भारत की रिटायर कैबिनेट
१९ जुलाई २०११भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद 78 साल के हैं. उन्होंने वादा किया था कि वह कैबिनेट में युवा चेहरों को शामिल करेंगे लेकिन यह वादा पूरा नहीं हो पाया. मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद मंत्रियों की औसत उम्र और बढ़ गई और अब यह 65 साल हो गई है. खास बात यह कि प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि चुनाव तक इस कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं होगा यानी युवा मंत्रियों के लिए भारत को अभी तीन साल और इंतजार करना होगा.
भारत में 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल के 14 मंत्रियों की उम्र 70 साल से ज्यादा है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में 60 साल में लोग रिटायर हो जाते हैं. विदेश मंत्री एसएम कृष्णा 79 साल के और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी 76 साल के हैं. गृह मंत्री पी चिदंबरम भी 66 साल के हैं. हालांकि उन्हें युवा चेहरे के तौर पर देखा जाता है.
भारत में युवा आबादी तेजी से बढ़ी है और लगभग आधी आबादी की उम्र 35 साल से कम है. ऐसे में हमेशा अनुभव को ज्यादा तरजीह दिए जाने पर सवाल उठते हैं. जानकारों का कहना है कि बार बार फेरबदल के बाद भी नए चेहरों का सामने नहीं आना इस बात की ओर इशारा करता है कि राजनीति में भारत में प्रतिभा की कमी है और यह कहीं न कहीं पारिवारिक मामलों में फंस कर रह गया है.
परिवार का राज
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 41 साल के बेटे राहुल गांधी को अगले नेता के रूप में देखा जा रहा है, जिनके पिता (राजीव गांधी), दादी (इंदिरा गांधी) और पड़दादा (जवाहरलाल नेहरू) सब भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
भारत के थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के भानुप्रताप मेहता का कहना है, "पिछले हफ्ते जब प्रधानमंत्री ने कैबिनेट में बदलाव किया, तो यह संकेत गया है कि आपको 60 की दहाई का होना चाहिए." जिन 11 मंत्रियों ने शपथ ली है, उनमें से तीन की उम्र 60 से ज्यादा है, छह की उम्र 60 के आस पास है और सिर्फ दो की उम्र 30 की दहाई में है. दोनों गांधी परिवार के खास समझे जाते हैं.
दिल्ली के जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर एके साही का कहना है, "यह बात बहुत साफ हो चुकी है कि जब राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे, तभी कैबिनेट में युवा चेहरों को जगह मिल पाएगी." 2009 में प्रधानमंत्री सिंह ने सात ऐसे नेताओं को राज्यमंत्री बनाया था, जिनकी उम्र 40 से कम है लेकिन उनमें से किसी को भी कैबिनेट का दर्जा नहीं दिया गया. साही का कहना है, "इसका मतलब या तो वे सक्षम नहीं हैं या यह कांग्रेस की रणनीति है कि उन्हें सत्ता से थोड़ा दूर रखा जाए."
सवाल के साथ
प्रधानमंत्री का कहना है कि फेरबदल में राज्यों के प्रतिनिधित्व और मंत्रियों के काम काज का संतुलन बनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी से मंत्री बनने को कहा गया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.
30 की दहाई में जिन दो मंत्रियों को जगह मिली है, उनके नाम हैं जितेंद्र सिंह और मिलिंद देवड़ा. दोनों कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बेटे हैं और मिलिंद देवड़ा की नियुक्ति पर तो सवाल भी उठ रहे हैं. उनके पिता मुरली देवड़ा ने कैबिनेट पद छोड़ दिया और प्रधानमंत्री से गुजारिश की कि बेटे को ज्यादा अहम मंत्रालय दिया जाए. इसके बाद मिलिंद देवड़ा को टेलीकॉम मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत में लगातार दूसरी सरकार चल रही है. लेकिन इस बार यूपीए की यह सरकार भ्रष्टाचार के भारी मामलों में घिरी है. इसके बाद प्रधानमंत्री ने कैबिनेट में बदलाव किया है लेकिन इससे नाराजगी दूर नहीं हुई है.
राजनीतिक समीक्षक महेश रंगराजन का कहना है, "मैं समझता हूं कि कांग्रेस धीरे धीरे बदलाव करने की कोशिश कर रही है. यह एक रूढ़िवादी पार्टी है और एकदम से बदलाव से कतराती रही है."
रंगराजन का भी कहना है कि राहुल गांधी को नेतृत्व सौंपने की तैयारी हो रही है. हालांकि राहुल को युवा चेहरा समझा जाता हो लेकिन सच तो यह है कि वह भी दूसरे मुल्कों के मुकाबले बहुत युवा नहीं हैं. बड़े देशों के सरकार प्रमुखों में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 47 साल में, रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने 43 साल में और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने 43 साल में सत्ता संभाली है.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः महेश झा