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ब्लैक बॉक्स मिलना जरूरी

७ जनवरी २०१५

एयर एशिया के जहाज के मलबों की खोज में खराब मौसम की बाधा आ रही है. फ्रांस की एक जांच टीम ब्लैक बॉक्स की खोज में लगी है ताकि हादसे की वजह का पता लगाया जा सके.

तस्वीर: Reuters/Bagus Indahono

28 दिसंबर को एयर एशिया के विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया था. इंडोनेशिया के सुराबाया से सिंगापुर जा रही इस उड़ान में 162 लोग सवार थे. अब तक चालीस शव और कुछ मलबा ही मिल पाया है. इस हादसे को समझने के लिए डॉयचे वेले ने बात की इंडोनेशिया के विमानन विशेषज्ञ गैरी सोयात्मन से.

डॉयचे वेले: अब तक जो मलबा मिला है, उससे हादसे के बारे में क्या पता चलता है?

गैरी सोयात्मन : अब तक कुछ ही टुकड़े मिल पाए हैं और उनसे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिलती. हमारे पास केवल कैबिन की कुछ चीजें हैं और दो इमरजेंसी स्लाइड हैं. इनसे कुछ भी पता नहीं चलता. हां यह कुछ कुछ एयर फ्रांस के विमान 447 के हादसे से मेल खाता दिखता है लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. यह सच है कि दोनों ही विमानों को तूफानी मौसम का सामना करना पड़ा. दोनों ही बहुत तेजी से ऊपर पहुंचे और फिर नीचे गिर गए. लेकिन इससे ज्यादा फिलहाल और कोई भी समानता नहीं मिली है.

विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले की क्या जानकारी उपलब्ध है?

हमें बस इतना ही पता है कि मौसम बहुत ही बुरा था लेकिन साल के इस वक्त के लिए यह सामान्य सी बात है क्योंकि अभी मानसून चल रहा है. लगता है कि विमान कई तूफानी बादलों से गुजरा. इसके बाद और बुरे मौसम से बचने के लिए विमान ने रास्ता बदलने की अनुमति मांगी और दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले वह बायीं ओर मुड़ा भी.

खोज दल के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती क्या होगी?

मलबे का मुख्य हिस्सा अब तक नहीं मिला है, तो जहां भी उन्हें विमान के टुकड़े या लाशें मिलेंगी, वे उन्हें ले कर आएंगे. गोताखोरों की दो टीमें ऐसी दो जगहों पर जाएंगी, जहां मलबे के मिलने की संभावना सबसे ज्यादा है. एक बार वे विमान की पुष्टि कर लें, उसके बाद वे लाशें निकालने का काम शुरू कर सकते हैं. साथ ही ब्लैक बॉक्स और जांच के लिए जरूरी अन्य चीजों की खोज भी करेंगे.

जावा के समुद्र में यह काम कितना मुश्किल है?

समुद्र ज्यादा गहरा नहीं है. पानी काफी गंदा है, इसलिए महज दो मीटर तक ही देखा जा सकता है. कई जगहों पर पानी का बहाव भी काफी तेज है. गोताखोरों के लिए इससे काफी मुश्किलें पैदा होती हैं. वहां सोनार तरंगों का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि शोर काफी है. ब्लैक बॉक्स को ढूंढ निकालने के लिए अंडरवॉटर लोकेटर बीकन की सहायता लेनी होगी.

आप किस तरह के नतीजों की उम्मीद कर रहे हैं?

इस वक्त लोग कई तरह की अटकलें लगा रहे हैं. ब्लैक बॉक्स मिलने पर ही पता चल सकता है कि हुआ क्या था. साथ ही हादसे की वजह जानना इसलिए भी जरूरी है ताकि इससे सीख ली जा सके और भविष्य में ऐसा कुछ भी दोबारा होने से रोका जा सके. विमान में सवार यात्रियों के दोस्तों और परिवारजनों के लिए भी यह जानकारी बहुत जरूरी है.

इंटरव्यू: गाब्रिएल डोमिंगेज/आईबी

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