पूर्व माओवादी नेता प्रचंड ने प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत को अपने पहले विदेश दौरे के लिए चुना है. पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच संबंधों का संतुलन खासा गड़बड़ा गया है.
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भारत नेपाल को ऐसी कई पेशकश कर सकता है, जो उसे चीन से खींचकर अपने पाले में मदद कर सकें. इनमें ईस्ट-वेस्ट रेलवे लाइन के निर्माण जैसे प्रोजेक्ट भी हैं. नेपाल के नए प्रधानमंत्री प्रचंड अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर इस हफ्ते भारत आ रहे हैं. इस दौरान भारत नेपाल में अपनी खोई जमीन फिर से वापस पाने की कोशिश करेगा.
पूर्व माओवादी नेता प्रचंड ने दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत को अपने पहले विदेश दौरे के लिए चुना है. पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच संबंधों का संतुलन खासा गड़बड़ा गया है और जानकार मानते हैं कि प्रचंड और भारत दोनों इसे ठीक करने की कोशिश करेंगे. नेपाल के पिछले प्रधानमंत्री केपी ओली के शासन में चीन से उसकी नजदीकियां बढ़ गई थीं. भारत पर आर्थिक निर्भरता खत्म करने के मकसद से ओली ने चीन के साथ कई व्यापार समझौते किए थे. इससे भारत भी उखड़ गया था. और फिर नए संविधान में मधेसियों को सही प्रतिनिधित्व न देने के आरोपों के चलते दोनों देशों के रिश्ते और ज्यादा खराब हुए. अब प्रचंड उन्हें सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. काठमांडू में उन्होंने रिपोर्टरों से कहा, "कुछ समय से भारत के साथ रिश्ते धुंधला गए हैं. मैं उस कड़वाहट को दूर करना चाहता हूं." उन्होंने कहा कि नेपाल मुश्किलों से घिरा है और भारत उसकी मदद करना चाहता है.
बिना वीसा के घूम आइए ये देश
51 देशों में आराम से घूम सकते हैं भारतीय पासपोर्ट धारक
भारतीय पासपोर्ट धारकों को 24 देशों में वीजा की जरूरत नहीं पड़ती. इनके अलावा 27 दूसरे देश भी वीजा ऑन अराइवल देते हैं. एक नजर इनमें से कुछ अहम देशों पर.
तस्वीर: AFP/Getty Images
बोलिविया
90 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल.
तस्वीर: Imago
केप वेर्डे
30 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल.
तस्वीर: Divulgação
फिजी
4 महीने तक वीजा की जरूरत नहीं.
तस्वीर: Imago/alimdi
इक्वाडोर
90 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल.
तस्वीर: Etienne Littlefair
इथियोपिया
30 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल.
तस्वीर: Port of Mokha
इंडोनेशिया
30 दिन के लिए वीजा की जरूरत नहीं, लेकिन यात्रा का मकसद पर्यटन होना चाहिए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Nagi
जॉर्डन
वीजा ऑन अराइवल, दो हफ्ते की होटल बुकिंग और पर्याप्त बैंक बैलेंस का सबूत.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/G. Dell'Orto
केन्या
तीन महीने के लिए वीजा ऑन अराइवल.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
मिक्रोनेशिया
30 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल.
तस्वीर: Imago/Westend61
मलेशिया
30 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल
तस्वीर: Imago/Zumapress/C. Jung
कतर
वीजा ऑन अराइवल, 30 दिन की अवधि के हिसाब से शुल्क.
तस्वीर: Getty Images/ANOC/M. Runnacle
सर्बिया
वीजा का जरूरत नहीं.
तस्वीर: Fotolia/aerogondo
सूरीनाम
90 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/robertharding
यूक्रेन
15 दिन के लिए वीजा ऑन अराइवल, टूरिज्म या बिजनेस डॉक्यूमेंट्स के साथ.
'विजिटर्स परमिट' लेकर भारतीय यात्री सेशल्स में तीन महीने तक रह सकते हैं. सुंदर समुद्री किनारों के अलावा सेशल्स में ईको टूरिज्म भी जोर पकड़ रहा है.
तस्वीर: Nature Seychelles
थाईलैंड
शॉपिंग के गढ़ के रूप में काफी मशहूर हो चुके थाईलैंड में खूबसूरत द्वीप, गुफाएं और साफ नीले रंग के समुद्र वाले तट भी हैं. थाईलैंड के एयर पोर्ट पर उतरने के बाद वीसा ले सकते हैं.
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भूटान
भारतीयों के अलावा बांग्लादेश और मालदीव के नागरिकों को भी भूटान जाने के लिए वीसा की कोई जरूरत नहीं है. हिमालय की ऊंचाईयों पर बसे इस छोटे से देश में कई हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित टाइगर्स नेस्ट बौद्ध मठ बहुत पवित्र स्थल माना जाता है.
तस्वीर: STRDEL/AFP/Getty Images
मालदीव
यहां के लिए भी भारतीयों को पहले से वीसा लेने की कोई जरूरत नहीं. अपना होटल बुक कीजिए, बैंक अकाउंट की कुछ जानकारी जमा कीजिए और बाकी काम हवाई जहाज में बैठने के बाद कर सकते हैं. सफेद रेतीले समुद्री किनारे आपका मन मोहने को तैयार मिलेंगे.
तस्वीर: haveseen - Fotolia
मॉरिशस
हिंद महासागर में बसे इस ज्वालामुखी द्वीप देश के ट्रॉपिकल नजारों का आनंद उठाने पहुंचिए. बिना वीसा की चिंता किए तैयारी कीजिए सफेद रेत पर पीना कोलाडा पीते हुए सुस्ताने की.
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कंबोडिया
अंगकोरवाट के प्राचीन स्मारक या फिर टोन्ले सैप के तैरते हुए गांव - वीसा पाने के चक्करों में पड़े बिना ये आपको कंबोडिया में अपनी छुट्टियां बिताने का निमंत्रण देते हैं.
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मैडागास्कर
घने वर्षा वनों वाले इस देश में पहुंचने वाले भारतीयों को आसानी से वीसा मिल जाता है. दुनिया में केवल इसी विशाल द्वीप पर प्राइमेट प्रजाति लीमर मिलती है. कई अनोखे अनुभवों के लिए करें इस विदेश यात्रा की तैयारी.
तस्वीर: AP
श्रीलंका
दो दिनों की ट्रिप के लिए भारतीयों को कोई वीसा फीस नहीं देनी पड़ती. सीधे हवाई जहाज से पहुंचिए और श्रीलंका के समृद्ध वन्य जीवन, खूबसूरत समुद्री तटों और बहुरंगी संस्कृति का लुत्फ उठाइए. लंबे समय तक घूमना चाहें तो कुछ वीसा फीस भरनी पड़ेगी.
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लाओस
यहां पहुंच कर वीसा लीजिए और अगले 30 दिनों तक लाओस के खूबसूरत नजारों का आनंद लीजिए. फ्रांसीसी उपनिवेश की याद दिलाने वाली वास्तुकला, पहाड़ी आदिवासी बस्तियां और बौद्ध मठों की सैर करें.
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कैरेबियन द्वीप समूह
क्रिकेट प्रेमियों के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा जरूरी है. यह वेस्ट इंडीज की टीम में शामिल प्रमुख देश है. इसके अलावा पास ही स्थित अल सल्वाडोर और सेंट लूसिया में भी भारतीयों को वीसा ऑन अराइवल की सुविधा है.
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नेपाल
हिमालय पर्वत की श्रृंखलाएं, बौद्ध मठ, मंदिर, घने जंगलों की सैर - हर तरह के टूरिस्ट के लिए यहां कुछ ना कुछ मिलेगा. वीसा की चिंता किए बिना भारतीय सीधे निकल सकते हैं नेपाल की यात्रा पर.
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भारत और नेपाल के बीच रार का कारण बने नए संविधान पर अभी सब कुछ ठीकठाक नहीं हुआ है. मधेसियों ने इस संविधान का विरोध किया था और नेपाल का आरोप था कि भारत इस विरोध आंदोलन को हवा दे रहा है. इस वजह से सीमा पर नाकेबंदी हो गई थी और नेपाल में ईंधन और दवाओं जैसे जरूरी चीजों की भी भारी कमी हो गई थी. यह नाकेबंदी पांच महीने चली थी.
प्रचंड गुरुवार को भारत पहुंचेंगे और चार दिन रहेंगे. इस दौरान पूर्वी नेपाल में मेची से पश्चिम में महाकाली तक रेलवे लाइन बिछाने की योजना पर चर्चा होगी. इस परियोजन में नेपाल को भारत के सहयोग की उम्मीद है. एक भारतीय रेलवे अधिकारी के मुताबिक नेपाल के 1030 किलोमीटर लंबे ईस्ट-वेस्ट हाईवे के समानांतर चलने वाली इस रेलवे लाइन के बारे में पहले भी दोनों देशों के बीच चर्चा हो चुकी है और अब बात वित्तीय पहलुओं तक पहुंच चुकी है.
जानिए, कैसा है नेपाल का नया संविधान
नेपाल को मिला नया संविधान
सात सालों से चले आ रहे अंतरिम संविधान की जगह ली नेपाल के पहले लिखित संविधान ने. देखिए इसकी खास बातें.
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नेपाल के कई छोटे छोटे राजनीतिक दलों के विरोध के बावजूद राष्ट्रपति राम बरन यादव ने 20 सितंबर को नए संविधान पर हस्ताक्षर कर दिए. राजधानी काठमांडू में संविधान सभा के सामने इस घोषणा का जोरदार स्वागत हुआ.
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राष्ट्रपति यादव (बीच में) ने कहा, "हमें विश्वास है कि नए संविधान को स्वीकार करने के साथ ही देश के विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है." नए संविधान ने उस पुराने अंतरिम संविधान की जगह ली है जो 2007 से ही नेपाल में लागू था.
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संविधान सभा के बाहर इकट्ठे हुए हजारों लोगों ने नए संविधान की घोषणा का स्वागत किया. उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराए और पटाखे छोड़े. काठमांडू की सड़कों पर लोगों ने तेल के दिये और मोमबत्तियां जलाईं और इमारतों को रंगीन लाइटों से सजाया गया.
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सात साल तक चली बातचीत और सौदेबाजी के बाद नेपाल हिंदू राष्ट्र से धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया है. सात राज्यों के संघीय ढांचे वाले नेपाल के हर राज्य का एक मुख्यमंत्री होगा और एक विधायिका होगी.
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मधेशी समुदाय समेत नेपाल के कई दूसरे स्थानीय और धार्मिक गुटों ने नए संविधान का विरोध किया है. उनका कहना है कि विधिनिर्माताओं ने राज्यों के निर्माण की प्रक्रिया में उनकी चिंताओं की अनदेखी की है. वे जातीय आधार पर बने और भी अधिक राज्य चाहते थे, साथ ही संसद और सरकार में जातीय अल्पसंख्यकों के लिए अधिक सीटें भी.
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लागू होने के कुछ हफ्तों पहले से चली हिंसक मुठभेड़ों में कम से कम 45 लोगों की जान चली गई है. संविधान का समर्थन करने वाली नेपाल की तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने मधेशी समुदाय से वार्ता करने की फिर से अपील की है. प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने उनसे फिर अपील की.
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नेपाल में 100 से भी अधिक जातीय समूह हैं. इनमें से कईयों का मानना है कि नया संविधान उनका समुचित प्रतिनिधित्व नहीं करता. संसद सदस्यों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के नियम से चुना जाना है. अल्पसंख्यक समूहों ने सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग की है.
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देश की हिंदुबहुल आबादी में से भी कईयों का मानना है कि संविधान में नेपाल के हिन्दू राष्ट्र के स्वरूप को बरकरार रखना चाहिए था. इस प्रस्ताव को संविधान सभा में बहुमत नहीं मिला. विपक्षी दलों ने नए संविधान के खिलाफ आम हड़ताल का आह्वान किया था जो बहुत अधिक प्रभावी नहीं रहा.
तस्वीर: UNI
नेपाल के पड़ोसी भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर नेपाल के कई हिस्सों में व्याप्त तनावपूर्ण माहौल पर चिंता जताई गई है. भारत ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की जरूरत पर जोर दिया ताकि नए संविधान को "व्यापक स्वीकृति मिले."
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समलैंगिकों के अधिकार के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संविधान का जोरदार स्वागत किया है. उनका मानना है कि इसमें समलैंगिकों की पहचान, सहभागिता और अधिकारों को स्थान मिला है.
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प्रचंड की यात्रा से पहले तैयारियों में जुटे एक अधिकारी ने बताया, "योजना यह है कि इस परियोजना को जल्दी से आगे बढ़ाया जाए." फिलहाल नेपाल में बस एक छोटी रेल लाइन है जो जयनगर को भारतीय सीमा तक जनकपुर से जोड़ती है. एक और प्रोजेक्ट, जिस पर प्रचंड के दौरे में बात हो सकती है वह पनबिजली योजना है जो भारत की राहत राशि से बनाई जानी है.
नेपाल उन छोटे एशियाई देशों में से है जिन पर चीन और भारत दोनों की नजरें रहती हैं. दोनों देश इन छोटे मुल्कों पर अपना प्रभाव बढ़ाने की जुगत में रहते हैं. भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक और प्रगाढ़ संबंध रहे हैं. राजशाही के समय में तो नेपाल पूरी तरह भारत पर निर्भर रहता था लेकिन पिछले एक दशक में लोकतांत्रिक सरकार के दौरान चीजें काफी बदली हैं. अब चीन वहां सड़कें और अस्पताल आदि बना रहा है जबकि भारत के बेहद पुराने वादे भी अब तक जमीन पर कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. देश में पनबिजली संयंत्र और ट्रांजिट कॉरिडोर दो ऐसी ही योजनाएं हैं जो राजनीतिक उथल-पुथल में बरसों से फंसी हुई हैं.
नेपाल के इस बुजुर्ग छात्र को तो सलाम बनता है
बुजुर्ग छात्र को सलाम
70 साल के दुर्गा कामी नेपाल के सबसे बुजुर्ग छात्र हैं. दलित होने की वजह से बचपन में उन्हें पढ़ाई का मौका नहीं मिला. फिर बाल बच्चों की जिम्मेदारियां आ गई. अब फुर्सत मिली है और दुर्गा ज्योति की तरह जगमगा रहे हैं.
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दृढ़ इच्छाशक्ति
मध्य नेपाल के फेडीखोला में रहने वाले 68 साल के दुर्गा कामी हर दिन स्कूल जाते हैं. 2001 में पत्नी के निधन के बाद दुर्गा सुबह घर का सारा काम काज अकेले करते हैं और फिर स्कूल के लिए तैयार होते हैं.
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कई किलोमीटर का सफर
साफ सुथरी यूनिफॉर्म पहनकर दुर्गा रोज कई किलोमीटर पैदल चलते हैं और स्कूल पहुंचते हैं. गांव से उनका स्कूल दूर है, इसके बावजूद दुर्गा हर दिन श्रीकाल भैरब हायर सेकेंडरी स्कूल जाते हैं. रास्ते में अक्सर उनकी मुलाकात अपने 14 साल के सहपाठी सागर थापा से भी होती है.
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धीरे धीरे हाईस्कूल
दुर्गा को पढ़ना लिखना बिल्कुल नहीं आता था. लेकिन स्कूल में दाखिला लेने के बाद अब दुर्गा 10वीं पढ़ रहे हैं. वह बोर्ड का पर्चा भर चुके हैं. टीचरों के मुताबिक बुजुर्ग छात्र काफी मन लगाकर पढ़ाई करते हैं. अगर कुछ समझ में नहीं आता तो वे बेझिझक दूसरे बच्चों और टीचरों से पूछते हैं.
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टीचर भी आनंदित
स्कूल के प्रिंसिपल और बाकी टीचरों को भी दुर्गा को देखकर बेहद खुशी होती हैं. दुर्गा की उम्र कई टीचरों के पिता के बराबर है. लिहाजा क्लास में उनके साथ एक बेहद भावुक नाता बनता है.
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बच्चों जैसे दुर्गा
इंटरवल के दौरान या खेलकूद के दौरान भी दुर्गा लोगों को हैरान करते हैं. बच्चों के साथ वॉलीबॉल सीखने के बाद अब वह गजब का वॉलीबॉल खेलते हैं. पहाड़ी पगडंडियों पर चलने के लिए भले ही वह लाठी का सहारा लें लेकिन वॉलीबॉल खेलते हुए वह उम्र को काफी पीछे छोड़ देते हैं.