भारतीय मूल की सुकन्या ने जीता अमेरिकी स्पेलिंग कंपीटिशन
३ जून २०११सुकन्या ने तीसरी बार अमेरिका के सालाना स्पेलिंग कंपीटिशन में हिस्सा लिया और बीस दौरों के बाद अंतिम प्रतियोगिता जीती. यह मुकाबला गुरुवार को देर शाम तक चला. इस प्रतियोगिता में 15 साल तक के ऐसे बच्चे हिस्सा ले सकते थे, जो आठवीं कक्षा तक के छात्र हों.
सुकन्या की मातृभाषा बंगाली है और गर्मियों में वह हर बार अपने परिवार से मिलने भारत जाती है. वह अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अपना करियर बनाना चाहती है. एबिंग्टन हाइट स्कूल में आठवीं में पढ़ने वाली सुकन्या हर शब्द के अक्षरों को बारी बारी से अपनी ऊंगलियों पर गिनती हैं जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है.
कंपीटिशन जीतने के बाद वह बेहद उत्साहित थी. उसने कहा, "मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा. मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था." "cymotrichous" का मतलब होता है लहराते बाल रखना. सुकन्या का कहना है कि उसे एकदम इस शब्द का पता चल गया. वह बताती है, "मैं इसे ठीक से स्पेल करना चाहती थी. मैं कोई गलती नहीं करना चाहती थी."
ट्रॉफी के अलावा सुकन्या को 30 हजार डॉलर का नकद इनाम भी मिला है. इसके अलावा ढाई हजार डॉलर का सेविंग बॉन्ड, एक पूरी रेफरेंस लाइब्रेरी, पांच हजार डॉलर की स्कॉलरशिप और 2,600 डॉलर और दूसरे कई पुरस्कार भी मिले हैं.
इस प्रतियोगिता में बुधवार को शुरू में 275 लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें अमेरिका के अलावा बहमास, कनाडा, चीन, घाना, जमाइका, जापान, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया के बच्चे भी शामिल थे.
पहली नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता 1925 में हुई. तब से यह सबसे बड़ा और जाना माना शैक्षिक कंपीटिशन है. पिछली बार यह प्रतियोगिता अमेरिकी राज्य क्लेवेलैंड की अनामिका वीरामानी ने जीती. भारतीय मूल की अनामिका को "stromuhr" शब्द की सही सही स्पेलिंग बताने के लिए यह पुरस्कार दिया गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह