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समाज

ब्रिटेन को आईना दिखाता सैनेटरी पैड का विज्ञापन

१७ अगस्त २०१८

विकसित और संभ्रात कहे जाने वाले ब्रिटेन में कई लड़कियों के पास सैनेटरी पैड खरीदने के पैसे नहीं होते. वे पीरियड के दौरान अखबार, मोजे या टॉयलेट पेपर इस्तेमाल करती हैं.

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तस्वीर: Colourbox

हे गर्ल्स नाम की कंपनी ब्रिटेन में पीरियड के दौरान गरीबी का सामना करने वाली लड़कियों की पीड़ा सामने रख रही है. ब्रिटेन के कई अखबारों में कंपनी ने विज्ञापन देकर बताया कि बड़ी संख्या में लड़कियां महंगे सैनेटरी पैड्स नहीं खरीद पाती हैं. पीरियड के दौरान वे अखबार, टॉयलेट पेपर या मोजे को सैनेटरी पैड की तरफ इस्तेमाल करती हैं.

कंपनी की संस्थापक सेलिया हडसन कहती हैं, "पीरियड्स के दौरान गरीबी या माहवारी से जुड़े प्रोडक्ट्स के अभाव में कई लड़कियां स्कूल नहीं जा पाती हैं."

ब्रिटिश समाज और मीडिया की सोच पर तंज करते हुए हडसन ने कहा, "हर कोई सोचता है कि ऐसा भारत और अफ्रीका में होता है, वे हमारी लड़कियों के बार में नहीं सोचते." अपने विज्ञापन में सैनेटरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी ने लोगों से कहा है कि "अपने सैनेटरी पैड्स खुद बनाओ."

हे गर्ल्स कंपनी एक सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कंपनी है. कंपनी का दावा है कि वह एक पैकेट सैनेटरी पैड बेचने पर एक गरीब लड़की को पैड का एक पैकेट मुफ्त देती है. अब तक कंपनी 8,50,000 पैकेट बांट चुकी है.

कंपनी चाहती है कि ब्रिटेन के सुपरमार्केट उसके प्रोडक्ट बेचें ताकि इससे होने वाला मुनाफा गरीब लड़कियों की मदद में खर्च हो. 2017 में चैरिटी प्लान इंटरनेशनल ने एक सर्वे किया था. सर्वे में पता चला कि ब्रिटेन में 10 फीसदी लड़कियां तंगहाली के चलते सैनेटरी प्रोडक्ट्स नहीं खरीद पाती हैं.

(पीरियड्स होने पर स्कूल नहीं जाती लड़कियां)

ओएसजे/एनआर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

 

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