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ब्रेक्जिट मसौदे पर नहीं बनी ब्रिटेन में सहमति

१३ मार्च २०१९

ब्रिटेन की संसद में यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर होने से जुड़े ब्रेक्जिट मसौदे को लेकर लगातार दूसरी बार भी सहमति नहीं बन सकी है. वहीं ईयू ने भी साफ कर दिया है कि अब इस मामले में जो करना है ब्रिटेन को करना है.

Großbritanien | Theresa May spricht im Unterhaus | Brexit | London
तस्वीर: Reuters/UK Parliament/J. Taylor

ब्रिटिश संसद में एक बार फिर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे के ब्रेक्जिट प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है. संसद का यह फैसला उस वक्त आया है जब यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को अलग होने में महज 17 दिन बाकी हैं. अब अगर सहमति नहीं बनती है तो संभावना है कि ब्रिटेन 29 मार्च को बिना किसी समझौते के अपने 46 साल पुराने सबसे बड़े कारोबारी साझेदार से अलग हो जाएगा.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि अगर ब्रिटेन को "आर्थिक झटके" से बचाना चाहते हैं तो ब्रेक्जिट को लेकर किसी समझौते पर पहुंचना ही होगा. उन्होंने वोटिंग से पहले संसद में कहा था कि अगर संसद किसी डील पर नहीं पहुंचती है तो ब्रेक्जिट को हम खो भी सकते हैं. वहीं यूरोपीय संघ का विरोध करने वाला खेमा कहता है कि डील इतनी बुरी है कि इस पर समझौता नहीं होना ही सही है.

तस्वीर: picture-alliance/J. Taylor

ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, "हमें ऐसा रास्ता लेना चाहिए जो अभी बेहद ही कठिन नजर आ रहा है, लेकिन अंत में यही हमारे आत्मसम्मान को बचाएगा." उन्होंने कहा कि हमें कानूनी रूप से 29 मार्च को अलग होना है और एक बार फिर ऐसा स्वतंत्र देश बनना है जो अपनी नीतियों को स्वयं तय करेगा. 

इससे पहले जनवरी में संसद ने ब्रेक्जिट मसौदे को खारिज कर दिया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री मे ने बैकस्टॉप प्लान में बदलाव का वादा किया था. लेकिन नए प्लान पर भी संसद में सहमति नहीं सकी. यूरोपीय संघ के वरिष्ठ नेताओं ने खेद जताते हुए कहा है कि वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे.

ब्रेक्जिट पर ईयू में वार्ताकार की भूमिका निभा रहे मिशेल बार्नियर का कहना है कि ईयू के पास अब पेशकश करने के लिए कुछ नहीं बचा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "यूरोपीय संघ ने बाहर होने के समझौते पर सहमति बनाने को लेकर सब कुछ किया. लेकिन अब यह मुद्दा सिर्फ ब्रिटेन में ही सुलझ सकता है. अब हमारी नो-डील को लेकर तैयारियां पहले से कही अधिक अहम हो गई हैं."

जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने ट्वीट कर कहा कि नो वोट की सूरत में अब बिना किसी समझौते के ब्रेक्जिट पर अमल होने की संभावनाएं बढ़ गई है. उन्होंने कहा, "संसद का यह फैसला नो-डील की स्थिति के पास पहुंच गया है. इस स्थिति में बस इतना कह सकता हूं कि जर्मनी खुद को खराब से खराब परिस्थिति के लिए भी तैयार कर रहा है."

जर्मन ईयू कमिश्नर गुंथर ओटिंगर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब ब्रिटेन, ईयू से बाहर निकलने की तारीख को स्थगित कर सकता है. उन्होंने कहा, "फिर हम देखेंगे कि इसके लिए क्या कारण दिए गए हैं और हम उनकी अच्छी तरह जांच करेंगे." ओटिंगर ने उम्मीद जताई कि समयसीमा के आगे बढ़ने से संभव है कि ब्रिटेन और ईयू किसी निर्णय पर पहुंच पाएं.

एए/ (एएफपी, डीपीए)

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