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भारत को मनाने पहुंचीं लगार्द

७ जून २०११

आईएमएफ प्रमुख के पद के लिए अहम दावेदार फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टीन लगार्द समर्थन जुटाने भारत पहुंच गई हैं. वह मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से मिलेंगी. लगार्द पहले ही ब्राजील का दौर कर चुकी हैं.

French Finance Minister Christine Lagarde reacts during a press conference, in Paris, Wednesday May 25, 2011. Lagarde announced that she will seek the top job at the International Monetary Fund, a candidacy that has widespread support across Europe. Lagarde had remained silent about whether she wanted the job, and said she came to the decision after "mature reflection" and consultation with French President Nicolas Sarkozy. (AP Photo/Thibault Camus)
हाल में किया ब्राजील का दौरातस्वीर: dapd

ब्रिक देशों यानी ब्राजील, भारत, रूस और दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का नया प्रमुख विकासशील देशों से चुनने की बात कही थी. लेकिन पश्चिमी देशों का आईएमएफ में 50 प्रतिशत से ज्यादा योगदान होने की वजह से ऐसा मुमिकन नहीं दिखता. वहीं ब्रिक देशों से अपने नाम पर समर्थन जुटाने के लिए फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टीन लगार्द जोर शोर से जुटी हैं. उनके ब्रिक दौरे का अगला पड़ाव भारत है.

पक्का नहीं भारत का समर्थन

नई दिल्ली में शोध संस्था सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के ब्रह्म चेल्लानी कहते हैं, "उनका स्वागत तो अच्छी तरह किया ही जाएगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि भारत उन्हें पूरी तरह से समर्थन देगा." ज्यादातर जानकारों का मानना है कि 55 साल की लगार्द भारत में भी वही दलीलें देंगी जो उन्होंने ब्राजील में दी हैं कि वह विकासशील देशों को आईएमएफ में और सशक्त करेंगी. भारत ने अब तक किसी भी उम्मीदवार को लेकर अपनी सहमति नहीं दी है. पिछले महीने बलात्कार के आरोपों में पूर्व प्रमुख डॉमिनिक स्ट्रॉस कान को इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद नए प्रमुख को लेकर बहस छिड़ी है.

तस्वीर: dapd

लगार्द के अलावा मेक्सिको के केंद्रीय बैंक के आगुस्तीन कार्सटेंस भी इस पद के दावेदारों में शामिल हैं. चेल्लानी का मानना है कि भारत जानना चाहता है कि मेक्सिको का उम्मीदवार कितना सफल हो सकता है. भारत की तरफ से योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ही एक सक्षम उम्मीदवार हो सकते थे लेकिन 65 साल की उम्र से ज्यादा होने की वजह से वह इस पद की रेस में शामिल नहीं हो पाए.

बदलाव में वक्त लगेगा

दूसरे विश्व युद्ध के बाद आईएमएफ का गठन हुआ और अब तक इसका प्रमुख हमेशा यूरोपीय देशों से ही रहा है. वहीं विश्व बैंक का प्रमुख हमेशा अमेरिकी नागरिक होता है. भारत के कई वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि आईएमएफ में यूरोपीय देश और अमेरिका के वोट अधिकार बहुत ज्यादा हैं, लेकिन मनमोहन सिंह ने कहा है कि इसे बदलने में वक्त लगेगा.

चेल्लानी का कहना है कि भारत इस सिलसिले में चीन को भी करीब से देख रहा है. अगर चीन ब्रिक देशों के साथ आता है तो इससे फर्क पड़ सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि चीन लगार्द की उम्मीदवारी का समर्थन करेगा बशर्ते लागार्द अपने उप प्रमुख के तौर पर चीन के किसी अधिकारी को रखें. चेल्लानी का कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो फिर ब्रिक देशों की कोई नहीं सुनेगा.

रिपोर्टः एएफपी/एमजी

संपादनः ए कुमार

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