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भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा

२४ फ़रवरी २०१०

भारतीय रेल मंत्री ममता बनर्जी ने साफ़ कर दिया है कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा. लोकसभा में रेल बजट पेश करते हुए ममता ने कहा कि मुनाफ़ा से ज़्यादा सामाजिक दायित्व पर ज़ोर होगा. इस साल 100 से ज़्यादा ट्रेनें चलेंगी.

तस्वीर: UNI

भारतीय रेल मंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य समग्र विकास करना है और वह विज़न 2020 को ध्यान में रख कर काम करेंगी. ममता ने भरोसा जताया कि इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा. भारतीय रेल 30,000 किलोमीटर पटरियों को दोहरी या तिहरी लाइन में बदलना चाहता है, जबकि अभी ऐसी लाइनें सिर्फ़ 18,000 किलोमीटर हैं.

लंबी लंबी पटरियांतस्वीर: DW

ममता ने कहा कि नए मॉडल के लिए विशेष ढांचा तैयार किया जाएगा लेकिन भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा. उन्होंने कहा, "भारतीय रेल भारत सरकार के पास ही रहेगा."

ममता बनर्जी जब रेल बजट पेश कर रही थीं तो लोकसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी मौजूद थे. लोकसभा की अध्यक्षता मीरा कुमार कर रही थीं.

ममता बनर्जी का यह चौथा रेल बजट है. उन्होंने लगातार दूसरी बार रेल बजट पेश किया है. पिछले साल यूपीए की जीत के बाद ममता बनर्जी को रेल मंत्री बनाया गया. उन्होंने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने 120 नई ट्रेनों का वादा किया था और इनमें से 117 इसी साल 31 मार्च से पहले चल पड़ेंगी. उन्होंने कहा कि यह काम सिर्फ़ सात महीने में कर लिया गया.

रेल मंत्री ने हाल के कुछ रेल हादसों का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा पर ख़ास ध्यान देने की ज़रूरत है. भारतीय रेल दुनिया की सबसे बड़ी रेल लाइनों में है, जहां हर रोज़ क़रीब पौने दो करोड़ लोग रेल में सफ़र करते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

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