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ईयू में बने रहने की कैमरन की शर्तें

११ नवम्बर २०१५

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चेतावनी दी है कि यदि यूरोपीय संघ ब्रिटेन के सुझाए सुधार नहीं लाता है तो ब्रिटेन ईयू से बाहर हो जाएगा. कैमरन की सुझाई सभी मांगों को पूर्णत: मानने को यूरोपीय नेता "मुश्किल" बता रहे हैं.

तस्वीर: picture alliance/empics

कैमरन ने मंगलवार को लिखे गए एक पत्र में भरोसा जताया कि ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने को टाला जा सकेगा और इसके लिए सभी जरूरी समझौते हो सकते हैं. ब्रेग्जिट यानि ब्रिटेन के बाहर होने से सबंधित जनमत संग्रह 2017 तक कराया जाना है. हालांकि कैमरन ने इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि अगर उनकी शर्तें नहीं मानी जाती हैं तो वे 28 देशों के ब्लॉक ईयू को छोड़ने का समर्थन करेंगे.

ईयू अध्यक्ष डोनाल्ड टुस्क को एक पत्र भेज कर कैमरन ने ब्रिटेन के वांछित सुधारों की एक सूची पेश की है. इसके बाद लंदन में कैमरन ने जनमत संग्रह के बारे में कहा, "ये हमारे देश के लिए एक बड़ा फैसला होगा -- शायद अपने पूरे जीवन में लिया गया सबसे बड़ा निर्णय." इस पत्र में जिन सुधारों का जिक्र है उनमें ईयू के कुछ देशों से ब्रिटेन पहुंचने वाले आप्रवासियों को पहले चार साल तक मिलने वाली सरकारी सुविधाओं में कटौती का प्रस्ताव शामिल है.

कैमरन की इन शर्तों को यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता ने "काफी मुश्किल" बताया है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल को लगता है कि कुछ मांगें "मुश्किल हैं, तो दूसरी कई कम मुश्किल" हैं. इसके बावजूद मैर्केल ने इस बात का भरोसा जताया कि ब्रिटेन के साथ समझौता हो सकता है.

ब्रिटिश पीएम ने अपने पत्र में कुल चार मांगे रखीं हैं. आप्रवासन नीति में बदलाव के अलावा वे ईयू के भीतर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, यूरोजोन और नॉन-यूरोजोन देशों के बीच और अधिक "निष्पक्षता" बरतने और संप्रभुता से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों पर ध्यान देने की बात की है. तमाम यूरो स्केप्टिक नेताओं के अलावा अतिदक्षिणपंथी यूकिप के नेता निगेल फराज ने कैमरन की मांगों को नाकाफी बताया है.

तीन साल पहले कैमरन ने सबसे पहली बार ईयू में रहने या निकलने के सवाल पर ब्रिटेन में रेफरेंडम कराए जाने की बात कही थी. उनके पिछले कार्यकाल के दौरान ब्रसेल्स के साथ ब्रिटेन के रिश्ते तनावपूर्ण रहे. ब्रिटेन 1973 में यूरोपीय समुदाय के सदस्य के तौर पर साथ आया था लेकिन उसके बाद के सालों में अलग अलग प्रधानमंत्रियों ने उसे धीरे धीरे यूरोप के केंद्र से दूर करने का काम किया. कैमरन की ही कंजरवेटिव पार्टी की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर तो यूरोस्केप्टिक नेताओं की कतार में अग्रणी मानी जाती हैं. 2002 से लागू यूरो मुद्रा को ब्रिटेन ने आज तक नहीं अपनाया है.

मई में दुबारा चुने गए पीएम कैमरन के इन प्रस्तावों पर अगले हफ्ते यूरोपीय संघ के अध्यक्ष टुस्क अन्य सदस्य देशों के साथ विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरु करेंगे. दिसंबर में ब्रसेल्स में होने वाली यूरोपीय सम्मेलन में ब्रिटेन की मांगों पर विस्तार से चर्चा होगी.

आरआर/एमजे (एएफपी,रॉयटर्स)

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