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भारत को कश्मीर नीति बदलने की पाकिस्तानी नसीहत

२७ सितम्बर २०१०

पाकिस्तान ने भारत को कश्मीर के बारे में अपनी नीतियों में बदलाव करने की सलाह दी है. पाकिस्तान का दावा है कि कश्मीर भारत का 'अभिन्न' हिस्सा नहीं है और भारतीय संविधान के दायरे में रहकर इस समस्या का हल नहीं हो सकता.

तस्वीर: UNI

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि भारत को कश्मीर पर अपने अड़ियल रवैये में तब्दीली लानी होगी. बासित ने कहा, "अगर भारत के अड़ियल रवैये में कोई बदलाव आया तो निश्चित रूप से दोनों देशों की बातचीत सफल और फायदेमंद होगी." बासित का कहना है कि कश्मीर विवाद एक अंतरराष्ट्रीय मसला है जिसके हल के लिए संयुक्त राष्ट्र एक प्रस्ताव भी पास कर चुका है.

बासित का दावा है कि कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा नहीं है और इसलिए इस मसले का हल भारतीय संविधान के दायरे में रहकर नहीं किया जा सकता. बासित के मुताबिक आखिरकार कश्मीर मसले का हल कश्मीरी लोगों की इच्छा के मुताबिक ही करनी होगी. बासित ने ये भी दावा किया कि पाकिस्तान ने हमेशा कश्मीर समेत सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश की है.

बासित ने आरोप लगाया कि जून से ही भारत सरकार की फौज कश्मीरी लोगों के खिलाफ क्रूरता से पेश आ रही है और पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीरी लोगों पर "भारतीय फौज के जुल्म" को रोका जाए. एक सवाल के जवाब में बासित ने कहा कि दोनों देशों ने कश्मीर के मुद्दे पर कई बार बातचीत की है यहां तक कि समग्र बातचीत के एजेंडे में भी यह सबसे ऊपर था.

बासित का आरोप है, "भारत ने कभी कश्मीर मुद्दे के हल के लिए बातचीत में गंभीरता नहीं दिखाई." पाकिस्तान विदेश विभाग ने उम्मीद जताई है कि जैसे ही बातचीत शुरू होगी भारत मामले के हल के लिए सही रवैया अपनाएगा. बासित के मुताबिक केवल बातचीत के लिए बात से कोई फायदा नहीं होगा बातचीत का मकसद नतीजा निकलना होना चाहिए.

पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान लगातार कश्मीर पर बयानबाजी कर रहा है यहां तक कि पाकिस्तान की संसद ने कश्मीर के मसले पर एक प्रस्ताव भी पास किया है. भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वो उसके अंदरूनी मामले में दखल न दे और अपना घर संभाले. भारत ने पाकिस्तान से कश्मीर पर अवैध कब्जा खत्म करने और आतंकवाद को रोकने की भी मांग की है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एस गौड़

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