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भारत के दुश्मन इरादों पर दुनिया ध्यान दे: पाक

१ जनवरी २०१०

पाकिस्तान ने कहा है कि उसे और चीन को ध्यान में रखकर बनाई जा रही नई रणनीति से भारत के दुश्मन इरादों का पता चलता है. भारतीय सेना ने कहा था कि 5 साल में दो मोर्चों पर युद्ध करना पड़ सकता है. इसके मद्देनज़र शुरू की तैयारी.

वाघा सीमातस्वीर: DW / Tanvir Shahzad

पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय सेना जिस तरह से नई रणनीति की बात कर रही है उससे अंधराष्ट्रवाद की झलक मिलती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा कि भारतीय सेना की नई सैन्य योजना शत्रुतापूर्ण है और आज की वास्तविकताओं को झुठला रही है. बासित का कहना है कि पाकिस्तान हर मुश्किल का सामना करने और अपनी रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है.

तस्वीर: AP

"किसी को भी हमारी क्षमताओं के बारे में संदेह नहीं रखना चाहिए. पाकिस्तान के पास हर कार्रवाई का मुहंतोड़ जवाब दिया जाने का संकल्प है. पाकिस्तान शांति चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि पाकिस्तान कमज़ोर है." बासित ने अंतरराष्ट्रीय जगत से आग्रह किया है कि भारत के बयानों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.

शांति वार्ता के मुद्दे पर बासित ने कहा कि आपसी मतभेद सुलटाने के लिए अब पहल भारत की ओर से होनी चाहिए क्योंकि मुंबई हमलों के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में पाकिस्तान ने हरसंभव प्रयास किया है. बलूचिस्तान प्रांत में भारत के कथित हस्तक्षेप पर बासित ने बताया कि पाकिस्तान के पास इस मुद्दे पर सबूत हैं जिन्हें सही समय पर सही मंच पर पेश किया जाएगा.

इससे पहले भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा था कि नई सैन्य योजना इस बात को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है कि भारत को पाकिस्तान और चीन के साथ एक साथ युद्ध लड़ना पड़ सकता है. हर पांच साल में इस सैन्य योजना की समीक्षा शिमला के ट्रेनिंग कमांड में होती है.

नई योजना में किसी देश या फिर आतंकवादियों की तरफ़ से छेड़े जाने वाले युद्ध से निपटने के तौर तरीक़े शामिल है. इसके अलावा सेना और वायुसेना व नौसेना के साथ उसके साझा अभियानों की सामरिक पहुंच बढ़ाने की संभावना तलाशना भी योजना का हिस्सा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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