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बोले मनमोहन 'कुछ गलत नहीं किया'

२० नवम्बर २०१०

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सवाल पूछने पर अपने जवाब में कहा है कि स्पेक्ट्रम घोटाले पर कार्रवाई में उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. मनमोहन सिंह का दावा है कि उन्होंन सही प्रक्रिया का पालन किया है.

तस्वीर: UNI

अप्रत्याशित रूप से सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री पर पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाया. मनमोहन सिंह की साफ छवि को ध्यान में रखे बगैर सुप्रीम कोर्ट ने उनसे सफाई पेश करने को कहा. आरोप ये कि ए राजा ने बहुत सस्ते में लाइसेंस बेच दिए और उनके खिलाफ जब शिकायत हुई तो लंबे समय तक प्रधानमंत्री ने कोई कदम नहीं उठाया.

पार्टी मनमोहन सिंह के साथतस्वीर: AP

इस घोटाले से मनमोहन सिंह की कुर्सी या सरकार पर तो कोई खतरा नहीं लेकन भ्रष्टाचार से दूर रहने की उनकी सरकार के दावों पर सवाल उठ रहे है. इस मामले में हो रही उनकी आलोचना आर्थिक सुधार के कार्यक्रमों को लागू करवाने में संसद में उनकी स्थिति को कमजोर कर देगी. शनिवार को मनमोहन सिंह की तरफ से अटॉर्नी जनरल जी वाहनवती ने मनमोहन सिंह की तरफ कोर्ट में हलफनामा दायर किया. हलफनामे में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने,"ईमानदारी बनाए रखने के लिए जो कुछ जरूरी था वो सब किया."

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मामले में प्रधानमंत्री के साथ आ गए हैं. पार्टी का भी कहना है कि मनमोहन सिंह ने कुछ गलत नहीं किया और ये महज अफवाह है कि प्रधानमंत्री इस्तीफा देने की सोच रहे हैं. मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा,"अक्सर कहा जाता है कि ये सब परीक्षा की घड़ियां हैं. सच तो ये है कि मैं ये भावना दूर नहीं कर सकता कि भारत में हम सब परीक्षा की घड़ी से गुजर रहे हैं. प्रधानमंत्री के रूप में मुझे अकसर महसूस होता है कि मैं हाई स्कूल का एक छात्र हूं जो एक के बाद दूसरी परीक्षाओं से गुजरता रहता है."

घोटालों के सामने आने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में मनमोहन सिंह ने कहा कि कई एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं. शायद ये देश का सबसे बड़े घोटाले का मामला है. मनमोहन सिंह ने साफ कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा,"किसी के मन में ये दुविधा नहीं रहनी चाहिए, अगर किसी ने कुछ भी गलत किया है तो उसे सजा मिलेगी."

भ्रष्टाचार के इन आरोपों ने पिछले कई दिनों से संसद की कार्रवाई ठप कर रखी है. विपक्ष 2जी लाइसेंस के लिए बेचे गए लाइसेंस की पूरी जांच कराने की मांग पर अड़ा हुआ है. पूर्व टेलिकॉम मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने 2007-08 में नीलामी के दौरान बहुत सस्ते में लाइसेंस बेच दिए इससे देश को करीब 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

सीएजी की ऑडिट में ये भी सामने आया कि नीलामी के दौरान सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. विपक्ष का दावा है कि मनमोहन सिंह ने जान बूझ कर शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की क्योंकि उन्हें अपनी गठबंधन सरकार के गिरने का डर था. शनिवार को अपनी तरफ से जवाब दाखिल करने के बाद अब वो मंगलवार को खुद कोर्ट में पेश होकर बताएंगे कि उन्होंने ए राजा के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए क्या कदम उठाए.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एस गौड़

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