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भारत के सबसे बड़े व्यापारिक दोस्त महासंघ में भी हैं चुनाव

ऋषभ कुमार शर्मा
९ अप्रैल २०१९

यूरोपीय देशों के महासंघ के 28 देशों में मई में चुनाव होने हैं जबकि भारत के 29 राज्यों में भी चुनाव हो रहे हैं. चुनाव के नतीजों का असर भारत के साथ संबंधों पर भी पडे़गा,

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तस्वीर: Getty Images/J. Taylor

भारत में 11 अप्रैल से 19 मई तक चुनाव होने हैं. 23 मई को इसके नतीजे आने हैं. जब भारत में चुनावी माहौल खत्म होगा तब एक पूरे महाद्वीप में चुनाव शुरू होंगे. यह महाद्वीप क्षेत्रफल में भारत से थोड़ा सा बड़ा है और जनसंख्या में भारत का आधा. भारत 29 राज्यों से मिलकर बना है और इस महाद्वीप के 28 देशों में एक साथ चुनाव होंगे. इस महाद्वीप का नाम है यूरोप. यूरोप के 28 देशों का मिलकर एक महासंघ बना है जिसका नाम है यूरोपियन यूनियन (EU). यूरोपियन यूनियन के सारे देश भारत के राज्य उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के आधे हिस्से से भी छोटे हैं. उत्तर प्रदेश की जनसंख्या करीब 20 करोड़ है जबकि EU के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश जर्मनी की जनसंख्या करीब सवा आठ करोड़ है. यूरोपियन यूनियन में यूरोप के सारे देश शामिल नहीं हैं.

अब बात यूरोपियन पार्लियामेंट की. यूरोपियन यूनियन के सभी देशों ने मिलकर अपनी एक संसद बनाई. इस संसद में वर्तमान में 751 सदस्य हैं. अगर ब्रिटेन इन चुनावों से पहले यूरोपियन यूनियन से बाहर निकल जाता है तो उसकी सीटों के एक हिस्से को बाकी देशों में बांटा जाएगा और नई संसद की संख्या 705 हो जाएगी. यूरोपीय संसद का काम पूरे यूरोपियन यूनियन के लिए कानून बनाना है. इसका काम लोगों के आवागमन की बाधाओं को हटाना, व्यापार को बढ़ावा देना, व्यापार, खेती और स्थानीय विकास की कई चीजों पर यूनियन के सभी देशों में एक जैसे कानून बनाना, शेंगेन इलाके में बिना वीजा के यात्रा करना शामिल है. EU के 19 देशों में एक ही मुद्रा चलती है जिसका नाम यूरो है. इन देशों को यूरो जोन कहा जाता है. इस संसद में सभी देशों को उनकी जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व मिलता है. इसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव संसद के सदस्य ढाई-ढाई साल के लिए करते हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/Silas Stein

EU का इतिहास और वर्तमान

EU का इतिहास शुरू होता है 1951 में हुई पेरिस की संधि से. दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी दो हिस्सों में बंट गया था. दूसरे यूरोपीय देशों के भी आर्थिक हालात बिगड़ गए थे. ऐसे में छह यूरोपीय देश व्यापार को आसान बनाने के लिए एक साथ आए. 1951 में पेरिस में हुई संधि में पश्चिमी जर्मनी, बेल्जियम, इटली, फ्रांस, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड्स ने कोयला और स्टील के व्यापार के लिए समझौता किया. यह समझौता 1952 में लागू हो गया. यह यूरोपियन यूनियन बनने के लिए पहला कदम साबित हुआ. 1957 में रोम में एक समझौते के तहत इन्हीं छह देशों ने एक यूरोपियन इकॉनोमिक कम्युनिटी यानि ईईसी का गठन किया. इस संधि के जरिए इन देशों में एक समान टैक्स लागू किया गया. इन देशों को समान टैक्स संघ के नाम से भी जाना गया.

1973 में डेनमार्क, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम भी इसके सदस्य बन गए. इसके बाद 1981 में ग्रीस और 1985 में स्पेन और पुर्तगाल भी ईईसी के सदस्य बने. 14 जून 1985 को 10 सदस्य देशों में से 5 ने शेंगेन समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके मुताबिक इन देशों के नागरिक बिना वीजा एक-दूसरे देश में जा सकते हैं. अब इस समझौते में 26 देश आते हैं. इस समझौते में कुछ देश EU के बाहर से भी हैं जैसे स्विटजरलैंड और नॉर्वे. यूरोपीय अधिनियम 1987 बनाकर साल 1992 में यूरोपियन सेंट्रल बैंक की स्थापना की गई. तब तक इन देशों को यूरोपियन समुदाय बोला जाता था. 7 फरवरी 1992 में सदस्य देशों ने नीदरलैंड्स के मासट्रिष्ट में यूरोपियन यूनियन की संधि पर हस्ताक्षर किए और 1993 में यह संधि लागू हो गई. इसके बाद यूरोपियन समुदाय का नाम बदलकर यूरोपियन यूनियन हो गया.

मासट्रिष्ट संधि में सभी सदस्य देशों से यूरो को अपनी मुद्रा बनाने की अपील की गई. इसे 2001 में लागू किया गया. लेकिन अभी 19 देशों ने ही इसे माना है या उसकी शर्तों का पालन करने की हालत में हैं. साथ ही सारे देश समान विदेश और सुरक्षा नीति अपनाने का प्रयास भी कर रहे हैं. EU के 28 में से 21 देश नाटो के सदस्य हैं. यूरोपियन यूनियन की अपनी कोई साझा सेना नहीं है. इस संधि के जरिए सदस्य देशों में बेरोकटोक आवाजाही की शर्तें भी बनाई गई.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Kalker

30 अप्रैल 2004 को ईयू के 15 सदस्यों की संख्या के 25 पहुंच जाने के मौके पर डब्लिन में एक समारोह का आयोजन हुआ. इसी साल जून में सदस्य देशों ने ईयू का संविधान पारित किया. जिस पर अक्टूबर में सभी देशों ने हस्ताक्षर किए. 2009 में लिस्बन की संधि भी EU के इतिहास में महत्वपूर्ण है. यूरोपीय संघ के नेता एक ऐसे समझौते के मसौदे पर सहमत हुए जिसे यूरोपीय संघ के दो देशों (फ्रांस और नीदरलैंड्स) की ओर से जनमत संग्रह में खारिज हुए संविधान का विकल्प बनना था. इसे लिस्बन समझौता कहा गया. लिस्बन समझौते के तहत 19 नवंबर 2009 को बेल्जियम के प्रधानमंत्री हरमन फान रोमपॉय यूरोपीय आयोग के पहले अध्यक्ष बने. अध्यक्ष का कार्यकाल ढाई साल का होता है.

भारत और EU

भारत और EU के सदस्य देशों के बीच में घनिष्ट व्यापारिक संबंध हैं. भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच साल 2016-17 में 115 अरब यूरो का व्यापार हुआ था. यूरोपियन यूनियन भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. भारत के व्यापार का 12.5 प्रतिशत यूरोपियन यूनियन के साथ ही होता है. भारत और EU के बीच सामरिक समझौता भी हुआ है. साथ ही, अंतरिक्ष शोध के मामले में यूरोपियन यूनियन और भारत साथ काम कर रहे हैं. रोजगार और ऑटोमोबिल पर भारी मतभेदों के कारण भारत और यूरोपीय संघ के बीच सालों की बातचीत के बावजूद मुक्त व्यापार संधि नहीं हो पाई. ऐसे में यूरोपियन संसद के चुनाव नतीजों का भारत के साथ व्यापार पर भी असर पड़ेगा.

DW हिन्दी इन चुनावों पर एक सीरीज कर रहा है. इस सीरीज से आप यूरोप के देशों के बारे में जान सकेंगे. इन देशों की अलग-अलग चीजें और भारत से इनका जुड़ाव हम आपको बताएंगे.

 

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