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ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में ब्रेक्जिट बाद के लिए हो गई डील

२४ दिसम्बर २०२०

ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेक्जिट के बाद नए कारोबारी समझौते पर सहमति हो गई है. दोनों पक्षों ने इसकी पुष्टि कर दी है. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद संक्रमण काल में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं.

EU PK Brexit-Verhandlungen | Michel Barnier
तस्वीर: Francisco Seco/REUTERS

ब्रिटेन की सरकार के प्रवक्ता ने कहा है, "करार हो गया है. यह यूके के हरेक हिस्से में रहने वाले परिवारों और व्यापारियों के लिए शानदार खबर है. हमने पहला फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हासिल कर लिया है जो यूरोपीय संघ के साथ शून्य शुल्क और शून्य कोटे पर आधारित है." उधर यूरोपीय संघ आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कहा है कि यह एक लंबा और घुमावदार रास्ता था लेकिन आखिरकार समझौता हो गया. उन्होंने यह भी कहा कि पूरी बहस संप्रभुता को लेकर थी.
यह डील कई महीनों की खींचतान के बाद हासिल हुई है. दोनों पक्ष फिशरीज और कंपटीशन को लेकर अपने रुख पर अड़े हुए थे. ब्रिटेन यूरोपीय संघ से जनवरी के आखिर में अलग हो गया लेकिन वह यूरोपीय संघ के अंदरूनी बाजार और कस्टम यूनियन का सदस्य बना रहा जो कि साल के आखिर तक के संक्रमण काल के लिए है.

तस्वीर: Francisco Seco/REUTERS

यह समय पूरा हो जाने के बाद डील नहीं होने की सूरत में इनके बीच भारी शुल्क और दूसरी कारोबारी बाधाएं खड़ी हो जातीं जिनसे सप्लाई चेन में दिक्कत और बड़े आर्थिक समस्याओं के पैदा होने का खतरा था. डील पर कई महीनों की बातचीत में कोविड-19 के कारण भी कई बाधाएं आई. कई बार तो यह आसार बनते दिखे कि बिना डील किए ही ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाएगा.
इस डील का मतलब है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय देशों के बीच सहयोग की जो लंबी परंपरा रही है वह बिना किसी समस्या के दोनों पक्षों को अलग भी कर देगी और उनके बीच व्यापार का सरल रास्ता भी बना रहेगा. आखिरी पल तक दोनों पक्ष डील हासिल करने के लिए कोशिश में जुटे रहे और बातचीत बुधवार को रात भर चलती रही. ब्रिटेन का अब यूरोपीय संघ से रिश्ता भले ही दूर का होगा लेकिन वह सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार बना रहेगा. हाल के यूरोपीय इतिहास की एक बेहद अहम डील में दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति नहीं बन पा रही थी कि यूरोपीय संघ के जहाज ब्रिटेन के पानी में कितनी मछलियां पकड़ सकेंगे.

दोनों पक्षों के बीच शून्य शुल्क और शून्य कोटे की डील होने का मतलब है कि इनके बीच सामान का व्यापार आराम से चलता रहेगा जो 900 अरब के सालाना कारोबार का करीब आधा हिस्सा है. इसके साथ ही यह उत्तरी आयरलैंड में शांति का भी समर्थन करेगा. अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए खासतौर से यह बड़ी चिंता थी. उन्होंने कहा था कि 1998 में हुआ गुड फ्राइडे शांति समझौता कायम रहना चाहिए.
एनआर/ओएसजे(एपी, रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)

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