1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'ब्रैंड मोदी' को मिला जनता का साथ

११ मार्च २०१७

भारत के पांच राज्यों के चुनावी नतीजे साफ दिखा रहे हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर ब्रैंड मोदी सब पर भारी है. नोटबंदी से लेकर महंगाई तक मोदी विरोधियों का कोई मुद्दा जनता के गले नहीं उतरा और लोग ब्रैंड मोदी के साथ दिखे.

Indien Wahlergebnisse Jubel
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. K. Singh

मोदी की भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में तिहरा शतक बनाने के साथ ही इतिहास रच रही है. कुल 403 सीटों वाले यूपी में बहुमत के लिए किसी एक पार्टी को 202 सीटों की जरूरत थी. यहां 22 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं और इस राज्य में जीत को राष्ट्रीय राजनीति के लिहाज से सबसे बेहद अहम माना जाता है. 

यूपी की इस जीत से दो साल बाद देश भर में होने वाले आम चुनावों से पहले राष्ट्रीय राजनीति पर मोदी की पकड़ और मजबूत होगी. सबसे सीधे तौर पर तो इससे संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में मोदी की पार्टी को बहुमत मिलने का रास्ता खुलेगा और इससे वे अपने सुधारवादी एजेंडे को लागू कर सकेंगे. अब तक इस सदन में कांग्रेस बहुमत में रही है और बीजेपी सरकार के कई प्रयासों को रोकती रही है.

पहले तो तीन दशकों के बाद 2014 के आम चुनाव में मोदी ने केंद्र में बीजेपी के बहुमत वाली सरकार बना कर इतिहास रचा था. तब से दिल्ली और 2015 में बिहार के चुनावों जैसे कुछ अपवादों को छोड़ दें तो देश के बाकी राज्यों में हुए चुनाव में मोदी के नाम पर ही लोगों ने वोट दिए हैं. राजनीति के जानकार इन रुझानों को देखते हुए 2019 के आम चुनावों में भी मोदी के फिर से विजेता बनने की आशा करते हैं.

नवंबर 2016 में भारत भर में रातों रात 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने के औचक आदेश के कारण देश भर से लोगों की परेशानियों के समाचार आते रहे. लंबी लाइनों में लग कर अपने पैसों को जमा करने और उनके बदले नए नोट पाने की कोशिश के दौरान कई अप्रिय घटनाएं भी घटीं. लेकिन कभी प्याज, टमाटर, तेल या दाल के दाम बढ़ने से नाराज होकर पार्टियों को चुनाव में हार का स्वाद चखाने वाली जनता ने इस बार नोटबंदी से होने वाली परेशानी के बावजूद मोदी की पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाया. बल्कि चुनावी नतीजे तो इस ओर इशारा करते हैं कि मोदी के नाम पर जनता बीजेपी को समर्थन देकर और ऐसे देशव्यापी कदम उठाने का जनादेश दे रही है.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. K. Singh

उत्तर प्रदेश में 2012 से समाजवादी पार्टी की सरकार है और इस बार चुनाव में एसपी नेता और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में उतरे थे. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 403 में से केवल 47 सीटें मिली थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में 80 में से 73 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ ही राज्य में बड़े स्तर पर बीजेपी ने अपनी पैठ बना ली थी. राज्य चुनावों में भी ब्रैंड मोदी के नाम पर बीजेपी के मजबूत होने से देश में फिर से 1960 और 70 के दशक जैसे हालात लौटेंगे, जब देश में सत्ताधारी कांग्रेस का ही बोलबाला था और विपक्ष बेहद निरीह, कमजोर था.

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें