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भागते भागते चार बच्चों का बाप बना बिन लादेन

३० मार्च २०१२

ओसामा बिन लादेन न्यू यॉर्क पर आतंकी हमले के बाद से भागता फिर रहा था. इस पूरे नौ साल वह पाकिस्तान में इधर से उधर छिपता रहा. इस दौरान पांच घरों में रहा और उसके चार बच्चे पैदा हुए.

तस्वीर: AP

बिन लादेन अपनी सबसे छोटी बीवी के सबसे करीब माना जाता है. यमन की 30 साल की इसी बीवी अमल अहमद अब्दुल फातेह ने बताया कि उनके दो बच्चे पाकिस्तान के सरकारी अस्पताल में पैदा हुए. पिछले साल बिन लादेन के मारे जाने के बाद से उसकी तीन पत्नियां पाकिस्तान में हिरासत में हैं. उन पर गलत तरीके से देश में घुसने का आरोप है. इसी दौरान हुई पूछताछ में इन बातों का खुलासा हुआ है.

अमेरिका के न्यू यॉर्क टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक पाकिस्तान की पुलिस ने 19 जनवरी को पूछताछ के बाद जो डायरी तैयार की है, उसमें ओसामा बिन लादेन के कई रहस्य जमा हैं. इन बातों के सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि दुनिया का मोस्ट वांटेंड आतंकवादी किस तरह पाकिस्तान के एक शहर से दूसरे शहर में आता जाता रहा और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई.

पाक में नजरबंद

इन रहस्यों पर से पर्दा हटाने में ओसामा बिन लादेन की तीनों पत्नियों को ही प्रमुख सूत्र अहम माना जा रहा है. 2001 के बाद से ज्यादातर वक्त ये तीनों उसके साथ रहीं और समझा जाता है कि इनके पास बिन लादेन से जुड़ी बहुत सारी जानकारी हैं. तीन बीवियों के अलावा दो बेटियां 21 साल की मरियम और 20 साल की सुमैया को इस्लामाबाद के एक घर में नजरबंद रखा गया है. उनके वकील का कहना है कि सोमवार को उनके खिलाफ आरोप तय हो सकते हैं. अगर उन्हें गलत तरीके से पाकिस्तान में घुसने का दोषी पाया गया, तो उन्हें पांच साल तक की सजा हो सकती है.

तस्वीर: Reuters

बिन लादेन की तीनों पत्नियों ने अलग अलग तरीके से पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ सहयोग किया है. खरिया हुसैन साबिर और सिहम शरीफ बड़ी पत्नियां हैं और बताया जाता है कि सऊदी अरब की इन दोनों औरतों ने जांच अधिकारियों के साथ ज्यादा सहयोग नहीं किया. हालांकि फातेह ने जांच में अच्छा सहयोग किया है. बिन लादेन के साथ पिछले साल हुई मुठभेड़ में फातेह जख्मी हो गई थी. उससे जो जानकारी मिली है, वह पाकिस्तान की मीडिया में छप चुका है.

क्यों की शादी

जो खबरें सामने आई हैं, उसके मुताबिक फातेह ने 2000 में बिन लादेन के साथ शादी करने की हामी भर दी क्योंकि वह किसी मुजाहिद के साथ शादी करना चाहती थी. इसके बाद वह कराची पहुंची, जहां से उसे अफगानिस्तान ले जाया गया. उस वक्त बिन लादेन अपनी दो पत्नियों के साथ कंधार में रह रहा था. 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद उन्हें अफगानिस्तान से भागना पड़ा. फातेह अपनी नवजात बच्चे के साथ कराची पहुंची, जहां नौ महीने के अंदर उन्होंने सात बार घर बदला. इस दौरान एक पाकिस्तानी परिवार ने उन्हें घर बदलते रहने में मदद दी.

बताया जाता है कि उस वक्त अल कायदा के दूसरे वरिष्ठ सदस्य भी कराची में थे. ऐसी भी जानकारी है कि खालिद बिन मोहम्मद ने उसी दौरान अपने हाथों से डेनियल पर्ल नाम के पत्रकार की हत्या की. बाद में 2003 में उसे रावलपिंडी से गिरफ्तार किया गया. उसे ग्वांतानामो की जेल में रखा गया है. फातेह का दावा है कि 2002 के बाद के दिनों में वह कराची से पेशावर पहुंच गई, जहां उसका पति यानी ओसामा बिन लादेन भी पहुंच गया. इस दौरान खास तौर पर अफगान पाकिस्तान सीमा पर बिन लादेन की तलाश चलती रही.

कई जगह ठिकाना

बिन लादेन अपनी पत्नियों के साथ पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के पहाड़ी शहरों के पास चला गया. उस वक्त उसकी तलाश कबायली इलाकों में चल रही थी. बिन लादेन स्वात के शांगला जिले में आठ से नौ महीने तक दो अलग अलग घरों में रहा.

इसके बाद 2003 में वे इस्लामाबाद के पास हरिपुर नाम के एक छोटे से शहर में चला गया. यहां एक किराए के मकान में यह परिवार दो साल तक रहा. यहां फातेह ने दूसरी बेटी आसिया को जन्म दिया. 2004 में यहीं उनके बेटे इब्राहीम का जन्म हुआ. इन दोनों का जन्म सरकारी अस्पताल में हुआ. पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों ही बार फातेह बहुत कम वक्त के लिए अस्पताल में रहीं, शायद दो या तीन घंटों के लिए. हालांकि कुछ जगह ऐसी रिपोर्टें भी हैं कि फातेह ने अस्पताल में अपनी असली पहचान छिपाई.

फातेह का कहना है कि आखिरकार 2005 के मध्य में वे एबटाबाद आ गए, जो हरिपुर से सिर्फ 20 मील की दूरी पर है. यहां उनके दो और बच्चे पैदा हुए, 2006 में जैनब नाम की लड़की और 2008 में हुसैन नाम का लड़का.

पाकिस्तानी मेजबान

जांच में फातेह का दावा है कि पश्तून मेजबान ने उनके लिए हरिपुर और एबटाटबाद के घरों का इंतजाम किया. वे दो भाइयों का जिक्र करती हैं, जिनका नाम इब्राहीम और अबरार है. उनका परिवार लगातार ओसामा बिन लादेन के साथ रहा. समझा जाता है कि इब्राहीम ही अबु अहमद अल कुवैती है, जिस पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी की नजर थी. अल कुवैती को कुरियर बताया जाता है, जो अल कायदा प्रमुख को चिट्ठियां पहुंचाने का काम करता था.

अमेरिकी नेवी सील की टुकड़ी ने जब पिछले साल एबटाबाद के घर में धावा बोला, तो उन्होंने बिन लादेन को मार गिराया और उसी कमरे में मौजूद उसकी पत्नी फातेह जख्मी हो गई. लेकिन इस हमले में चार और लोग मारे गए, कुरियर यानी इब्राहीम, उसकी पत्नी बुशरा, अबरार और बिन लादेन का 20 साल का बेटा खलील.

फातेह का दावा है कि 2005 में कई बार अमेरिकी फौजें उनके बेहद पास से गुजरीं. उसने बताया कि उस साल आए भूकंप के दौरान अमेरिकी हेलिकॉप्टर रसद और राहत का सामान लेकर उनके सिर के ऊपर से उड़ते थे. यह राहत काम कई हफ्ते चला. इस दौरान वे एबटाबाद में थे. उस वक्त के पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने साफ तौर पर इस बात से इनकार किया था कि बिन लादेन उनके देश में है. मुशर्रफ का कहना था कि वह सीमा पार अफगानिस्तान में है.

पाकिस्तान ने पहले तय किया था कि बिन लादेन की तीनों पत्नियों को उनके देश सऊदी अरब और यमन भेज दिया जाएगा. लेकिन बाद में उन पर मुकदमा कर दिया गया. जानकारों का कहना है कि अमेरिका की उन तीनों में काफी दिलचस्पी है क्योंकि उसे लगता है कि उनसे बिन लादेन के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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