भारत, अफगानिस्तान ने शहतूत बांध परियोजना पर हस्ताक्षर किए
९ फ़रवरी २०२१
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को शहतूत बांध के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
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29 करोड़ डॉलर की लागत वाले शहतूत बांध के निर्माण से काबुल में लगभग 20 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस सौदे पर मंगलवार दोपहर मोदी और गनी के बीच एक वर्चुअल बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अफगान समकक्ष ने हस्ताक्षर किए.
साल 2001 के बाद से जब अमेरिका ने 9/11 आतंकी हमले के बाद तालिबान शासन के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी थी, भारत तब से अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं में लगा हुआ है .भारत ने अब तक अफगानिस्तान में 400 से अधिक विकास परियोजनाओं पर लगभग तीन अरब डॉलर खर्च किए हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, दोनों नेताओं ने दोहराया कि इस क्षेत्र में एक आतंकमुक्त वातावरण और शांति होना आवश्यक है.
गनी ने मोदी के साथ सहमति जताते हुए कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि के लिए एक संप्रभु और एकजुट अफगानिस्तान जरूरी है. गनी सरकार पिछले साल इस्लामवादी समूह और अमेरिका के बीच शांति समझौते के बाद तालिबान के साथ बातचीत कर रही है. उन्होंने वर्चुअल बैठक में कहा, "अफगानिस्तान के भीतर एकता महत्वपूर्ण है. मुझे विश्वास है कि एक एकजुट अफगानिस्तान किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है."
गनी ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के विकास में एक सच्चा साझेदार है और कोई भी बाहरी ताकत अफगानिस्तान के विकास और भारत के साथ दोस्ती को नहीं रोक पाएगी. अफगानिस्तान में हिंसा में हो रही वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमने हिंसा को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है और हम फौरन एक व्यापक संघर्ष-विराम का समर्थन करते हैं." उन्होंने शहतूत बांध के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने पर अपनी खुशी व्यक्त की, जो अफगानिस्तान की राजधानी में पीने के साथ-साथ सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगा. हालांकि इस्लामाबाद इसके विरोध में है और वह शिकायत कर रहा है कि यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत में पानी के प्रवाह को कम करेगा.
गनी ने मोदी को शहतूत समझौते और कोविड-19 वैक्सीन के लिए धन्यवाद दिया. भारत पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में निर्मित कोविड-19 टीकों के साथ अफगानिस्तान की सहायता कर रहा है. सरकार ने रविवार को अफगानिस्तान को पांच लाख वैक्सीन की खुराक भेंट की. भारत लगातार स्वास्थ्य से लेकर खाद्यान सहायता मुहैया कराते हुए अफगानिस्तान के नागरिकों को राहत पहुंचा रहा है.
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपने वार्षिक वर्ल्ड टेररिज्म इंडेक्स में अफगानिस्तान को धरती पर सबसे अधिक आतंक से प्रभावित देश बताया है. इस सूची में एशिया और अफ्रीका के भी कई देश शामिल हैं.
तस्वीर: Mohammad Jan Aria/Xinhua/Imago Images
अफगानिस्तान
ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपने वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (2020) में अफगानिस्तान को पहले पायदान पर रखा है. धरती पर सबसे अधिक आतंक प्रभावित देश अफगानिस्तान को 9.59 अंक दिए गए हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/H. Sabawoon
इराक
इराक भी आतंक से प्रभावित देशों में दूसरे स्थान पर है. इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने इराक को 10 में से 8.68 अंक दिए हैं.
तस्वीर: Reuters/G. Tomasevic
नाइजीरिया
तीसरे स्थान पर पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजीरिया है. यहां पिछले कुछ महीनों में जिहादी गुटों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष तेज हुआ है. आतंक से प्रभावित नाइजीरिया को 10 में से 8.31 अंक मिले हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सीरिया
7.77 अंक के साथ सीरिया चौथे स्थान पर हैं. सीरिया में बशर अल असद के खिलाफ कई ऐसे गुटे भी लड़ रहे हैं जिनके रिश्ते इस्लामिक संगठनों से हैं या वे जिहादी संगठन हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Anha
सोमालिया
पांचवें स्थान पर पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया है. विश्व आतंकवाद सूचकांक में इसे 7.64 अंक मिले हैं. यहां पर अल शबाब आतंकी संगठन के आतंकियों का सुरक्षा बलों के साथ लंबे समय से संघर्ष जारी है. सोमालिया में 700 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और अमेरिका वहां से सैन्य कटौती की योजना बना रहा है.
मध्य-पूर्वी देश यमन में शांति दूर-दूर तक नजर नहीं आती है. हूथी विद्रोहियों के साथ ही देश अकाल से भी जूझ रहा है. सूचकांक में इसे 7.58 अंक मिले हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Y. Arhab
पाकिस्तान
एशियाई देश पाकिस्तान आतंकवाद से प्रभावित देशों की सूची में सातवें स्थान पर है. पाकिस्तान को संस्था ने 10 में से 7.54 अंक दिए हैं.
तस्वीर: Reuters/M. Raza
भारत
आतंकवाद से प्रभावित देश के रूप में भारत आठवें स्थान पर है. भारत को 10 में से 7.35 अंक दिए गए हैं. भारत का जम्मू-कश्मीर क्षेत्र आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो
नौवें स्थान पर डीआरसी कांगो है. संस्था ने इसे 7.17 अंक दिए हैं. डीआरसी कांगो की अस्थिरता का एक लंबा इतिहास है और यह भी आतंक से प्रभावित देशों में से एक है.
एशियाई देश फिलीपींस को इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने आतंक से प्रभावित देश की सूची में 10वें स्थान पर रखा है. फिलीपींस को 7 अंक मिले हैं. स्रोत:ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस