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भारतीय पीएम अफगानिस्तान के दौरे पर

१२ मई २०११

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गुरुवार से दो दिन की यात्रा पर अफगानिस्तान जा रहे हैं. ओसामा बिन लादेन के बाद दक्षिण एशिया में पैदा हुए हालात इस यात्रा के केंद्र में रहेंगे.

City : Guwahati Country : India Source : UNI GUWAHATI, APR 2 (UNI):- Prime Minister Manmohan Singh addressing an election campaign rally at Juria in Nagaon District of Assam, about 120 Km away from Guwahati on Saturday. UNI PHOTO-44U
तस्वीर: UNI

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को बताया कि मनमोहन सिंह अपनी यात्रा के दौरान अफगान नेताओं से सुरक्षा और विकास से जुड़े मुद्दों पर बात करेंगे. अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे हालात भारत के लिए चिंता की बात हैं. अमेरिकी फौजें अफगानिस्तान से रवानगी की तैयारी कर रही हैं और भारत को लगता है कि ऐसा होने से अफगानिस्तान की अस्थिरता का असर भारत को झेलना होगा.

अफगान राष्ट्रपति हामिद करजईतस्वीर: DW

कई साल बाद

मनमोहन सिंह 2005 के बाद पहली बार अफगानिस्तान की यात्रा कर रहे हैं. उनके दफ्तर ने बताया कि वह 12 और 13 मई को वहां रहेंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, "अगर हमारे क्षेत्र को विकास करना और आगे बढ़ना है तो अफगानिस्तान को अपने पुनर्निर्माण में सफल होना होगा."

बयान में कहा गया है कि भारत और अफगानिस्तान क्षेत्रीय विकास पर चर्चा करेंगे. साथ ही आतंकवाद के खिलाफ साझी लड़ाई पर भी बात होगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "अफगान लोगों की शांति और स्थिरता की चाह को क्षेत्र के सभी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन की जरूरत है."

लादेन के बाद

एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारत की दिलचस्पी इस बात में भी है कि ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बारे में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई का क्या कहना है. अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "बेशक, बिन लादेन के मारे जाने के बाद के हालात को लेकर हम सब चिंतित हैं. और हम जानना चाहेंगे कि हामिद करजई का इस बारे में क्या कहना है."

भारत का मानना है कि ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बावजूद आतंकवादी संगठन कमजोर नहीं होंगे. भारतीय अधिकारी ने कहा, "हम नहीं मानते कि पाकिस्तान में पनपे तालिबानी संगठन ओसामा बिन लादेन के मारे जाने से खत्म हो गए हैं. वे अब भी उतने ही खतरनाक नजर आते हैं. खतरा अभी गया नहीं है."

भारत क्षेत्र में अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा मदद देने वाला मुल्क है. मदद के मामले में उसका नंबर पूरी दुनिया में छठा है. उसने संसद के निर्माण से लेकर ईरान तक हाईवे बनाने तक कई योजनाओं के लिए भारत ने 1.3 अरब डॉलर की मदद दी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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