हर महीने एक विमान या हैलिकॉप्टर क्रैश. ये भारतीय सेना का औसत है. करोड़ों डॉलर की लागत से खरीदे जाने वाले विमान करीबन हर महीने हादसों का शिकार होते हैं.
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मई 2014 से लेकर अब तक भारतीय सेना के 37 विमान और हैलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं. औसत निकाला जाए तो हर महीने एक हादसा. इन हादसों में 55 लोग मारे गये. यह आंकड़े रक्षा राज्य मंत्री ने दिये हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बीते तीन साल में सेना ने 25 विमान और 12 हैलिकॉप्टर गंवाये. इसमें 900 करोड़ रुपये में अमेरिका से खरीदा गया सी-130 हरक्यूलिस विमान भी शामिल है. भारतीय मीडिया के मुताबिक नया नवेला हरक्यूलिस विमान पायलट की गलती से क्रैश हुआ.
संसद में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने बताया कि हादसे इंसानी गलती और तकनीकी खामी के चलते हुए. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक हर हादसे की गहराई से जांच की गयी. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के सुझावों को अमल में भी लाया गया. हालांकि यह बात सामने नहीं आयी कि तकनीकी खामी क्यों देखने को मिली, क्या वहां भी किसी किस्म की लापरवाही थी.
भारत लड़ाकू विमान, पनडुब्बियां और युद्धपोत विदेशों से खरीदता है. ये सौदे अरबों डॉलर के होते हैं. कई साल के मोल भाव के बाद ये सौदे फाइनल होते हैं. और उसके बाद खरीदे गये सामान का यह हाल हो रहा है. मानव संसाधन, पैसा और मशीनी उपलब्धता के लिहाज से यह बड़ा नुकसान है.
(सबसे सुरक्षित और असुरक्षित एयरलाइंस)
सबसे सुरक्षित और असुरक्षित एयरलाइंस
दुनिया की 60 एयरलाइंसों में सबसे सुरक्षित कौन सी है? 2016 के डाटा के आधार पर जर्मनी के जेएसीडीईसी संस्थान ने सबसे सुरक्षित और असुरक्षित एयरलाइंसों की एक सूची तैयार की है.
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चाइना एयरलाइंस से बचना
2016 में लगभग 3.7 अरब लोगों ने विमान से यात्री की. जिन लोगों ने चाइना एयरलाइंस को चुना, उनकी पसंद सबसे जोखिम भरी थी. ताइवान की इस एयरलाइन को जेएसीडीईसी की 60 एयरलाइनों की सूची में सबसे नीचे रखा गया और इसे सबसे असुरक्षित एयरलाइन माना गया है.
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दूसरी सबसे खराब एयरलाइन
यह रैकिंग पिछले 30 साल की राष्ट्रीय हवाई सुरक्षा रिपोर्टों के आधार पर तैयार की गई है. इनमें यात्रियों की संख्या और हवाई सफर में तय की गई दूरी के मुकाबले विमान हादसों और उनमें मारे गए लोगों की संख्या के आधार पर रैंकिंग तय की गई है. कोलंबिया की एवियाना को दुनिया की दूसरी सबसे खराब एयरलाइंस बताया गया है.
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गुरुडा में भी खतरा
सबसे खराब एयरलाइंस की फेहरिस्त में इंडोनेशिया की गरुडा तीसरे स्थान पर आती है. इसमें सफर करने से भी बचने की सलाह दी जाती है. 1950 में शुरू होने वाली इस एयरलाइन के रिकॉर्ड में 47 हादसे दर्ज हैं. इनमें से 22 हादसों में कुल 583 लोग मारे गए हैं.
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रैकिंग संतुलित नहीं?
जेएसीडीईसी रैंकिंग की यह कह आलोचना भी हो रही है कि इसमें तकनीकी खामियों, इंसानी गलतियों, मौसम की परिस्थितियों, आतंकवादी हमलों को अलग करके नहीं देखा गया है. मिसाल के तौर पर आतंकवाद एयरलाइन की नहीं, बल्कि एयरपोर्ट सुरक्षा की जिम्मेदारी है. यह 10 फीसदी हादसों की वजह बना है.
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खराब मौसम
ताजा आंकड़े दिखाते हैं कि 10 प्रतिशत विमान हादसे बर्फबारी, कोहरे और तूफानों की वजह से होते हैं. हालांकि बिजली का गिरना उतना खतरनाक नहीं है जितना माना जाता है.
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तकनीकी खामियां
आधुनिक विमान मॉडर्न टेक्नॉलजी से लैस होते हैं. लेकिन 20 प्रतिशत विमान हादसों के लिए तकनीकी खामियां जिम्मेदार होती हैं.
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इंसानी भूल
आजकल जितने भी विमान हादसे होते हैं उनमें से आधे हादसों के लिए पायलट ही जिम्मेदार पाए जाते हैं. मशीनें और इंसानों के बीच कई बार संपर्क में गलतियां होती हैं और ऐसी गलतियों के लिए इंसान जिम्मेदार माने जाते हैं.
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करामात
लेकिन कई बार पायलटों ने चमत्कार जैसे कारनामे भी कर दिखाए हैं. यह तस्वीर 2009 की है जब पायलट चेल्सी सुलेनबर्गर ने अमेरिका की हडसन नदी में विमान को उताकर 155 लोगों की जान बचाई थी.
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विजेता
हांगकांग की कैथे पैसेफिक को 2016 की सबसे सुरक्षित एयरलाइन चुना गया है. इस मामले में दूसरे स्थान पर एयर न्यूजीलैंड और तीसरे स्थान पर चीन की हाइनान एयरलाइंस है. जर्मनी की एयरलाइन लुफ्तहांसा को 12वें स्थान पर रखा गया है. 2016 उन सालों में से एक है जब सबसे कम विमान हादसे हुए.
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सुरक्षित लेकिन खतरनाक भी
जेएसीडीईसी के अनुसार 2016 में विमान हादसों में 321 लोग मारे गए. हालांकि एविएशन सेफ्टी नेटवर्क इससे चार मौतें ज्यादा बताता है. 2016 में सबसे खतरनाक हादसा बोलिविया में हुआ जब लामिया एयरलाइन का विमान मेलेडिन इलाके में हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में सभी 71 लोग मारे गए. मरने वालों में ब्राजील की एक क्लब फुटबॉल टीम के सदस्य भी थे.