जर्मनी के प्रमुख अर्थशास्त्री भी अब देश में मंदी के संकेत देख रहे हैं. वे जर्मन सरकार की आलोचना में कोई झिझक नहीं दिखा रहे. डॉयचे वेले के आंद्रेयास बेकर का कहना है कि इटली और फ्रांस में इससे खुशी की लहर होगी.
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जर्मनी के आर्थिक विकास की दर धुंधली पड़ रही है. देश के प्रमुख आर्थिक शोध संस्थानों ने आर्थिक विकास की अपनी भविष्यवाणी बदलकर कम कर दी है. अब वे इस साल सिर्फ 1.3 और अगले साल 1.2 प्रतिशत विकासदर की बात कर रहे हैं. यह बुरी खबरों की लंबी सूची में सबसे ताजा खबर है. पहले निर्यात में भारी कमी आई, उद्योग को मिले ऑर्डरों और प्रोडक्शन में कमी हुई, इतनी जितनी 2009 के वित्तीय संकट के बाद से नहीं हुई थी. खासतौर पर प्रभावित है जर्मन अर्थव्यवस्था की जान मशीनरी और संयंत्र निर्माण.
सिर्फबचतकाआइडिया
इसी हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक नए वैश्विक संकट की चेतावनी दी है और वैश्विक तथा जर्मनी के आर्थिक विकास की संभावित विकास दर गिरा दी है. जर्मन उद्यमों के अधिकारियों, शेयर बाजारों और परिवारों के माहौल को नापने वाला विकास बैरोमीटर कई महीनों से ढलान पर था. अब तक जर्मन सरकार कमजोर विकास के संकेत मिलने पर यूरोपीय पड़ोसियों से बचत और आर्थिक सुधारों की मांग करती थी. फ्रांस और इटली की सरकार को जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल का संदेश है कि जर्मन मिसाल पर चलो, सब कुछ ठीक हो जाएगा.
लेकिन बुरी खबरों का सिलसिला दिखाता है कि निर्यात पर निर्भर जर्मन अर्थव्यवस्था का विकास नहीं हो सकता यदि यूरोपीय पड़ोसियों की हालत खराब हो. आखिर वही जर्मनी से होने वाले निर्यात का दो तिहाई हिस्सा खरीदते हैं. चीन और ब्राजील जैसे बाजारों में अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है. उसके लिए जर्मन सरकार कुछ नहीं कर सकती. लेकिन यूरोप के आर्थक संकट में वह जरूर कुछ कर सकती है. पर ऐसा नहीं लगता कि वह कुछ करना चाहती है.
सचमुच के एकजुटता वाले समाधानों का मैर्केल हमेशा विरोध करती रही हैं, साझा सरकारी बॉन्ड यूरो बॉन्ड से लेकर बैंक यूनियन के तहत बचत की साझा सुरक्षा तक. बचत नीति में ढील की इटली और फ्रांस की मांग को उन्होंने उसी तरह ठुकरा दिया है जिस तरह जर्मनी में फिर से ज्यादा निवेश की मांग को. हालांकि ठांचागत संरचना और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की फौरन जरूरत है. 1990 के दशक के शुरू में निजी और सरकारी निवेश जर्मनी के आर्थिक प्रदर्शन का एक चौथाई हुआ करता था. इस बीच यह हिस्सा गिरकर सिर्फ 17 प्रतिशत रह गया है.
ब्लैकजीरोयायूरोप
इसके बावजूद वित्त मंत्री शॉएब्ले अपने पसंदीदा प्रोजेक्ट संतुलित बजट पर अड़े हैं, तथाकथित ब्लैक जीरो. यह यूरोपीय पड़ोसियों को दिखाने का उनका तरीका है कि उन्हें जर्मनी की मिसाल लेनी चाहिए. आर्थिक विकास पर शोध करने वालों ने अपनी ताजा रिपोर्ट में इसके लिए स्पष्ट शब्दों का इस्तेमाल किया है. ब्लैक जीरो सम्मान का प्रोजेक्ट है, जिसकी आर्थिक रूप से फिलहाल जरूरत नहीं है. फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद को ये बातें अच्छी लगी होंगी.
इसके विपरीत शॉएब्ले नीति में बदलाव को बेवकूफी बताते हैं. नए कर्ज पर सवाल उठाने की जरूरत है, लेकिन फिर भी संकट के संकेत को नजरअंदाज करना और बचत की नीति को जारी रखने की जिद करना गलत है. आर्थिक ठहराव के साल, यूरोपीय संघ में 2.6 करोड़ बेरोजगार, कमजोर होती सामाजिक कल्याण व्यवस्था और राष्ट्रवादी पार्टियों का मजबूत होना संयम के सिद्धांत से पीछे हटने की पर्याप्त वजह होनी चाहिए.
जर्मनी के 10 सबसे सुंदर मेट्रो स्टेशन
शहरों के अंडरग्राउंड स्टेशन डिजाइनरों के लिए बड़े कैनवस का काम करते हैं. मिचा पावलित्सकी ने जर्मनी के इन शानदार मेट्रो स्टेशनों की तस्वीरें ली हैं और उन्हें एक फोटोबुक में पेश किया है.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
म्यूनिखः मारियनप्लाट्ज स्टेशन
रोशनी, रंग और आकार अंडरग्राउंड के इस स्टेशन को खास बनाते हैं. पुरस्कार जीतने वाले फोटोग्राफर पावलित्सकी जर्मनी के अंडरग्राउंड के डिजाइनों से खासे प्रभावित हैं. जर्मनी में अंडरग्राउंड रेलवे को ऊ-बान कहते हैं.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
कोलोनः ऑयसरे कानालश्ट्रासे स्टेशन
1972 में जन्मे पावलित्सकी ने आर्किटेक्चरल फोटोग्राफी को अपनी खासियत बनाया है. वह नेशनल ज्योग्रैफिक और जीओ के लिए काम करते हैं और उनके नाम 130 से ज्यादा किताबें और कैलेंडर हैं. उन्होंने अंडरग्राउंड को तस्वीरों के जरिए नई पहचान दी है.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
म्यूनिखः हाजेनबैर्गल स्टेशन
इस काम में पावलित्सकी को दो साल लगे. इस दौरान वह जर्मनी में घूम घूम कर नए डिजाइनों की तस्वीरें लेते रहे. इसकी एक और खासियत है, सारी तस्वीरें रात में ली गई हैं, जब वहां यात्रियों की कोई भीड़ नहीं दिखती है.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
श्टुटगार्टः किर्षटालश्ट्रासे स्टेशन
पावलित्सकी की तस्वीरों में बारीकी में जाने की जरूरत है. फोटोग्राफी में आधुनिक और भविष्य को रेखांकित किया गया है. कोई भी इंसान तस्वीरों में नहीं है. फोटोग्राफर का कहना है, "मेरा मानना है कि वे हमें मुख्य विषय से भटकाते हैं."
तस्वीर: Micha Pawlitzki
हैम्बर्गः ऊबरजेक्वार्टियर स्टेशन
मई, 2011 में मिचा पावलित्सकी ने "हू इज हू इन वियुअल आर्ट. 100 फोटोग्राफ" कलेक्शन पेश किया. दो साल बाद उन्हें "ग्रेगर कैलेंडर अवार्ड" से नवाजा गया. उनकी तस्वीरों में तकनीकी बारीकी भी जबरदस्त होती है.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
गेल्जेनकिर्षेनः बेर्गवेर्क कॉनसोलिडासियोन स्टेशन
जब पावलित्सकी काम नहीं करते हैं, तो कई कई महीनों तक दुनिया घूमते रहते हैं. उन्हें हमेशा बेहतरीन लाइटिंग और लोकेशन की तलाश रहती है. जैसे ही बादलों के बीच सूरज झांकता है, उनका मौका सामने आ जाता है, "हमेशा ऐसा नहीं होता है कि पर्यावरण की सभी चीजें आपके हक में एक साथ काम करें."
तस्वीर: Micha Pawlitzki
फ्रैंकफर्टः वेस्टेंड स्टेशन
आम तौर पर उनकी तस्वीरें चमकदार होती हैं और वे स्याह हिस्से को नहीं दिखाती हैं. पावलित्सकी की तस्वीरों में शांति और बारीकी छिपी रहती है.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
म्यूनिखः वेस्टफ्रीडहोफ स्टेशन
पावलित्सकी को खास तौर पर म्यूनिख के अंडरग्राउंड स्टेशनों से लगाव है. अलग अलग स्टेशन उन्हें आकर्षित करते हैं. वेस्टफ्रीडहोफ स्टेशन के पास लगी लाइटों के लिए जर्मनी के इंडस्ट्री डिजाइनर इंगो माउरर को भी काम पर लगाया गया था.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
म्यूनिखः कांडिडप्लाट्ज स्टेशन
पावलित्सकी इन अंडरग्राउंड स्टेशनों को "धरती के जवाहरात" बताते हैं. कांडिडप्लाट्ज स्टेशन की इस तस्वीर को देख कर पता लग सकता है कि वह ऐसा क्यों कहते हैं.
तस्वीर: Micha Pawlitzki
न्यूरेम्बर्ग: माक्सफेल्ड स्टेशन
मिचा पावलित्सकी की किताब "अंडरग्राउंड" में मेट्रो स्टेशनों की बेहतरीन तस्वीरों का संगम है और यह सफर अभी रुका नहीं है. पावलित्सकी को अभी और खूबसूरत जगहों की तलाश है.