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भाड़ में जाए....मैं तो यहां नहीं रहूंगा: अय्यर

२३ अगस्त २०१०

कॉमनवेल्थ खेलों पर फिर बरसे दिग्गज कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर. अव्यवस्थाओं का हवाला देते हुए अय्यर ने कहा, मैं खेलों के दौरान किसी भी कीमत पर भारत में नहीं रहूंगा. दिखावेबाजी छोड़कर चीन से सीख लेने नसीहत दी.

तस्वीर: UNI

शशि थरूर की शादी में केरल पहुंचे पूर्व खेल मंत्री मणिशंकर अय्यर कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े सवालों पर झल्लाते दिखे. उन्होंने कहा, ''भाड़ में जाए, मैं दो हफ्तों के लिए देश से बाहर रहूंगा क्योंकि में इन खेलों का गवाह नहीं बनना चाहता.''

चीन का हवाला देते हुए अय्यर ने कहा, ''कॉमनवेल्थ के लिए बहाए जा रहे पैसे को अगर ग्रामीण इलाकों के आधारभूत ढांचे और खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर खर्च किया जाता तो भारत खेलों के क्षेत्र में एक मजबूत देश बनता.'' ऐसा करने से 10-15 साल के भीतर भारत चीन की तरह अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में अच्छी संख्या में पदक जीतने लगता.

खेलों की सुरक्षा के लिए मुफ्त में भारतीय सेना की सेवाएं लेने की मांग पर

अय्यर ने नाराजगी जाहिर की. उन्होने उम्मीद जताई की रक्षा मंत्री एके एंटनी इस बात पर समझदारी से विचार करके अच्छा फैसला लेंगे. अय्यर इससे पहले भी कॉमनवेल्थ खेलों पर सार्वजनिक रूप से बरस चुके हैं. वह यहां तक कह चुके हैं कि 'शैतानी ताकतें' खेलों को बेवजह देशप्रेम या राष्ट्रीय गर्व से जोड़ रही हैं.

अब फिर उनकी नाराजगी ऐसे वक्त में सामने आई है जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मामले में खुद दखल दे चुके हैं. साथ ही कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के पर कतरे जा चुके हैं. लेकिन वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अब भी अपने रुख पर कायम हैं. उनका कहना है कि इन खेलों के आयोजन के लिए भारत पूरी तरह तैयार नहीं है, लेकिन नाक ऊंची करने के नाम पर खेल कराए जा रहे हैं.

कॉमनवेल्थ खेलों की निगरानी के लिए 12 सदस्यीय समिति बनाने का अय्यर ने स्वागत किया है. मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री से मिले आश्वासन ने भी उनका दर्द कुछ कम किया है, हालांकि ताजा बयान से लगता है कि दर्द पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: वी कुमार

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