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ब्रिटेन: ऐतिहासिक बहस में 'तीसरे' की जीत

१६ अप्रैल २०१०

जब दो लड़ते हैं तो फ़ायदा तीसरे का होता है. ब्रिटेन में पहले टेलिविज़न बहस में यही बात साबित हुई है. बहस में जीत ब्रिटिश राजनीति में 'तीसरा' समझे जाने वाले लिबरल डेमोक्रैट नेता निक क्लेग की हुई.

संसदीय चुनाव से पहले हुई बहस में प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन, विपक्षी नेता डेविड कैमरून और लिबरल डेमोक्रैट नेता निक क्लेग ने भाग लिया. ब्रिटेन की जनता ने अब तक अपना मत लेबर या टोरी को देकर देश में दो दलीय व्यवस्था बना रखी थी. लेकिन अब लिबरल डेमोक्रैटिक पार्टी तीसरी शक्ति के रूप में उभर रही है.

बहस में जीत का सेहरा क्लेग को मिला. पहली बार ब्रिटिश संसद की प्रमुख पार्टियों के नेता टेलिविज़न पर बहस के लिए मिले. बहस का मुख्य मुद्दा देश की आर्थिक स्थिति थी. 90 मिनट की बहस 94 लाख दर्शकों ने देखी.

मतदाताओं की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अर्थव्यवस्था को कौन सबसे पहले पटरी पर लाएगा. इसका दावा करते हुए विपक्षी टोरी पार्टी के नेता डेविड कैमरून ने कहा, "हमें अर्थव्यवस्था को विकास के रास्ते पर बढ़ाना होगा. हम कह रहे हैं कि इस साल 6 अरब पाउंड बचाएं ताकि रोज़गार टैक्स को रोका जा सके, जो हमारे विचार में रिकवरी को पटरी से उतार देगा."

लिबरल डेमोक्रैटिक पार्टी के निक क्लेग को अपने आप को देश की जनता के सामने एक ऐसे राष्ट्रीय नेता के रूप में पेश करने का मौक़ा मिला, जो प्रधानमंत्री ब्राउन और विपक्षी नेता कैमरून से टक्कर ले सकता है. उन्होंने कहा, "हम इस समय राजनीति में एकमात्र पार्टी हैं, जो अपने मेनिफ़ेस्टो में कहती है, यहां आंकड़े हैं, हम इस तरह से 15 अरब पाउंड की कटौती और बचत करेंगे."

प्रधानमंत्री ब्राउन पहली टेलिविज़न बहस के लिए हामी भर उसका फायदा उठाना चाहते थे. वे प्रधानमंत्री बनने से पहले वर्षों तक देश के वित्त मंत्री रहे हैं और वित्तीय आंकड़ों पर उनकी गहरी पकड़ है. उन्होंने कहा, "अभी हम अर्थव्यवस्था के कठिन मोड़ पर हैं. मैं ईमानदारी से कहूंगा, आप अर्थव्यवस्था से धन बाहर निकालने की सोच भी नहीं सकते, क्योंकि आप रोज़गार को जोखिम में डालेंगे, आप कारोबार को जोखिम में डालेंगे, आप पूरी रिकवरी को जोखिम में डाल देंगे."

द टाइम्स दैनिक द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में 61 फ़ीसदी लोगों ने कहा है कि लिबरल राजनीतिज्ञ क्लेग ने अच्छा प्रदर्शन किया. 26 फ़ीसदी के साथ कैमरून दूसरे नम्बर पर आए तो प्रधानमंत्री ब्राउन की दलीलों को सिर्फ़ 20 फ़ीसदी लोगों ने पसंद किया. बहस से पहले जारी सर्वेक्षणों में प्रधानमंत्री की लेबर पार्टी की हालत सुधरी है. उसे 33 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिल रहा है. जबकि टोरी पार्टी के समर्थन में 3 प्रतिशत की कमी आई है और अब उसे सिर्फ़ 36 प्रतिशत का समर्थन है. लिबरल डेमोक्रैटिक पार्टी को 21 प्रतिशत का समर्थन मिल रहा है. राजनीतिक प्रेक्षकों का अनुमान है कि इस बार ब्रिटेन में त्रिशंकु संसद बनेगी. ऐसी स्थिति में लिबरल डेमोक्रैटिक पार्टी के निक क्लेग का महत्व बढ़ जाएगा, वे किंगमेकर साबित हो सकते हैं. 22 और 29 अप्रैल को दो और टेलिविज़न बहसों का आयोजन होगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: राम यादव

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