जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर आज भारत पहुंच रहे हैं. बतौर राष्ट्रपति यह श्टाइनमायर की पहली भारत यात्रा है.
विज्ञापन
जर्मनी के विदेश मंत्री और उप चांसलर के तौर पर श्टाइनमायर पहले भी भारत जा चुके हैं. लेकिन मार्च 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. 62 साल के श्टाइनमायर जर्मन राजनीति के अहम स्तंभ माने जाते हैं. जर्मन राष्ट्रपति पांच दिन भारत में रहेंगे. इस दौरान उनके साथ कारोबारियों का एक शिष्टमंडल भी रहेगा. जर्मन राष्ट्रपति की यह यात्रा भारत और जर्मनी के संबंधों के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है.
भारत और जर्मनी हाल के समय में काफी करीब आए हैं. दोनों देशों के बीच तकनीकी ज्ञान और वोकेशनल ट्रेनिंग जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ा है. भारत को पर्यावरण, सफाई, तकनीकी कुशलता और रोजगार परक शिक्षा के क्षेत्र में जिन चीजों की जरूरत है, जर्मनी के पास वह मौजूद हैं.
श्टाइनमायर और भारत
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर भारत जाते रहे हैं और भारतीय नेताओं से मिलते रहे हैं.
तस्वीर: Reuters/India's Press Information Bureau
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद 2014 में श्टाइनमायर भारत जाने वाले पहले नेताओं में शामिल थे.
तस्वीर: Reuters/India's Press Information Bureau
समझौते का आदान प्रदान
2015 में जर्मनी और भारत के बीच समझौतों पर सहमति के बाद श्टाइनमायर और स्मृति इरानी सहमति पत्रों का आदान प्रदान करते हुए.
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Singh
पीएम मनमोहन सिंह के साथ
2008 में विदेश मंत्री के रूप में भारत के दौरे पर श्टाइनमायर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुुलाकात की.
तस्वीर: AP
विपक्षी नेता के साथ भेंट
अपने दौरों पर श्टाइनमायर प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ भी मिलते रहे हैं. यहां 2008 में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ.
तस्वीर: AP
निजामुद्दीन की सैर
भारत के एक दौरे पर श्टाइनमायर नई दिल्ली में निजामुद्दीन में 1623-24 में बने चौंसठ खंभा मजार को देखने गए.
तस्वीर: courtesy Germany Embassy, New Delhi
बौद्धिक सैर भी
गोर्की थियेटर और हुम्बोल्ट यूनिवर्सिटी के साथ 2016 में बर्लिन में आयोजित एक समारोह में प्रो. दीपेश चक्रवर्ती और अन्य भागीदारों के साथ विदेश मंत्री श्टाइनमायर.