भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर साल भर से चल रहे गतिरोध का अंत अभी भी नजर नहीं आ रहा है. दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत का ताजा दौर भी विफल हो गया है.
विज्ञापन
लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में पैट्रोलिंग पॉइंट 15 (पीपी 15) पर भारत और चीन की सेनाएं अभी भी एक दूसरे के सामने डटी हुई हैं. इस गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर बातचीत के 12 दौर हो चुके हैं. रविवार 10 अक्टूबर को इसी बातचीत का 13वां दौर आयोजित किया गया, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही.
सोमवार 11 अक्टूबर को दोनों पक्षों ने अलग अलग बयान जारी कर एक दूसरे पर बातचीत के विफल होने का आरोप लगाया. भारत ने कहा कि यथास्थिति को बदलने की चीन की एकतरफा कोशिशें गतिरोध के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि चीन का कहना था कि भारत को बड़ी मुश्किल से हासिल की गई मौजूदा स्थिति को संजो कर रखना चाहिए.
'एकतरफा कोशिशें'
भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "बैठक में भारतीय पक्ष ने बाकी बचे इलाकों के समाधान के लिए रचनात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और अपनी तरफ से भविष्य की तरफ देखने वाला कोई प्रस्ताव भी नहीं दिया."
चीन की सेना पीएलए के पश्चिमी कमांड के प्रवक्ता लॉन्ग शाओहुआ ने कहा, "भारतीय पक्ष अनुचित और अवास्तविक मांगों पर अड़ा रहा जिसकी वजह से बातचीत मुश्किल हो गई." लॉन्ग ने यह भी कहा कि "स्थिति का गलत आकलन करने की जगह भारतीय पक्ष को मुश्किल से हासिल की हुई इस स्थिति को संजो कर रखना चाहिए."
फरवरी में दोनों पक्षों ने पैंगोंग सो झील के पास से कुछ इलाकों से अपनी अपनी सेनाओं को पीछे ले लेने का निर्णय लिया था. हॉट स्प्रिंग्स, डेपसांग तराई और डेमचोक इलाकों में ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है. इससे पहले जब भी बातचीत बेनतीजा रही है तब दोनों पक्षों ने इसके बारे में साझा बयान जारी किए हैं.
आमने सामने
यह पहली बार है जब इस तरह के अलग अलग और एक दूसरे पर आरोप लगाने वाले बयान जारी किए गए हैं. पीपी 15 पर एलएसी के पार भारत के इलाके के अंदर अभी भी चीनी सेना की एक टुकड़ी तैनात है. भारत का दावा है कि चीन भारत को उत्तर में स्थित डेपसांग तराई में अपने ही पांच पैट्रोलिंग बिंदुओं तक नहीं पहुंचने दे रहा है.
डेपसांग तराई भारतीय वायु सेना के दौलत बेग ओल्डी हवाई अड्डे के पास स्थित है, इसलिए यह भारत के लिए काफी संवेदनशील है. अनुमान है कि पूरे इलाके में दोनों सेनाओं के लगभग 50,000 सैनिक हथियारों, तोपों, आर्टिलरी बंदूकों, और हवाई सुरक्षा उपकरणों के साथ तैनात हैं.
भारत के सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने हाल ही में कहा था कि चीन इलाके में निर्माण कर रहा है "वहां रहने का इरादा रखता है." उन्होंने यह भी कहा था, "अगर वो यहां जमे रहने के लिए आए हैं तो हम भी जमे रहेंगे. हमारी तरफ भी वैसी ही तैनाती और निर्माण किया गया है जैसा उस तरफ पीएलए ने किया है."
(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
एक साथ कई कूटनीतिक विवादों में फंसा है चीन
भारत के साथ सीमा-विवाद हो, हॉन्ग कॉन्ग को लेकर आलोचना हो या महामारी के फैलने के पीछे उसकी भूमिका को लेकर जांच की मांग, चीन इन दिनों कई मोर्चों पर कूटनीतिक विवादों में फंसा हुआ है. आइए एक नजर डालते हैं इन विवादों पर.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/J. Peng
कोरोनावायरस
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने मांग की है कि चीन जिस तरह से कोरोनावायरस को रोकने में असफल रहा उसके लिए उसकी जवाबदेही सिद्ध की जानी चाहिए. कोरोनावायरस चीन के शहर वुहान से ही निकला था. चीन पर कुछ देशों ने तानाशाह जैसी "वायरस डिप्लोमैसी" का भी आरोप लगाया है.
तस्वीर: Ng Han Guan/AP Photo/picture alliance
अमेरिका
विश्व की इन दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के आपसी रिश्ते पिछले कई दशकों में इतना नीचे नहीं गिरे जितने आज गिर गए हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार और तकनीक को लेकर विवाद तो चल ही रहे हैं, साथ ही अमेरिका के बार बार कोरोनावायरस के फैलने के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराने से भी दोनों देशों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं. चीन भी अमेरिका पर हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनों को समर्थन देने का आरोप लगाता आया है.
तस्वीर: picture-alliance/AA/A. Hosbas
हॉन्ग कॉन्ग
हॉन्ग कॉन्ग अपने आप में चीन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक समस्या है. चीन ने वहां राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करना चाहा लेकिन अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने इसका विरोध किया. हॉन्ग कॉन्ग कभी ब्रिटेन की कॉलोनी था और चीन के नए कदमों के बाद ब्रिटेन ने कहा है कि हॉन्ग कॉन्ग के ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज पासपोर्ट धारकों को विस्तृत वीजा अधिकार देगा.
चीन ने लोकतांत्रिक-शासन वाले देश ताइवान पर हमेशा से अपने आधिपत्य का दावा किया है. अब चीन ने ताइवान पर उसका स्वामित्व स्वीकार कर लेने के लिए कूटनीतिक और सैन्य दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. लेकिन भारी मतों से दोबारा चुनी गई ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन के दावों को ठुकराते हुए कह दिया है कि सिर्फ ताइवान के लोग उसके भविष्य का फैसला कर सकते हैं.
तस्वीर: Office of President | Taiwan
भारत
भारत और चीन के बीच उनकी विवादित सीमा पर गंभीर गतिरोध चल रहा है. सुदूर लद्दाख में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे पर अतिक्रमण का आरोप लगा रहे हैं. दोनों में हाथापाई भी हुई थी.
तस्वीर: Reuters/Handout
शिंकियांग
चीन की उसके अपने पश्चिमी प्रांत में उइगुर मुसलमानों के प्रति बर्ताव पर अमेरिका और कई देशों ने आलोचना की है. मई में ही अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने उइगुरों के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने वाले एक विधेयक को बहुमत से पारित किया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP Photo/File
हुआवेई
अमेरिका ने चीन की बड़ी टेलीकॉम कंपनी हुआवेई को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्यक्त की थीं. उसने अपने मित्र देशों को चेतावनी दी थी कि अगर वो अपने मोबाइल नेटवर्क में उसका इस्तेमाल करेंगे तो उनके इंटेलिजेंस प्राप्त की जाने वाली संपर्क प्रणालियों से कट जाने का जोखिम रहेगा. हुआवेई ने इन आरोपों से इंकार किया है.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/J. Porzycki
कनाडा
चीन और कनाडा के रिश्ते तब से खराब हो गए हैं जब 2018 में कनाडा ने हुआवेई के संस्थापक की बेटी मेंग वानझाऊ को हिरासत में ले लिया था. उसके तुरंत बाद चीन ने कनाडा के दो नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया था और केनोला बीज के आयात को ब्लॉक कर दिया था. मई 2020 में मेंग अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ दायर किया गया एक केस हार गईं.
तस्वीर: Reuters/J. Gauthier
यूरोपीय संघ
पिछले साल यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने आपस में तय किया कि वो चीन के प्रति अपनी रण-नीति और मजबूत करेंगे. संघ हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर चीन की दबाव वाली कूटनीति को ले कर चिंतित है. संघ उसकी कंपनियों के चीन के बाजार तक पहुंचने में पेश आने वाली मुश्किलों को लेकर भी परेशान रहा है. बताया जा रहा है कि संघ की एक रिपोर्ट में चीन पर आरोप थे कि वो कोरोनावायरस के बारे में गलत जानकारी फैला रहा था.
तस्वीर: Getty Images/AFP/O. Messinger
ऑस्ट्रेलिया
मई 2020 में चीन ने ऑस्ट्रेलिया से जौ (बार्ली) के आयत पर शुल्क लगा दिया था. दोनों देशों के बीच लंबे समय से झगड़ा चल रहा है. दोनों देशों के रिश्तों में खटास 2018 में आई थी जब ऑस्ट्रेलिया ने अपने 5जी ब्रॉडबैंड नेटवर्क से हुआवेई को बैन कर दिया था. चीन ऑस्ट्रेलिया की कोरोनावायरस की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर भी नाराज है.
तस्वीर: Imago-Images/VCGI
दक्षिण चीन सागर
दक्षिण चीन सागर ऊर्जा के स्त्रोतों से समृद्ध इलाका है और चीन के इस इलाके में कई विवादित दावे हैं जो फिलीपींस, ब्रूनेई, विएतनाम, मलेशिया और ताइवान के दावों से टकराते हैं. ये इलाका एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग भी है. अमेरिका ने आरोप लगाया है कि चीन इस इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए कोरोनावायरस के डिस्ट्रैक्शन का फाय उठा रहा है.