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भारत को असली वर्ल्ड कप ट्रॉफी दीः आईसीसी

४ अप्रैल २०११

आईसीसी ने इन खबरों को खारिज किया है कि भारत को क्रिकेट वर्ल्ड कप की नकली ट्रॉफी दी गई है क्योंकि असली ट्रॉफी ड्यूटी न चुकाए जाने की वजह से मुंबई में कस्टम में फंसी है. आईसीसी ने कहा कि भारत को असली ट्रॉफी ही दी.

तस्वीर: AP

ट्रॉफी से जुड़े विवाद पर जब कई पूर्व क्रिकेटरों ने नाखुशी जताई तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को सोमवार सुबह एक बयान जारी कर सफाई देनी पड़ी. बयान के मुताबिक, "मीडिया में आई गलत रिपोर्टों के विपरीत आईसीसी इस बात की पुष्टि करती है कि शनिवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत को जो ट्रॉफी दी गई, वह आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 की असली ट्रॉफी है. यह वही ट्रॉफी है जिसे हम टूर्नामेंट के आखिर में विजेता को देना चाहते थे. नकली ट्रॉफी का कोई सवाल ही नहीं है. जो ट्रॉफी भारत को दी गई है उस पर आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 का खास लोगो है. यह वही कप है जिसके लिए दुनिया की 14 टीमों में मुकाबला हुआ."

आईसीसी का कहना है कि मुंबई के कस्टम में जो ट्रॉफी फंसी है, वह तो सिर्फ प्रचार के लिए तैयार की गई ट्रॉफी है. बयान के मुताबिक, "जो ट्रॉफी मुंबई कस्टम में पकड़ी गई, वह तो सिर्फ प्रचार के लिए थी, जिसे आईसीसी के दुबई मुख्यालय में रखा जाएगा है. इस पर आईसीसी का कॉर्पोरेट लोगो है न कि 2011 के वर्ल्ड कप का लोगो. सोमवार को इस ट्रॉफी को वापस ले लिया जाएगा और फिर यह आईसीसी स्टाफ के साथ दुबई भेज दी जाएगी जहां वह हमेशा रहेगी."

तस्वीर: AP

कस्टम के सूत्रों का कहना है कि वे नहीं जानते कि जो ट्रॉफी उनके पास है, वह असली है या नहीं. उनका कहना है, "हमें नहीं पता यह असली है या नकली, लेकिन हम इसे 35 फीसदी ड्यूटी चुकाए जाने के बाद ही छोड़ेंगे."

भारत में वर्ल्ड कप के जश्न में ट्रॉफी की अहम भूमिका देखने को मिल रही है. रविवार को खिलाड़ियों ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के साथ भी ट्रॉफी लेकर फोटो खिंचवाए. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कप की प्रतिकृति के साथ मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया के सामने फोटो खिंचाए तो वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह बराबर कप की प्रतिकृति को चूम रहे हैं.

वैसे पूर्व क्रिकेटर वर्ल्ड कप ट्रॉफी असली या नकली होने के विवाद से खासे नाराज दिखे. अरुण लाल का कहना है, "आईसीसी के ट्रॉफी काफी पहले ही मुंबई ले आनी चाहिए थी. जो भी समस्याएं थी, उन्हें महीनों पहले ही सुलझा लिया जाना चाहिए था. यह विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि वर्ल्ड कप की ट्रॉफी विजेता टीम को देने के लिए मौजूद ही नहीं है. बड़ा अजीब है." पूर्व क्रिकेट अतुल वासन का कहना है, "यह बहुत ही बुरी बात है कि टीम को नकली ट्रॉफी दी गई." पूर्व क्रिकेटर और सांसद कीर्ति आजाद ने इसके लिए आईसीसी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री शरद पवार को जिम्मेदार बताया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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