. लाडसाहेब कहते हैं, "मैं इसे 35 साल से चला रहा हूं. यहां 15 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया है." यहां लाडसाहेब के छात्र बॉलीवुड डांस के स्टेप के साथ अभिनय के गुर सीखते हैं. 

इस स्कूल को अगला आमिर खान बनाना बाकी है. लेकिन लाडसाहेब का मानना है कि जो लोग यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, उनमें से कुछ आने वाले दिनों में बॉलीवुड के सितारे बनेंगे. लाडसाहेब ने एक बार खुद ही कहानी लिखी, सभी 12 किरदारों को निभाया, निर्देशित किया और फिल्म बनाई थी. अब उनके पास अपने छात्रों के लिए कई लक्ष्य है. इसमें छोटे स्तर पर अभिनय या डांसिंग किरदार, स्टंट का काम और फिल्मों में दूसरे काम दिलाना शामिल है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee

लाडसाहेब कहते हैं कि उनके जीवन में बड़ा बदलाव तब आया जब उनके 30 छात्रों ने डैनी बोयल्स की ऑस्कर जीतने वाली फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' में काम किया. वे कहते हैं, "'स्लमडॉग मिलेनियर' के बाद मैं एक 'कास्टिंग मैन' बन गया. हर कोई मेरे पास आने लगा और प्रशिक्षित अभिनेताओं के लिए कहने लगा. इस वजह से मेरी जिंदगी बदल गई. अब तक 120 कॉस्टिंग डायरेक्टर ने मुझसे संपर्क किया और अभिनेता मांगे. वे हमें पुरुष, महिला और बच्चे के लिए कहते हैं और हम उन्हें उपलब्ध करवाते हैं."

लाडसाहेब बताते हैं कि अत्याधिक गरीब बच्चे फ्री में यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं लेकिन जो सक्षम हैं, उनके लिए 100 रुपये से लेकर 600 रुपये प्रति महीने शुल्क लगता है. यह शुल्क उनकी उम्र पर निर्भर करता है. वे ना सिर्फ प्रशिक्षण देते हैं बल्कि नेटवर्किंग और ऑडिशन में भी छात्रों को मदद करते हैं जो पूरी तरह मुफ्त होता है. दो बच्चों के पिता 35 वर्षीय राजिक शेख लाडसाहेब के ही छात्र हैं. दूसरे प्रयास में वे सिल्वर स्क्रीन पर एक ड्राईवर की भूमिका में नजर आए. वे कहते हैं, "बचपन से ही मेरा सपना था कि अभिनेता बनूं लेकिन आर्थिक समस्याओं और अच्छी पढ़ाई नहीं होने की वजह से मैं देर से अपना लक्ष्य प्राप्त कर सका."

तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee

बॉलीवुड में छोटी भूमिकाओं के अलावा 130 करोड़ की आबादी वाले भारत में स्ट्रीमिंग सेवाओं की लोकप्रियता बढ़ने से भी लाडसाहेब के कुछ क्लाइंट्स को काम मिल रहा है. नेटफ्लिक्स घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों की पसंद के लिए फिल्में और सीरीज बनाने का काम भारतीय प्रोडक्शन कंपनियों के साथ मिलकर कर रही है. नेटफ्लिक्स ने इस महीने बॉलीवुड के जाने माने निर्देशक और निर्माता करण जौहर के साथ लंबे समय से लिए पार्टनरशिप की घोषणा की है. नेटफ्लिक्स ने हुमा कुरैशी के अभिनय वाली एक सीरीज 'लीला' बनाई है. इसमें लाडसाहेब की एकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 10 वर्षीय मनीषा मैत्री भी अभिनय कर रही है. मैत्री कहती हैं, "मैं यहां दो साल से प्रशिक्षण ले रही हूं. मैंने यहां डांस और अभिनय के गुर सीखे. मेरे यहां का अनुभव काफी शानदार रहा."

आरआर/एनआर (एएफपी)

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