ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने देश से 23 रूसी राजनियकों को निष्कासित कर दिया है. रूसी जासूस और उसकी बेटी को जहर देने के मामले में दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. जिसके बाद ब्रिटेन ने यह कार्रवाई की है.
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अपने बयान में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि रूस ने ब्रिटेन की ओर से दी गई समयसीमा के भीतर इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है इसलिए ब्रिटेन ने यह फैसला लिया है.
4 मार्च 2018 को ब्रिटेन में रूसी जासूस और उनकी बेटी को जहर दिया गया था. ब्रिटेन ने रूस पर रासायनिक हमले का आरोप लगाया है. ब्रिटेन इस मामले में साथी देशों के साथ मिलकर रूस पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है तो वहीं रूस ने भी साफ कर दिया है कि वह अपने खिलाफ होने वाली किसी भी कार्रवाई का जवाब देगा.
रूस के विरोधियों का हुआ यह हश्र
रूस की सरकार पर अकसर अपने विरोधियों को साफ करने के आरोप लगते रहे हैं. इस तरह की घटनाओं में कई बार घातक जहर का इस्तेमाल किया गया है. एक नजर कुछ ऐसे ही मामलों पर.
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अज्ञात पदार्थ
सबसे ताजा मामला रूस के पूर्व जासूस सेरगेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी का है. ब्रिटिश पुलिस का कहना है कि उन पर एक दुर्लभ पदार्थ से हमला किया गया जिसके बाद उनकी हालत काफी वक्त तक गंभीर बनी रही. ब्रिटेन में रूसी दूतावास ने स्क्रिपाल और उनकी बेटी को जहर दिए जाने के बारे में ब्रिटिश मीडिया की खबरों पर चिंता जताई है. रूस का कहना है कि वह इस मामले की जांच में हर तरह के सहयोग को तैयार है.
जहरीला छाता
शीत युद्ध के दौर में एक बुल्गारियाई विद्रोही को जहरीली नोक वाले एक छाते से मारा गया था. मारकोव एक लेखक और पत्रकार थे. उस समय के कम्युनिस्ट नेतृत्व के कटु आलोचक मारकोव ने 11 सितंबर 1978 को दम तोड़ा. विद्रोहियों का कहना है कि उनकी हत्या के पीछे सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी का हाथ था.
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पोलोनियम-210
केजीबी के पू्र्व जासूस एलेक्जेंडर लितविनेंको ने लंदन के मिलेनियम होटल में ग्रीन टी पी, जिसमें जहरीला पदार्थ पोलोनियम-210 मिला था. आरोप लगते हैं कि यह हत्या खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कहने पर हुई थी, हालांकि रूसी सरकार ने इससे हमेशा इनकार किया. पुतिन के कटु आलोचक लितविनेंको लंदन में रह रहे थे.
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अचानक मौत
नवंबर 2012 में लंदन के एक होटल के बाद अपने एक आलीशान घर में 44 वर्षीय रूसी नागरिक एलेक्जेंडर पेरेपीलिछनी मृत पाए गए. उन्होंने रूसी मनी लॉन्ड्रिंग की छानबीन करने वाली एक स्विस जांच में मदद की थी जिसके बाद उन्हें रूस से भागना पड़ा. उनकी अचानक मौत के बाद भी हत्या होने का संदेह गहराया. लेकिन रूस ने भी इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया.
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अब तक बाकी निशान
यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर युशचेंकों के चेहरे पर 2004 में उस समय जहरीला पदार्थ फेंका गया जब वह राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक रैली में थे. पश्चिम समर्थक युशचेंको तत्कालीन प्रधानमंत्री और रूस समर्थक विक्टर यानुकोविच के खिलाफ मैदान में थे. दर्जनों बार सर्जरी के बावजूद युशचेंकों के चेहरे और शरीर से अब तक निशान नहीं गए हैं. रूस ने इसमें भी अपना हाथ होने से इनकार किया.
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कई बार हमले की कोशिश
रूस के विपक्षी कार्यकर्ता व्लादिमीर कारा-मुर्जा का मानना है कि उन्हें 2015 से 2017 के बीच कई बार जहर देने की कोशिश हुई. बाद में जर्मनी प्रयोगशाला के टेस्ट में उनके शरीर में तीव्र स्तर का पारा, तांबा, मैगनीज और जिंक के अवशेष मिले. रूस ने इस मामले से भी पल्ला झाड़ लिया.
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प्रधानमंत्री मे ने कहा, "रूस का यह रुख दिखाता है कि वह ब्रिटेन के खिलाफ है. इसलिए जवाब भी उतनी ही मजबूती के साथ दिया जाना चाहिए." उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन और रूस के बीच सभी उच्च स्तरीय संपर्कों को निलंबित करती हैं और इसी के मद्देनजर 23 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया जाता है. इन्हें देश छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है.
टेरीजा मे ने इसे पिछले 30 सालों का सबसे बड़ा निष्कासन बताया है. इसके साथ ही रूस की सरकारी संपत्ति को ब्रिटेन में जब्त किए जाने की बात कही गई है. मे ने साफ किया कि रूस में होने वाले फुटबॉल विश्व कप में शाही परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं होगा.
66 वर्षीय पूर्व रूसी जासूस सर्गेइ स्क्रिपाल और इनकी 33 वर्षीय बेटी यूलिया को इग्लैंड के सालिसबरी शहर में जहर देकर निशाना बनाया गया था. मे ने रूस से इस हमले की साजिश में शामिल होने को लेकर निशाना साधा था लेकिन रूस इस पूरी साजिश में शामिल न होने की बात कहता रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में कहा कि ब्रिटेन को इस मामले में रूस के साथ चर्चा छेड़ने से पहले स्वयं इसकी तह में जाना चाहिए.