अमेरिका में खूबसूरती के चक्कर में कई महिलाओं ने ब्रेस्ट इम्प्लांट का सहारा लिया. लेकिन अब पता चला है कि इम्प्लांट के चलते एक बेहद घातक किस्म का कैंसर फैल रहा है.
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अमेरिका में ब्रेस्ट इम्प्लांट के चलते हुए कैंसर के 350 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. नौ महिलाओं की मौत हो चुकी है. खुद अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन FDA ने माना है कि ब्रेस्ट इम्प्लांट की वजह से एक बेहद दुर्लभ किस्म का कैंसर पनप रहा है. 2011 हुए एक शोध के दौरान यह शक जताया गया था कि ब्रेस्ट इम्प्लांट और एनाप्लास्टिक लार्ज सेल लिमफोमा (ALCL) के बीच संबंध हो सकता है. लेकिन उस रिपोर्ट पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया.
अब FDA ने माना है कि कैंसर और ब्रेस्ट इम्प्लांट के बीच सीधा रिश्ता दिख रहा है. FDA ने कहा कि अब तक मिली हर जानकारी इस बात की ओर इशारा कर रही है कि ब्रेस्ट इम्प्लांट कराने वाली महिलाओं को ALCL होने का खतरा रहा है. इम्प्लांट न कराने वाली महिलाओं में ALCL का विकास नहीं मिला.
जांच में पता चला है कि सर्जरी के दौरान स्तन के भीतर इम्प्लांट से टी सेल लिमफोमा विकसित होने लगता है. ये एक बेहद दुलर्भ किस्म का कैंसर है. ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसे 46 मामले सामने आ चुके हैं. वहां तीन महिलाओं की मौत भी हुई. फ्रांस के नेशनल कैंसर इंस्टीच्यूट ने दो साल पहले इम्प्लांट के चलते कैंसर होने की चेतावनी भी दे दी थी. फ्रांस में भी ALCL के 18 मामले सामने आ चुके हैं.
(आठ सबसे खतरनाक कैंसर)
8 सबसे खतरनाक कैंसर
साल 2012 में 1.4 करोड़ वयस्क कैंसर से पीड़ित पाए गए. 80 लाख से ज्यादा की उसी साल कैंसर के कारण मौत हो गई. जानिए वे कौन से 8 तरह के कैंसर हैं जो सबसे जानलेवा है.
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फेफड़ों का कैंसर
ज्यादातर मरीजों को इसका पता बहुत देर से लगता है. कैंसर फेफड़ों से शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैल जाता है. फैफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण लंबे समय तक धूम्रपान है. लेकिन जो धूम्रपान नहीं करते उन्हें भी इसका 10 से 15 फीसदी खतरा रहता है.
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स्तन कैंसर
महिलाओं को स्तन कैंसर का ज्यादा खतरा रहता है. खासकर वे जिनका मासिकधर्म कम उम्र में शुरू हुआ होता है. या फिर वे जिन्होंने कभी बच्चे को जन्म ना दिया हो या फिर ज्यादा उम्र में मां बनी हों. रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोन का इलाज करवाने से भी इसका खतरा पैदा होता है. कसरत की कमी, मोटापा और शराब का अत्यधिक सेवन भी इसके कारण हो सकते हैं.
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बड़ी आंत का कैंसर
इसके चार मुख्य कारण हो सकते हैं- खानपान, मोटापा, शारीरिक श्रम की कमी और धूम्रपान. बड़ी आंत के कैंसर से बचने के लिए रेड मीट के बहुत अधिक सेवन से बचना चाहिए और शराब कम पीनी चाहिए.
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प्रोस्टेट कैंसर
जैसे महिलाओं को स्तन कैंसर से सावधान रहना चाहिए उसी तरह पुरुषों के प्रोस्टेट कैंसर को लेकर सतर्क रहना चाहिए. प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ने पर मरीज को पेशाब करने में तकलीफ होती है और कूल्हों और पीठ में दर्द रहता है.
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ल्यूकीमिया
ल्यूकीमिया यानि रक्त कैंसर. इस बीमारी में अस्थिमज्जा प्रभावित होती है. ल्यूकीमिया में मरीज आसानी से संक्रमित हो सकता है. शरीर को बहुत थकान होती है. घाव जल्दी नहीं भरते.
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एनएचएल
कुछ तरह के एनएचएल विकसित होने में समय लेते हैं जबकि कुछ फौरन फैल जाते हैं. इस तरह का ट्यूमर सफेद रक्त कोशिकाओं या लिम्फोसाइट्स से बनता है.
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अग्नाशय का कैंसर
अग्नाशय पेट के पीछे स्थित होता है. कभी कभी अग्नाशय में असामान्य कोशिकीय विकास होने के कारण अग्नाशय का कैंसर हो जाता है. इस तरह का कैंसर खतरनाक है क्योंकि इसके लक्षण जल्दी सामने नहीं आते. जब तक पता चलता है, कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल चुका होता है.
मीसोथेलिओमा
यह एक असामान्य टाइप का कैंसर है. मीसोथीलियम कोशिकाओं से बनी परत शरीर के अंदरूनी अंगों की रक्षा करती है. इस तरह के कैंसर में यह परत प्रभावित होती है और शरीर के कई अंगों में कैंसर फैल सकता है. इसका प्रमुख कारण एसबेस्टस है.