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ब्रेक्जिट की प्रक्रिया शुरु और स्कॉटलैंड में आजादी की भी

२९ मार्च २०१७

मार्च का आखिरी हफ्ता ब्रिटेन के लिए उथल-पुथल से भरा रहा है. एक और ब्रिटेन की ईयू से निकलने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हुई तो वहीं स्कॉटलैंड की संसद ने भी स्वायत्ता से जुड़े जनमत संग्रह के प्रस्ताव को पारित कर दिया.

Großbritannien Theresa May Brexit Rede im Parlament
तस्वीर: Reuters

यूरोपीय संघ छोड़ने के फैसले के नौ महीने बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने मंगलवार को लिस्बन संधि के अनुच्छेद 50 के तहत ईयू से बाहर निकलने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिये एक पत्र पर हस्ताक्षर किये. बुधवार को यह पत्र ब्रसेल्स में ईयू के अध्यक्ष डॉनल्ड टस्क के पास पहुंचा और इसी के साथ ब्रिटेन की 44 साल पुरानी सदस्यता की समाप्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी.

प्रक्रिया शुरू होने के बाद ईयू और ब्रिटेन के अलग होने में दो साल का समय और लगेगा और मार्च 2019 में यह लागू हो सकेगा. इस दो साल की अवधि के दौरान कई मसलों को सुलझाया जायेगा, और भविष्य की चुनौतियों के लिये रास्ते तैयार किये जायेंगे.

जून 2016 में ब्रेक्जिट पर हुये जनमत संग्रह ने ब्रिटेन में रह रहे ईयू के नागरिकों को भविष्य की चिंता में डाल दिया है. टेरीजा मे के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है कि जब हमने ईयू से बाहर होने का फैसला ले ही लिया है तो सबको इसके साथ आना होगा.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सामने स्कॉटलैंड की स्वायत्ता की मांग के अतिरिक्त ईयू के अन्य सदस्य देशों के साथ वित्त, व्यापार और सुरक्षा जैसे मसलों पर सहमति बनाना एक बड़ी चुनौती होगा. स्कॉटलैंड की संसद में मंगलवार को स्वतंत्रता पर एक नया जनमत संग्रह कराने के लिए मतदान किया गया. स्वायत्ता का यह प्रस्ताव संसद में 69-59 वोटों के अंतर से पारित किया गया. संसद ने ब्रिटेन की सरकार से स्वतंत्रता वोट को मंजूरी देने के लिये कहा है, जिसे अगले दो साल में पूरा किया जायेगा.

तस्वीर: Getty Images/J. J. Mitchell

संसद के बाहर  कई समर्थक स्कॉटलैंड और ईयू के झंडों के साथ जुटे थे और इस खबर को सुनने के बाद कुछ खुशी से झूम उठे तो किसी के आंखों में आंसू थे. स्कॉटलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर निकोला स्टर्जन ने सांसदों से जनमत संग्रह के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने से पहले स्कॉटलैंड को भी अपने भविष्य पर वोट देने का मौका दिया जाना चाहिये.

समूचे ब्रिटेन ने ईयू से अलग होने के लिये हामी भरी थी लेकिन स्कॉटलैंड ने एक बड़े अंतर से इसके विरोध में मतदान किया था. स्टर्जन ने मतदान प्रक्रिया के पहले सांसदों से कहा कि स्कॉटलैंड का भविष्य स्कॉटलैंड के हाथों में रहना चाहिये. हालांकि साल 2014 में स्कॉटलैंड के लोगों ने स्वायत्ता और स्वतंत्रता से जुड़े जनमत संग्रह को नकार दिया था लेकिन एक बार फिर स्टर्जन की पार्टी ने इस मसले को छेड़ा है. स्टजर्न ने कहा कि ब्रेक्जिट ने अचानक से स्थिति को बदल दिया है.

एए/आरपी (एपी,डीपीए,एएफपी)

 

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