भारत के सामने 171 रन का लक्ष्य
१६ अगस्त २०१०अहम मुकाबले में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी फिर टॉस हारे, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने टॉस के असर को नाकाम साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पहली ही गेंद पर प्रवीण कुमार ने उपल थरंगा को पैवेलियन भेज दिया. चोट से उबरकर कर मैदान पर उतरे नेहरा ने भी धारदार गेंदबाजी की. नेहरा ने ही मेजबानों को दूसरा झटका दिया. उन्होंने फॉर्म में चल रहे श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा को पैवेलियन की राह दिखाई.
इसके बाद तो विकेटों का पतझड़ ही लग गया. प्रवीण कुमार ने फिर एक विकेट लेते हुए महेला जयवर्धने को मायूस किया. फिर ईशांत शर्मा की बारी आई और वह थिलान समरवीरा को ले उड़े. 13वें ओवर तक श्रीलंका 44 पर चार विकेट खो चुका था. टीम से न रन बन पाए और न विकेट बच पाए.
हालांकि इस दौरान एक छोर तिलकरत्ने दिलशान ने थामे रखा. वह भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बनने जा रहे थे. लेकिन कप्तान धोनी ने प्रज्ञान ओझा को गेंद थमाई और दिलशान की 45 रन की पारी खत्म हो गई. अक्सर मुसीबत में टीम को सहारा देने वाले एंगेलो मैथ्यूज को रवींद्र जडेजा ने आउट किया. मैथ्यूज सिर्फ पंद्रह ही रन जोड़ सके. रणदीव ने 43 रन बनाकर श्रीलंकाई पारी को जैसे तैसे 170 तक पहुंचा दिया. भारत के सामने अब 171 का लक्ष्य है. डे नाइट मुकाबले के चलते टीम इंडिया को इतने कम स्कोर का पीछा भी संभल कर करना होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: उभ