भारत के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल रविवार को
१ सितम्बर २०१७बुधवार शाम से ही मंत्रियों के इस्तीफे की खबर आने लगी. पहले राजीव प्रताप रूडी, फिर फग्गन सिंह कुलश्ते, संजीव बालियान और महेंद्र महेंद्र नाथ पाण्डेय, इन सबने इस्तीफा दे दिया. यह सभी राज्य मंत्री हैं. खबर तो उमा भारती के इस्तीफे की भी थी लेकिन उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. इन मंत्रियों को पार्टी में जिम्मेदारी सौंपे जाने की बात कही जा रही है.
बहरहाल रविवार सुबह 10 बजे नये मंत्रियों को शपथ दिलायी जायेगी, यह अब तय हो चुका है. नये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार मंत्रियों को शपथ दिलायेंगे. इसी दौरान नये मंत्रियों के बारे में जानकारी मिलेगी. इसके बाद दोपहर में प्रधानमंत्री बीजिंग के लिए रवाना हो जायेंगे.
मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास तभी लगने शुरू हो गये जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ मंत्रियों के साथ बैठक की और उन्हें बताया कि कुछ लोगों को पार्टी की जिम्मेदारी दी जायेगी. अगले कुछ महीनों में हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में चुनाव होने हैं और इसी के मद्देनजर मंत्रिमंडल में बदलाव किया जा रहा है. जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां से कुछ सांसदों को भी नये मंत्रिमंडल में जगह मिलने के आसार हैं. इसके साथ ही आरजेडी का साथ छोड़ कर बीजेपी के साथ आये नीतीश कुमार की पार्टी के कुछ सांसद भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं.
लगातार होते रेल हादसों के बाद पिछले हफ्ते रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है. फिलहाल मंत्रिमंडल में तीन कैबिनेट मंत्रियों की जगह खाली हुई है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बन गये हैं, जबकि वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने और वरिष्ठ सांसद अनिल दवे के निधन से तीसरा पद खाली हुआ है. इस तरह से रक्षा, सूचना और प्रसारण के साथ ही पर्यावण और जलवायु परिवर्तन विभाग में मंत्री पद खाली हुए हैं और इन पदों पर वरिष्ठ मंत्रियों की नियुक्ति की उम्मीद की जा रही है.
प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की गुरुवार को मुलाकात हुई है. माना जा रहा है कि ये मुलाकात मंत्रियों के नाम पर अंतिम फैसला करने के लिये हुई थी. काम के आधार पर भी कुछ मंत्रियों को मंत्रिमडंल से बाहर किया जा रहा है. इस बारे में अमित शाह ने प्रधानमंत्री को मंत्रियों के नाम की सूची सौंपी है.
2019 के चुनाव से पहले इसे मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल बताया जा रहा है. केंद्र में बीजेपी सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं और अब सरकार के फैसलों पर अगले चुनाव के असर की बात जब तब कही जा रहा है.
निखिल रंजन