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ब्रिटेन में ईयू नागरिकों के साथ दुश्मनों सा बर्ताव

स्वाति बक्शी
१९ मई २०२१

लॉकडाउन खुलने के बाद यूरोपीय संघ के नागरिक यूके में गैर दोस्ताना माहौल पा रहे हैं. उन्हें ब्रिटेन आने से रोकने के लिए हवाई अड्डों पर हिरासत में लेने जैसी खबरें हैं. गृह मंत्री प्रीति पटेल की इसके लिए आलोचना हो रही है.

Coronavirus - Großbritannien
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. King

एक तरफ ईयू सेटलमेंट योजना के तहत आवेदन करने की नजदीक आती समय-सीमा और फैसले के इंतजार में बैठे लाखों लोगों की जिंदगी पर पड़ने वाले असर का गंभीर सवाल है तो दूसरी ओर इस तरह की घटनाएं ब्रेक्जिट की कड़वी जमीनी सच्चाई की कलई खोल रही हैं. ब्रिटेन के आव्रजन मंत्री और ब्रेक्जिट समझौते के अमल के लिए जिम्मेदार डेविड फॉस्टर ने एक संसदीय कमेटी को दिए बयान में कहा है कि "ईयू के साथ संबंधों में ऊंच-नीच फिलहाल चलती रहेगी. सरकार इसे सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अभी बहुत काम बाकी है.”

दुर्व्यवहार की घटनाएं

ब्रिटेन के द गार्डियन अखबार में छपी कुछ रिपोर्टों के मुताबिक यूरोपीय नागरिकों को एयरपोर्ट पर रोका गया, हथकड़ियां पहनाई गईं और कर्मचारियों के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. एक बीस वर्षीय इटैलियन युवती ऐना सिल्वेस्त्रा की आपबीती दर्ज करते हुए अखबार ने लिखा है कि 8 मई को ऐना और उनके पति को ब्रिटेन के लूटन हवाई अड्डे पर ब्रिटेन में प्रवेश करने से रोका गया. उन्हें हिरासत में लेकर एक गाड़ी के अंदर रखा गया जहां पूरी रात बिताने के बाद उन्हें एक डिटेंशन सेंटर ले जाया गया. सात दिन सेंटर में बिताने के बाद ऐना और उनके पति को वापस इटली रवाना कर दिया गया.

हवाई अड्डे पर कंट्रोलतस्वीर: Getty Images/N. Hallen

ऐसी ही एक और कहानी एस्टोनिया की ऐबी (बदला हुआ नाम) की है. अखबार से बातचीत में बीस वर्षीय ऐबी ने कहा कि उनसे ब्रिटेन आने का कारण पूछा गया. जब उन्होंने कहा कि वो परिवार और दोस्तों के साथ रहने आई हैं तो सीमा सुरक्षा अधिकारियों को उन पर शक हुआ कि वो बिना तनख्वाह के पारिवारिक मदद के तौर पर काम करने के लिए ब्रिटेन में प्रवेश कर रही हैं. ऐबी का कहना है कि ब्रिटेन की सीमा से बाहर निकालने से पहले तीस घंटे तक गैटविक हवाई पर रोक कर रखा गया.

एक अन्य घटना में एक स्पैनिश महिला को चौबीस घंटे के लिए गैटविक एयरपोर्ट पर रोक कर रखा गया. महिला का कहना था कि वो ब्रिटेन में एक इंटरव्यू के सिलसिले में आई हैं. ये मामला उठने के बाद सरकार को इस बात की सफाई देनी पड़ी है कि नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए ईयू नागरिक कानूनी तौर पर बिना वीजा ब्रिटेन आने के हकदार हैं.

गृह मंत्री की निंदा

दुर्व्यवहार की इन खबरों के बीच छह संसदीय पार्टियों के एक दल ने गृह मंत्री प्रीति पटेल की आलोचना करते हुए मांग की है कि गृह मंत्रालय तत्काल अपनी स्थिति साफ करें. सांसद जेमी स्टोन की अगुआई में इन सांसदों ने एक पत्र लिखकर कहा है कि "तमाम बयान इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सिर्फ कागजों की कमी के चलते काम की तलाश में आए ईयू नागरिकों को बंदी बनाया गया, उनका निजी सामान ले लिया गया और बाहरी दुनिया से किसी तरह का संपर्क भी काट दिया गया. किसी भी इंसान के साथ, चाहे वो कहीं से और किसी भी कारण से आया हो, ऐसा बर्ताव बिल्कुल नहीं होना चाहिए.”

पत्र में मांग की गई है कि गृह मंत्रालय हिरासत में रखे गए ईयू नागरिकों की सही संख्या जारी करे और लोगों के साथ नरमी के साथ पेश आए. गौरतलब है कि इन घटनाओं और आलोचनाओं के बाद गृह मंत्रालय ने नियमों में फेरबदल करते हुए एयरपोर्ट पर हिरासत में रखे गए ईयू नागरिकों को अपने परिजनों और दोस्तों से मिलने के लिए जमानत का हक दिया है.

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