विज्ञान पत्रिका दि लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक चीन और भारत दुनिया भर के एक तिहाई मानसिक मरीजों का घर हैं. लेकिन इनमें से महज कुछ ही लोगों को चिकित्सीय मदद मिल पाती है.
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इस रिसर्च के मुताबिक सबसे अधिक आबादी वाले इन दो देशों में मानसिक रोगियों की संख्या अच्छी आमदनी वाले सारे देशों के कुल मानसिक मरीजों से ज्यादा है. अध्ययन का कहना है कि खासकर भारत में यह बोझ आने वाले दशकों में काफी बढ़ता जाएगा. अनुमान के मुताबिक यहां मनोरोगियों की तादाद 2025 तक एक चौथाई और बढ़ जाएगी. चीन में जन्मदर को रोकने के लिए महज एक बच्चे की सख्त नीति है. इसका स्वाभाविक असर चीन में तेजी से बढ़ती मानसिक बीमारी की रोकथाम पर भी पड़ने की उम्मीद जताई गई है.
इस अध्ययन के अनुसार दोनों ही देश इस चुनौती से निपटने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं. चीन में महज 6 प्रतिशत मानसिक मरीजों की उपचार तक पहुंच है. इस शोध के लेखकों में शामिल एमोरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल फिलिप्स कहते हैं, ''चीन के ग्रामीण इलाकों में मानसिक स्वास्थकर्मियों का भारी अभाव है.'' ठीक इसी तरह भारत में भी मानसिक मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाना मुश्किल है.
दोनों ही देशों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के बजट का 1 प्रतिशत से भी कम खर्च किया जाता है. जबकि अमेरिका में यह 6 प्रतिशत है और जर्मनी और फ्रांस में यह 10 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा है.
भारत और चीन दोनों ही देशों ने हाल में मानसिक मरीजों की जरूरतों का खयाल रखने के लिए कुछ नीतियां लागू की हैं लेकिन हकीकत में उन पर कुछ भी अमल नहीं किया गया है. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर विक्रम पटेल कहते हैं, ''ग्रामीण इलाकों में इस तरह के इलाज बिल्कुल नहीं होते.''
शोध में कहा गया है कि दोनों ही देशों में नीतियों और हकीकत के बीच के अंतर को खत्म करने में अभी दशकों लग सकते हैं. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि दोनों ही देशों में योग या चीनी चिकित्सकीय पद्धति सरीखे पारंपरिक तरीकों को बढ़ावा देकर मानसिक स्वास्थ की चुनौतियों से निपटा जा सकता है.
आरजे/एमजे (एएफपी)
युद्ध की पृष्ठभूमि में प्यार
अपने शहर की लगातार बमबारी के बावजूद होम्स के एक जोड़े ने शांति की उम्मीद नहीं छोड़ी है. एएफपी के एक फोटोग्राफर ने उनके प्यार और शादी को दुनिया तक पहुंचाया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
प्यार में सीरिया का पुनर्निर्माण
युद्ध और विभीषिका के साए में हुई शादी की तस्वीरों को इस्तेमाल करने के जाफर मिराय के फैसले के बाद एएफपी ने भी कुछ तस्वीरें जारी करने का फैसला किया जिसे उसके फोटोग्राफर ने इस मौके पर लिया था. मिराय ने अपनी तस्वीरों को "प्यार में सीरिया का पुनर्निर्माण" नाम दिया है और फेसबुक पर पोस्ट किया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
खंडहर में प्यार
18 वर्षीया नादा मेरही और 27 वर्षीय सैनिक हसन यूसुफ ने जब शादी करने का फैसला किया तो अपनी शादी की तस्वीरों के लिए असामान्य सी पृष्ठभूमि चुनी. बमबारी में खंडहर बना अपना शहर होम्स. मिराय ने खंडहरों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया है कि जिंदगी मौत से ज्यादा ताकतवर है.
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बंटा हुआ शहर
सीरिया के गृहयुद्ध में 250,000 लोग मारे गए हैं. उनमें से अधिकांश असैनिक नागरिक हैं. देश के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स ने राष्ट्रपति बशर अल असद के वफादार सैनिकों के हमलों में भारी नुकसान सहा है. यह पहला शहर था जिसने 2012 में असद सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था.
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सफेद ड्रेस भूरा मलबा
कभी लहलहाते चमचमाते शहर के बीचोंबीच नादा की सफेद झकझक ड्रेस युवा जोड़े के आस पास में हुई बर्बादी को दिखाती है. खंडहर बने घर, दीवारों पर बुलेट के निशान और सुनसान सड़कें होम्स में रहने वाले लोगों को लगातार इस बात का अहसास दिलाती हैं कि उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है.
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लगातार जारी हमले
होम्स पर सरकार का नियंत्रण फिर से होने के बावजूद हमले रुके नहीं हैं. अल जहरा इलाके में 26 जनवरी को हुए आत्मघाती हमले में 22 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हो गए. इस इलाके में मुख्य रूप से अलावी समुदाय के लोग रहते हैं जो इस्लाम का अल्पसंख्यक समुदाय है. राष्ट्रपति असद इसी समुदाय के हैं.
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अकेला नहीं होम्स
सितंबर 2015 से रूसी बमवर्षकों ने राष्ट्रपति असद के सैनिकों के समर्थन में विपक्षी ठिकानों पर बमबारी की है. सीरिया में आईएस के ठिकानों पर अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सहबंध भी हवाई हमले कर रहा है. 15 फरवरी को तुर्की की सीमा से लगे इलाकों में स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की गई.
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अंतरराष्ट्रीय कोशिशें
अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया में शांति स्थापना की कोशिशें कर रहा है. पश्चिमी देश और सीरिया का विपक्ष भावी समाधान में राष्ट्रपति असद की कोई भागीदारी नहीं चाहते. लेकिन सरकारी सैन्य कार्रवाई में असद की मदद कर रूस इलाके में नए हालात पैदा करना चाहता है. इस बीच आईएस लगातार पैर पसार रहा है.
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संघर्ष विराम तय
म्यूनिख में हुए इस साल के सुरक्षा सम्मेलन में अमेरिका और रूस के सहयोग से सीरिया में संघर्ष विराम तय हुआ है. लेकिन इसके लागू होने से पहले ही राष्ट्रपति असद ने एक ओर समय कम होने की बात कही है तो दूसरी ओर तुर्की की सीमा पर कुर्दों के आगे बढ़ने के कारण तुर्की संघर्ष में और उलझता जा रहा है.
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युद्धकाल में प्यार
फेसबुक पर मिराय की तस्वीरों पर कुछ यूजर्स ने भावनात्मक टिप्पणियां की हैं. एक ने लिखा है, "तस्वीर में मैं दूल्हे जैसा लगता हूं." एक अन्य ने लिखा, "ईश्वर तुम्हारे और सारे सीरियावासियों के साथ रहे. इन तस्वीरों और उन्हें दुनिया के साथ बांटने के लिए शुक्रिया." एक अन्य ने इसका टाइटल युद्धकाल में प्यार करने की सलाह दी है.
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जिंदगी नाम जीने का
मिराय की तस्वीरें इस बीच इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि लोग लगातार उनके फेसबुक पेज पर कमेंट डाल रहे हैं. कुछ इन तस्वीरों का स्लाइड शो बना रहे हैं, तो कुछ इसे यूट्यूब वीडियो में बदल रहे हैं. एक यूजर ने तो मिराय की तस्वीरों को खंडहर बने शहर होम्स में भी जिंदगी जारी रहने का सबूत बताया है.