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बोइंग के सपनों के विमान की पहली उड़ान

१५ दिसम्बर २००९

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने क़रीब ढाई साल की देरी के बाद अपनी पहली टेस्ट उड़ान भरी है. डिज़ाइन से लेकर हड़ताल तक कई तरह की समस्याओं से कंपनी जूझती रही है.

तस्वीर: AP

लेकिन अब जाकर परीक्षण उड़ान से उसने राहत की सांस ली है. बोइंग को यकीन है कि ये विमान दुनिया का सबसे ईंधन बचाऊ विमान होगा.

दुनिया भर से इसकी ख़रीद के लिए अभी तक 840 ऑर्डर आए हैं. लेकिन देरी की वजह से इनमें से कुछ रद्द भी हो गए हैं.

इस विमान की ख़ासियत है इसका लाइटवेट डिज़ाइन. कार्बन और टाइटेनियम से बने होने की वजह से ईंधन की ख़पत कम होगी और रखरखाव की कीमतों में भी कमी लाई जा सकेगी.

तस्वीर: DPA

परीक्षण उड़ान में ये देखने की कोशिश की गई है कि ये सामान्य परिस्थितियों में उसी तरह से उड़ान भरे जैसा कि इससे चाहा गया है.

ये लंबी दूरी तक बिना ईंधन भरे उड़ान भर सकता है. अधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल विमानन में इस विमान के प्रवेश से एविएशन उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. अधिकारियों का कहना है कि इससे उड़ान की समस्त बेसिक्स बदल जाने वाली हैं क्योंकि इसमें ऐसे उपकरण लगे हैं जो उड़ान को एक नया अनुभव देंगें.

बोईंग की टक्कर वाली एयरबस भी ऐसा ही कम ईंधन खपत और लाइट वेट वाला विमान लाने की तैयारी कर रही है.

बोइंग इस साल के अंत तक अपना पहला विमान जापान की विमान कंपनी निप्पन एयरलाइंस को सौंपेंगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी

संपाद: उ भ

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