ब्रिटिश पीएम बनने की रेस में फिलहाल सबसे आगे बोरिस जॉनसन
१३ जून २०१९
टेरीजा मे की जगह कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चुने जाने के लिए हुई वोटिंग में बाकी उम्मीदवारों को भारी अंतर से पीछे छोड़ कर बोरिस जॉनसन नए पीएम की रेस में सबसे प्रबल दावेदार बन कर उभरे हैं.
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बोरिस जॉनसन ने 31 अक्टूबर को किसी भी हाल में ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर निकालने के अपने वादे के कारण खूब समर्थन बटोरा है. पहले राउंड की वोटिंग में वह अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे रहे. कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता चुने जाने के लिए हुए मतदान में जॉनसन को 313 में से 114 सांसदों का समर्थन मिला. यह वोटिंग टेरीजा मे के इस्तीफे से खाली हुई सीट को भरने के लिए हुई और पार्टी का नया नेता ही देश का नया प्रधानमंत्री भी बनेगा.
बाकी के दस उम्मीदवारों में शामिल मौजूदा विदेश मंत्री जेरेमी हंट को 43 वोट मिले जबकि मौजूदा पर्यावरण मंत्री माइकल गोव को 37 सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ. पूर्व ब्रेक्जिट मंत्री डोमिनिक राब को 27 मत मिले जबकि तीन उम्मदवार रेस से बाहर हो गए.
सन 2016 में हुए जनमत संग्रह में देश ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में 48 के मुकाबले 52 फीसदी वोट दिए थे. लेकिन तीन सालों में ब्रेक्जिट की राह काफी मुश्किलों से भरी रही. अब इनमें से जो भी उम्मीदवार नेता चुना जाता है, वो 31 अक्टूबर की अंतिम समयसीमा से पहले ईयू से बाहर निकलने की कोशिश करेगा. ऐसा तब भी हो सकता है जब ईयू के साथ कोई समझौता ना हो पाया हो. हालांकि ब्रिटिश संसद अब भी कोशिश करेगी कि ऐसी स्थिति से बचा जा सके और सरकार ईयू के साथ एक समझौते पर पहुंच सके. ऐसा ना होने पर विश्व की अर्थव्यवस्था और तमाम वित्तीय बाजारों में उठापटक होना तय है.
जॉनसन के पीछे कई तरह के विवादों का रिकॉर्ड रहा है लेकिन उनके जीतने पर विश्व सट्टा बाजार में 70 फीसदी ने सट्टा लगाया है. पहले दौर की वोटिंग के बाद उन्होंने कहा, "मैं अपने दोस्तों और सहयोगियों के समर्थन के लिए उनका शुक्रगुजार हूं. पहला बैलट जीतने की खुशी है लेकिन अभी हमें बहुत लंबा रास्ता तय करना है. " दूसरे राउंड की वोटिंग 18, 19 और 20 जून को होनी है. ऐसा तब तक होगा जब तक रेस में केवल दो ही उम्मीदवार ना बचें. तब जाकर एक व्यापक मतदान होगा जिसमें कंजर्वेटिव पार्टी के सभी सदस्य पोस्टल बैलट के जरिए उन दो में से अपना पसंदीदा उम्मीदवार चुन पाएंगे. जुलाई के अंत तक नए प्रधानमंत्री को चुन लिया जाना है.
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा है कि वो ब्रेक्जिट पर अगले दौर की बातचीत से पहले इस्तीफा दे देंगी. टेरीजा मे ने तारीख नहीं बताई है, लेकिन कंजरवेटिव पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों में उनका जगह लेने की होड़ है.
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इस्थर मक्वे, 51 साल
ब्रेक्जिट का समर्थन करने वाली मक्वे पहले टीवी प्रेजेंटर थीं. नवंबर में उन्होंने वर्क एंड पेंशन मिनिस्टर के पद से इस्तीफ दे दिया. मक्वे कह चुकी हैं कि उनकी योजना प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल होने की है.
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एंड्रेया लीडसम, 56 साल
ब्रेक्जिट के समर्थन में अभियान चलाने वाली लीडसम 2016 में डेविड कैमरन की जगह लेने की दौड़ में शामिल आखिरी दो लोगों में थीं. एक इंटरव्यू में दिए बयान को लेकर विवाद होने पर वो दौड़ से बाहर हो गईं. वो सरकार का संसदीय कार्यभार देखती हैं.
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माइकल गोव, 51 साल
2016 में ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह के दौरान गोव सबसे प्रबल अभियान चलाने वालो में थे. कैमरन की जगह लेने वालों में उनका भी नाम था लेकिन टेरीजा मे का नाम तय होने से बहुत पहले ही वो दौड़ से बाहर हो गए.
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जेरेमी हंट, 52 साल
जेरेमी हंट ने जुलाई में जॉनसन के बाद विदेश मंत्री का पद संभाला. उन्होंने कंजरवेटिव सदस्यों से ब्रेक्जिट के मुद्दे पर आपसी मतभेदों को भुला कर यूरोपीय संघ के खिलाफ एकजुट होने का अनुरोध किया. उन्होंने जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ में रहने के लिए वोट दिया था.
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डोमिनिक राब, 45 साल
पिछले साल डोमिनिक राब ने ब्रेक्जिट मिनिस्टर के पद से यह कह कर इस्तीफा दे दिया कि समझौते का मसौदा उन वादों से मेल नहीं खाता जो कंजरवेटिव पार्टी ने 2017 के चुनाव में किए थे. राब इस मंत्रालय के प्रमुख पद पर महज 5 महीने ही रहे.
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रोरी स्टीवर्ट, 46 साल
पूर्व राजनयिक स्टीवर्ट ने कभी ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत और नेपाल में 9000 किलोमीटर की पदयात्रा की थी. इसी महीने उन्हें इंटरनेशनल डेवलपमेंट सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया गया है. इसके पहले वे कई मंत्रालयों में जूनियर रह चुके हैं.
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साजिद जाविद, 49 साल
पूर्व बैंकर और मुक्त बाजार के समर्थक जाविद कई महत्वपूर्ण कैबिनेट पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. पाकिस्तानी मूल की दूसरी पीढ़ी के जाविद के दफ्तर में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की तस्वीर लगी है.
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डेविड डेविस, 70 साल
डेविस को जुलाई में ब्रेक्जिट मिनिस्टर के रूप में यूरोपीय संघ से बातचीत का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया लेकिन दो साल बाद उन्होंने मे की लंबे समय के लिए यूरोपीय संघ से रिश्ते रखने की योजना के विरोध में इस्तीफा दे दिया. वो 2005 में पार्टी के नेता का चुनाव कैमरन से हार गए.
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बोरिस जॉनसन, 54 साल
पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ब्रेक्जिट के मुद्दे पर टेरीजा मे के सबसे कटु आलोचक रहे हैं. ब्रेक्जिट के लिए चल रही बातचीत पर विरोध जताने के लिए उन्होंने जुलाई में इस्तीफा दे दिया. उन्होंने दौड़ में शामिल होने की बात नहीं कही लेकिन उन्हें फ्रंटरनर माना जा रहा है.
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पेन्नी मॉरडॉन्ट, 46 साल
मॉरडॉन्ट मे की मंत्रिमंडल में ब्रेक्जिट का समर्थन करने वाली आखिरी कुछ सदस्यों में हैं. इसी महीने वो ब्रिटेन के रक्षा मंत्री पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला बनीं. रॉयल नेवी की रिजर्व मॉरडॉन्ट इससे पहले अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री पद पर नियुक्त थीं.
पूर्व शिक्षा मंत्री ने आईटीवी से कहा कि वो प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने पर विचार कर सकती हैं. वो ब्रेक्जिट पर दूसरे जनमतसंग्रह का समर्थन करती हैं. बहुत से लोगों को उम्मीद है कि वो पार्टी छोड़ कर यूरोपीय संघ समर्थक गुट में शामिल हो सकती हैं.
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अंबर रड, 55 साल
रड ने पिछले साल गृह मंत्री पद से इस्तीफा दिया. उनके मंत्रालय ने लंबे समय से ब्रिटेन में रह रहे कैरेबियाई प्रवासियों को गलती से अवैध प्रवासी मान लिया था जिसकी वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 2016 में उन्होंने यूरोपीय संघ में बने रहने के लिए वोट दिया और बिना किसी डील के ब्रेक्जिट के विरोध में हैं.
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मैट हैनकॉक, 40 साल
स्वास्थ्य मंत्री हैनकॉक, बैंक ऑफ इंग्लैंड की पूर्व अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने 2016 में यूरोपीय संघ में बने रहने का समर्थन किया था. 2010 में वो पहली बार संसद के लिए चुनी गईं और कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं.
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लिज ट्रस, 43 साल
वित्त मंत्रालय की प्रमुख सचिव ट्रस ने सरकार में कई पद संभाले हैं. इनमें पर्यावरण मंत्री और न्याय मंत्री का पद भी शामिल है. उन्होंने 2016 में ब्रेक्जिट में रहने का समर्थन किया लेकिन अब कहती हैं कि उनका मन बदल गया है.
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ग्राहम ब्रैडी, 51 साल
ब्रैडी 1922 कमेटी ऑफ कंजरवेटिव लॉमेकर्स के चेयरमैन हैं. बीबीसी रेडियो से उन्होंने कहा, "मुझे समझाने के लिए बहुत से लोगों की जरूरत होगी. मैं निश्चित रूप से नहीं कह सकता, असाधारण रूप से मुश्किल स्थिति है, जिसके लिए बहुत से लोग कमर कस रहे हैं."