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भारत करेगा वीज़ा नियम सख़्त

२३ दिसम्बर २००९

डेविड हेडली की अनेक भारत यात्राओं के पता चलने के बाद भारत ने विदेशियों के लिए वीज़ा नियम और सख़्त करने की योजना बनाई है. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने आपत्ति ज़ाहिर की है. प्रवासी भारतीयों को भी हो सकती है मुश्किल.

तस्वीर: picture alliance/dpa

डेविड हेडली के गिरफ्तार होने और भारत में उसकी यात्राओं का असर सीधे उन लाखों लोगों पर पड़ेगा जो हर साल इंक्रेडिबल इंडिया यानि अतुल्य भारत का सपना लिये भारतीय दूतावास में अर्ज़ी देते हैं. अगले हफ्ते भारत नए वीज़ा नियम जारी करने वाला है जिसके तहत अगर कोई टूरिस्ट वीज़ा पर भारत आता है और 90 दिनों से ज़्यादा रहता है तो वापसी के दो महीने बाद तक वो फिर से भारत नहीं आ सकेगा. इसका असर प्रवासी भारतीयों पर भी पड़ सकता है.

इस नए नियम से उन सैंकड़ों विदेशियों के लिए मुसीबतें शुरू होंगी जो लंबी कागज़ी कार्रवाई से छुटकारा पाने के लिए लंबी अवधि के टूरिस्ट वीज़ा पर देश में रह रहे हैं. साथ ही उन पर्यटकों पर भी असर पड़ेगा जो भारत को एक प्रकार से आस पास के देशों में सफर करने के लिए एक बेस के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. हालांकि अधिकारियों ने संकेत दिये हैं कि वीज़ा की अर्ज़ी देते समय अगर कोई व्यक्ति अपनी यात्राओं की सूचना देता है तो उसे ख़ास छूट दी जा सकती है. लेकिन इसका मतलब होगा और ज्यादा कागज़ी कार्रवाई और लंबा इंतज़ार.

आतंकवाद का ख़तरातस्वीर: AP

सूत्रों के मुताबिक डेविड हेडली कम से कम नौ बार भारत आया और यहां से सीधे पाकिस्तान गया जिस दौरान उसने लश्कर ए तैयबा की 26/11 मुंबई हमलों की योजना बनाने में मदद की. इस मामले को देखते हुए सरकार ने नए नियम लागू करने का फैसला किया है. लेकिन इस पर अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने आपत्ति जताई है और सरकार से पुनः विचार करने की अपील की है.

भारत की यात्रा पर आए ब्रिटिश व्यापार मंत्री लॉर्ड पीटर मेंडलसन ने भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम के साथ मुलाकात के बाद बताया कि उन्होंने भारत सरकार से दोबारा विचार करने की अपील की है. ब्रिटिश हाई कमीशन ने इसी मुद्दे पर सरकार को एक पत्र लिखा है.

यहां तक कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी गृह मंत्रालय से इन सख़्त नियमों पर फिर से विचार करने का सुझाव दिया है. लेकिन दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि इस काम के लिए खुद गृह मंत्रालय के पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं.

मामला गृह मंत्रालय के पासतस्वीर: AP

इसके अलावा पाकिस्तानी नागरिकों को अब भारत के वीज़ा के लिए पहले से और ज्यादा लंबा इंतज़ार करना होगा. पहली फरवरी से हर पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय हाई कमीशन की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा जिसकी एक कॉपी बाद में दस्तावेज़ों के साथ हाई कमीशन में भेजी जाएगी. साथ ही दुनिया के किसी भी देश के पाकिस्तानी मूल के नागरिकों को अब गृह मंत्रालय से स्वीकृति का इंतज़ार करना होगा जिसमें छह महीने से ज्यादा भी लग सकते हैं.

ऐसे में एक तरफ आतंकवाद से सुरक्षा पर चिंतित लोगों और दूसरी तरफ देश में पर्यटन को बढ़ावा देने वालों के बीच रस्साकशी होती नज़र आ रही है.

भारत में हर साल 50 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं जिनमें से केवल ब्रिटेन से ही हर साल साढ़े सात लाख पर्यटक आते हैं. इससे पहले बिज़नेस वीज़ा पर लंबे समय के लिए भारत आकर काम करने वालों पर भी सरकार ने सख्ती करते हुए नियमों में बदलाव किये हैं.

हाल ही में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने एक संसदीय बैठक में मिशन मोड प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रस्ताव रखा जिसमें आव्रजन, वीज़ा और विदेशियों के पंजीकरण और निगरानी की प्रणाली को और बेहतर बनाने की योजना है. इसमें 1011 करोड़ रुपए खर्च होना है. साथ ही जनवरी 2010 से गृह मंत्रालय के विदेशी विभाग को भी आधुनिक बनाया जाएगा जिसमें अलग से 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

रिपोर्टः सुनंदा राव, नई दिल्ली

संपादनः महेश झा

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