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अपराधभारत

भारत: जानने वाले ही बन रहे महिलाओं के कातिल

२१ नवम्बर २०२२

भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अधिकांश मामलों में अपराधी परिचित निकलते हैं.

Indien | Protest gegen häusliche Gewalt in Kalkutta
तस्वीर: Saikat Paul/Pacific Press/picture alliance

राजधानी दिल्ली में लिव इन पार्टनर श्रद्धा वॉल्कर की सनसनीखेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार आफताब पूनावाला ने अपना जुर्म तो कबूल कर लिया है लेकिन पुलिस को आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. श्रद्धा की ही तरह कई और लड़कियां ऐसी हैं जो भारत के शहरों से लेकर गांवों तक ऐसी हिंसक अपराध का शिकार हो रही हैं जिन्हें उनके जानने वाले अंजाम दे रहे हैं. कहीं बॉयफ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड को मौत के घाट उतारा रहा है तो कहीं परिवार ही अपनी बेटी को उनकी मर्जी के खिलाफ जाने पर मार रहा है.

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श्रद्धा की हत्या की खबरों से हर कोई सन्न है लेकिन कई ऐसे मामले भी हैं जो रिपोर्ट तक नहीं होती. खासकर ऐसे ग्रामीण इलाकों से जहां सूचनाएं प्रमुख अखबारों और टीवी चैनलों तक नहीं पहुंच पाती हैं. कई बार पुलिस को भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के बारे में पता तक नहीं चल पाता है.

श्रद्धा हत्याकांड

27 वर्षीय श्रद्धा वॉल्कर और आफताब पूनावाला (28 वर्ष) दिल्ली में लिव इन संबंध में रह रहे थे. बताया जा रहा है कि दोनों 2019 से रिश्ते में थे. दोनों की मुलाकात मुंबई के एक कॉल सेंटर में नौकरी के दौरान हुई थी. दोनों मुंबई से दिल्ली आने के बाद दक्षिण दिल्ली में किराए के मकान में रह रहे थे. आरोप है कि 18 मई को आफताब ने श्रद्धा की हत्या की और शव के 35 टुकड़े किए. पुलिस का कहना है कि उसने शव के टुकड़े को कई दिनों तक फ्रिज में रखा और उसके बाद देर रात शव के टुकड़ों को महरौली के जंगल में ठिकाने लगाने जाता. जब मुंबई पुलिस की टीम महलौरी थाने में पहुंची और श्रद्धा के बारे में बताया कि वह आफताब नाम के युवक के साथ रह रही है लेकिन उसका पता नहीं चल पा रहा तब पुलिस ने आफताब से पूछताछ की और इस हत्याकांड का खुलासा हुआ.

शुरू में आफताब ने पुलिस को बताया कि श्रद्धा उसके साथ काफी दिनों से नहीं रह रही है और उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने सच उगल दिया. इस हत्याकांड का खुलासा करीब छह महीने बाद हुआ.

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कहीं पिता तो कहीं बॉयफ्रेंड बना हत्यारा

भारत में महिलाओं के खिलाफ आए दिन अपराध हो रहे हैं. कई बार उनके जानने वाले ही हत्या जैसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. बीते दिनों एक और घटना में दिल्ली की रहने वाली 21 वर्षीय आयुषी यादव की हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप आयुषी के पिता पर लगा है. पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर एक सूटकेस में आयुषी का खून सना शव पुलिस को मिला था. पुलिस का कहना है उसने लड़की के पिता को हिरासत में लिया है.

दूसरी ओर यूपी के आजमगढ़ में पुलिस ने एक व्यक्ति को महिला की हत्या और शव के छह टुकड़े करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी ने महिला की हत्या के बाद उसे एक कुएं में डाल दिया. पुलिस का कहना है कि आरोपी और मृतक महिला पहले संबंध में थे और जब महिला की शादी हो गई तो वह महिला पर शादी तोड़ने का दबाव बना रहा था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

भारतीय समाज में बढ़ती हिंसा 

सामाजिक कार्यकर्ता शबन हाशमी का कहना है कि भारतीय समाज में सबसे ज्यादा औरतों के खिलाफ अपराध हो रहे हैं और यह हाल के वर्षों में बढ़े हैं. हाशमी ने डीडब्ल्यू से कहा, "पितृसत्ता ताकतें जब ज्यादा ताकतवर होती हैं तो औरत के खिलाफ अपराध बढ़ता है. जो अपराध करने वाले हैं वह भी समझ गए हैं कि उनके खिलाफ कुछ भी नहीं होगा."

हाशमी कहती हैं कि अपराध करने वालों का दिमाग अब ऐसा हो गया है कि वह किसी भी तरह के अपराध करने को तैयार है. 

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,28,278 मामले दर्ज किए गए, जो 2020 की तुलना में 15.3 प्रतिशत (3,71,503 मामले) की वृद्धि दर्शाता है.

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