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भारतीय कॉमिक्स में नई जान फूंकने की तैयारी

१७ फ़रवरी २०११

भारत की राजधानी नई दिल्ली में शनिवार से पहली कॉमिक्स बुक कन्वेंशन शुरू होगी. आयोजक इसमें हजारों लोगों के आने की उम्मीद कर रहे हैं ताकि बता सकें कि इंटरनेट के दौर में भी कॉमिक्स का क्रेज कायम है.

तस्वीर: Will Eisner Studios, Inc./2010 DC Comics/DW

कॉमिक्स में लोगों की दिलचस्पी को बरकरार रखने के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. उनमें सूर्य की शक्ति से लैस और आधा मानव और आधा नेवला जैसे नए ग्राफिक किरदार लाए जा रहे हैं.

दो दिन तक चलने वाली इस कन्वेंशन के आयोजक जतिन वर्मा कहते हैं कि भारत की तेज आर्थिक तरक्की ने बड़े कारोबारों से लेकर युवा संस्कृति और अन्य कलाओं के लिए भी नई दुनिया के दरवाजे खोले हैं.

तस्वीर: AP

वह बताते हैं, "कॉमिक्स बुक्स पर काम करने वाले कलाकारों की संख्या बढ़ रही है. नए ग्राफिक नॉवल लॉन्च किए जा रहे हैं. बुक स्टोर भी कॉमिक्स के लिए अपने यहां खास सेक्शन बना रहे हैं. यह खासा उत्साहजनक है."

कार्टून नेटवर्क का कियाधरा

भारतीय कॉमिक्स पिछले डांवाडोल दस साल के बाद नए जोश के साथ बाजार में उतरने की तैयारी कर रही हैं. बहुत से मध्यमवर्गीय भारतीय युवा अमर चित्रकथा कॉमिक्स के साथ बड़े हुए हैं जिसमें हिंदू पौराणिक कथाएं और प्राचीन किस्से हुआ करते थे.

लेकिन जब 1990 के दशक में केबल टीवी का दौर शुरू हुआ तो कॉमिक्स पढ़ने वालों की संख्या में तेज गिरावट देखने को मिली. वर्मा कहते हैं, "भारत की कहानियों को एकदम पुराना समझ लिया गया. बच्चों को लगने लगा कि वे उन्हीं किताबों को क्यों पढ़ें जिन्हें पढ़ कर उनके मां बाप बड़े हुए हैं."

वहीं चित्रकथा सीरीज की संपादक रीना पुरी का कहना है, "जब कार्टून नेटवर्क चैनल भारत में आया तो हमारी सेल को उसने खा लिया." अमेरिकी कार्टून किरदारों और सुपरहीरो के चक्कर में भारत के बच्चों ने हिंदू देवी देवताओं को पीछे छोड़ दिया और स्पाइडरमैन, बैटमैन और एक्समैन जैसे किरादरों से दोस्ती गांठनी शुरू कर दी.

नागराज

राज कॉमिक्स के संजय गुप्ता कहते हैं, "हर बच्चा चाहता है कि उसके पास कोई स्पेशल पावर हो. जब मैं बड़ा हो रहा था तो मैं सोचता था कि भारत के सुपरहीरो कहां हैं." संजय गुप्ता के किरदार पूरी तरह भारतीय हैं और वे खूब पसंद भी किए जाते हैं.

उनकी एक सीरीज नागराज खासी पॉपुलर है जिसके हीरो की शक्तियां हिंदू कहानियों पर आधारित हैं. वैसे तो नागराज एक टीवी स्टेशन में काम करता है लेकिन वह सांपों को पैदा करने की ताकत रखता है.

उसमें इतना जहर है कि एक बार काटने भर से अपने दुश्मनों को मौत की नींद सुला सकता है. यही नहीं, उस पर कोई हथियार भी असर नहीं करता है. नागराज की ताजा सीरीजों में अपराध, रिश्वतखोरी और आतंकवाद जैसे उन मुद्दों को भी लिया जा रहा है जिनसे भारत जूझ रहा है. 2009 में नागराज उन आतंकवादियों से भी लड़ा जो मुंबई के आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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