भारत के घुड़सवार हिस्सा नहीं ले सकेंगे
१४ नवम्बर २०१०भारत का घुड़सवारी संघ एशियाड में आठ घोड़े लाना चाह रहा था लेकिन चीनी प्रशासन द्वारा मना किए जाने के बाद भारतीय प्रतियोगी चीन के अधिकारियों पर भेदभाव और निजी एजेंडे के आरोप लगाने लगे.
एक बयान में भारतीय एक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ने कहा कि भारतीय घोड़े तंदुरुस्त और चुस्त हैं और 16वें एशियन खेलों में हिस्सा लेने के काबिल हैं.
पत्र में लिखा गया है, "घोड़ों को चीन में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिली और इसकी वजह उनका स्वास्थ्य नहीं, बल्कि लैब रिपोर्टों को जानबूझकर गलत तरह से पढ़ा गया है और चीन में क्वारांटाइन प्राधिकरण ने भेदभाव किया है. ग्वांगजो शहर में क्वारांटाइन प्राधिकरण की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है. घुड़सवारी टूर्नामेंट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी संघ एफईआई ने कहा कि उसने चीन के अधिकारियों से भारतीय घोड़ों को हिस्सा लेने की अनुमति देने को कहा था लेकिन अब मामला दोनों देशों की सरकारों का हो गया है. एफईआई के प्रमुख ग्रेम कुक ने कहा, वह इस बात से दुखी हैं कि भारत प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएगा. यह खबर प्रतियोगिता शुरू होने के बिलकुल पहले आई है.
एशियाड की भव्य शुरुआत के बाद शनिवार का दिन मेजबान चीन के लिए अच्छा रहा और चीन ने 28 पदक जीत लिए हैं. जापान और दक्षिण कोरिया के पास 23 और 15 पदक हैं जबकि भारत 2 पदकों के साथ पांचवे स्थान पर है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः एस गौड़