ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ब्रेक्जिट के बाद अब यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ पहली बैठक कर रहे हैं. ईयू से अलग होने के ऐतिहासिक फैसले के बाद ब्रसेल्स में ब्रेक्जिट प्रक्रिया के अगले चरणों पर चर्चा हो रही है.
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ब्रिटेन की जनता का फैसला तो 23 जून को हुए रेफरेंडम से साफ हो गया. ईयू से बाहर निकल जाने के जनादेश को मानने और उसे आगे बढ़ाने की प्रक्रिया पर बातचीत ब्रसेल्स में आयोजित ईयू शिखरभेंट का मुख्य अजेंडा है.
ब्रेक्जिट के फैसले के मात्र पांच दिन बाद हो रहा ईयू सम्मेलन बहुत अहम है. ब्रिटेन में 52 फीसदी मतदाताओं ने यूरोपीय संघ के अलग होने का रास्ता चुना है. इससे ईयू ब्लॉक की तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक, ब्रिटेन के बाहर जाने से समस्या खड़ी हो गई है. 1973 से इस यूरोपीय समुदाय का सदस्य रहा यूके, संगठन से निकलने की प्रक्रिया शुरु करने वाला पहला देश है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन मंगलवार को रात्रिभोज के समय अपने सहकर्मियों को ब्रिटिश जनता के वोट और उनके फैसले के असर के बारे में बताने वाले हैं. जाहिर है कि ईयू के साथ रहने के लिए समर्थन जुटाने के प्रयास फेल होने पर कैमरन के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी राजनीतिक संकट खड़ा हुआ है. कैमरन प्रधानमंत्री पद छोड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं. इसके बाद से ब्रिटेन में नया नेता चुने जाने को लेकर बहुत सरगर्मी है.
ईयू के नेता कैमरन के साथ जल्द से जल्द आधिकारिक रूप से ब्रिटेन के बाहर निकलने की प्रक्रिया पर बातचीत शुरु कर सकते हैं. लेकिन कैमरन ने बताया है कि यह तब तक नहीं हो सकेगा जब तक यूके में उनकी जगह लेने के लिए नया नेता नहीं चुन लिया जाता. सितंबर से पहले नया प्रमुख चुने जाने की उम्मीद नहीं है. इसका अर्थ हुआ कि ठोस कदमों पर वार्ता सितंबर के बाद ही हो सकेगी.
क्या होगा ब्रेक्जिट के बाद
अगले दो सालों में ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अपने एक्जिट यानि ब्रेक्जिट की प्रक्रिया पूरी करनी है. ब्रिटिश और यूरोपीय लोगों को कई तरह के नए तालमेल बिठाने होंगे, देखिए कुछ नमूने.
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महंगी होगी स्कॉच व्हिस्की?
जी नहीं, इसके उलट. विशेषज्ञों की मानें तो क्रैश हुई ब्रिटिश मुद्रा पाउंड के कमजोर बने रहने से ब्रिटेन के उत्पाद बाहर के बाजारों में फिलहाल कुछ वक्त के लिए सस्ते पड़ेंगे. यानि यही अच्छा समय है स्कॉच व्हिस्की, इंग्लिश वाइन गम्स और बाकी ब्रिटिश प्रोडक्ट्स का स्टॉक भरने के लिए. देर की तो दाम फिर से ऊपर जा सकते हैं.
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सस्ती होगी लंदन में शॉपिंग?
यूनाइटेड किंगडम में छुट्टियां बिताना सस्ता नहीं पड़ता. पाउंड के कमजोर होने से पर्यटकों को थोड़ी आसानी होगी. छुट्टी से लौटते वक्त कुछ ज्यादा यादगार चीजें खरीद कर ले जा सकेंगे. और अगर क्रिसमस के आसपास लंदन पहुंचे, तो डॉलर या यूरो के बदले और भी ज्यादा शॉपिंग कर सकेंगे. फोन कॉल्स महंगी होंगी, क्योंकि 2017 शुरु होते ही ईयू कॉलरों को मोबाइल रोमिंग चार्जेस में मिली छूट खत्म हो जाएगी.
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इरासमुस-मुंडुस स्कॉलरशिप से बाहर?
यूरोपीय कॉलेज छात्रों के लिए एक सेमेस्टर यूके में बिताने का अवसर होता था और इरासमुस-मुंडुस कार्यक्रम का एक बेहद लोकप्रिय आकर्षण था. इस स्कॉलरशिप के बारे में भी फिर से बातचीत करनी होगी. यूके में बैचलर, मास्टर्स या पीएचडी डिग्री लेने की इच्छा रखने वाले छात्रों को अभी से पैसे बचाने शुरु कर देने चाहिए. हो सकता है उन्हें ब्रिटिश छात्रों के बराबर नहीं बल्कि बाहरी छात्रों के बराबर फीस देनी पड़े.
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तैर कर पार होगा इंग्लिश चैनल?
जल्द ही ऐसे हर मुद्दे पर एक एक कर के समझौते करने होंगे. वीजा-मुक्त यात्रा का मामला हो या इंग्लिश चैनल में तैराकी. पानी में छंलाग लगाने से पहले यह पता कर लेना ठीक होगा कि इस बाबत क्या समझौता हुआ है. ईयू के देशों में यात्रा करने वाले ब्रिटिश लोगों को भी एयरपोर्टों पर ईयू के बाहर से आने वालों की लाइन में लगना होगा.
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क्या मैनयू से बाहर होंगे जर्मन खिलाड़ी श्वाइनस्टाइगर?
अब तक बास्टियान श्वाइनस्टाइगर, मेसुत ओएजिल और दूसरे कई यूरोपीय फुटबॉलर बड़े आराम से प्रीमियर लीगों में खेलते रहे हैं. ब्रेक्जिट के बाद इन पेशवर खिलाड़ियों को बाकी विदेशी कामगारों की ही तरह अतिरिक्त वर्क परमिट लेना पड़ेगा. श्वाइनी शायद इस मुसीबत से बच जाएं क्योंकि दो साल में वे 33 साल के हो जाएंगे और चाहें तो फिर रिटायरमेंट ले सकते हैं. हालांकि ये यूरोपीय चैंपियनशिप मुकाबलों में खेल सकेंगे.
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यूरोपीय संसद के ब्रिटिश सदस्यों का क्या?
कुल 73 सदस्यों वाली यूरोपीय संसद से फिलहाल किसी ब्रिटिश पासपोर्ट धारक को वापस भेजने की शुरुआत नहीं हुई है. वह जब तक रहेंगे, उनके सक्रिय रहने और वोट देने तक के अधिकार बने रहेंगे, केवल ब्रिटिश रेफरेंडम पर वोटिंग को छोड़ कर. इस पर ईयू के बाकी राज्यों को सहमति बनानी है.
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ब्रेक्जिट के असर से दुनिया भर के सेयर बाजार प्रभावित हुए हैं. खासकर ब्रिटिश मुद्रा पाउंड ने 1985 के बाद से अपना निम्नतम स्तर छू लिया है. ब्रिटेन और ईयू में व्यापारिक संबंध रखने वाले दुनिया भर के व्यवसायियों के लिए यह गंभीर अनिश्चितता का समय है.
बुधवार को ईयू नेता कैमरन से अनौपचारिक बातचीत कर ब्रेक्जिट को समझने और ब्लॉक को मजबूत बनाए रखने पर चर्चा करेंगे. जर्मनी, फ्रांस और इटली ने सोमवार को एक बार फिर अपनी एकता बरकरार रखने का प्रण दोहराया और कहा कि वे किसी भी हाल में ईयू के रक्षा, आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धी माहौल को बनाए रखेंगे. ईयू को अभी भी लंदन की ओर से संघ को छोड़ने से संबंधित कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है.