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भारत और चीन के छात्रों से ओबामा को डर

१४ अक्टूबर २०१०

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को रह रह कर भारत और चीन के छात्रों से अमेरिकी छात्रों को कड़ी चुनौती मिलने की चिंता रहती है. एक बार फिर उन्होंने इसके प्रति आगाह करते हुए शिक्षा बजट में कटौती न करने पर जोर दिया है.

तस्वीर: picture-alliance/ dpa

ओबामा ने कहा है कि अगर रिपब्लिकन पार्टी शिक्षा बजट में कटौती का प्रस्ताव पेश करती है तो यह अमेरिकी हितों के लिए घातक होगा. उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में भारत और चीन से मिल रही चुनौती को एजुकेशन आर्म्स रेस बताते हुए शिक्षा बजट में कटौती की विपक्षी दलों मांग को खतरनाक बताया है.

ओबामा ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र को उन्नत करने के लिए दुनिया के सभी देश हर संभव कोशिशों में लगे है, चीन, जर्मनी और भारत से लेकर दक्षिण कोरिया तक सभी देश इस दिशा में युद्धस्तर पर जुटे हैं. ऐसे में अमेरिका अगर अपने शिक्षा बजट में कटौती करता है तो यह उसके लिए आत्मघाती होगा.

तस्वीर: picture alliance / landov

रिपब्लिक पार्टी के शिक्षा बजट में कटौती के प्रस्ताव के बारे में ओबामा ने कहा..अदूरदर्शिता का इससे बढ़कर दूसरा कोई नमूना नहीं मिलेगा... उन्होंने कहा कि 21 सदी में दुनिया का वही देश नेतृत्व करेगा जो अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देगा. अमेरिकी अर्थव्यवस्था को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए शिक्षण प्रणाली को मजबूत बनाए रखना ही एकमात्र उपाय होगा.

ओबामा इससे पहले भी कई बार अमेरिकी छात्रों को भारत और चीन से मिल रही चुनौती का जिक्र कर मेहनत से पढ़ने की नसीहत दे चुके हैं. उनकी दलील है कि वैश्विक प्रतियोगिता के इस दौर में प्रतिभा राष्ट्रीयता की मोहताज नहीं है और अमेरिका इस दौर को वाहक है. ऐसे में अमेरिकी छात्रों को दुनिया भर के देशों खासकर भारत और चीन के छात्रों से प्रतियोगिता के लिए खुद को तैयार करना चाहिए.

रिपोर्टः पीटीआई/निर्मल

संपादनः आभा एम

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