भारत: टीवी चैनलों पर देशहित के कार्यक्रम दिखाना होगा जरूरी
१० नवम्बर २०२२![](https://static.dw.com/image/16956941_800.webp)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को "भारत में टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश 2022" को मंजूरी दे दी है. इसके तहत हर दिन कम से कम 30 मिनट का समय "लोक सेवा" और "देशहित" से जुड़ी सामग्री प्रसारण के लिए दिया जाना है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नए दिशानिर्देश 9 नवंबर से लागू हो गए हैं. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि चैनलों को इस तरह की सामग्री की रूपरेखा और निर्माण के लिए समय दिया जाएगा.
चैनलों को सामग्री के निर्माण के लिए आठ थीम दी गई हैं. ये आठ थीम हैं- शिक्षा और साक्षरता का प्रसार, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रोद्यौगिकी, महिलाओं का कल्याण, समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण, पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और राष्ट्रीय एकता. सरकार के मुताबिक इस कदम के पीछे तर्क यह है कि एयरवेव सार्वजनिक संपत्ति है और समाज के सर्वोत्तम हित में इसका इस्तेमाल करने की आवश्यकता है.
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सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्र ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ब्रॉडकॉस्टर्स और अन्य हितधारकों से बातचीत करने के बाद ऐसे कार्यक्रमों के प्रसारण के समय और उसे लागू करने की तारीख तय की जाएगी. और उसके बाद एडवाइजरी जारी की जाएगी. हालांकि कुछ चैनलो को ऐसी सामग्री से छूट दी जाएगी जिसका जिक्र एडवाइजरी में किया जाएगा. वाइल्डलाइफ चैनल, विदेशी चैनल और लाइव कार्यक्रमों के दौरान स्पोर्ट्स चैनलों को इससे छूट दी जा सकती है.
अपूर्व चंद्र ने कहा जब एक बार एडवाइजरी जारी हो जाती है तो मंत्रालय चैनलों पर चलने वाली सामग्री की निगरानी करेगा और अगर कोई चैनल उसे लागू नहीं करता है तो उससे जवाब मांगा जाएगा.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक समेकित दिशानिर्देश भारत में पंजीकृत कंपनियों-एलएलपी को टीवी चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग, टेलीपोर्ट्स/टेलीपोर्ट हब की स्थापना, डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग, इलेक्ट्रॉनिक न्यूज गैदरिंग सिस्टम, भारतीय समाचार एजेंसियों द्वारा अपलिंकिंग और लाइव कार्यक्रम की अस्थायी अपलिंकिंग के उपयोग के लिए अनुमति जारी करने में आसानी प्रदान करेंगे.
मौजूदा समय में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत कुल 897 चैनल में केवल 30 चैनल ही भारत से अपलिंक हैं. फिलहाल सिंगापुर उपमहाद्वीप में प्रसारित चैनलों के लिए पंसदीदा अपलिंकिंग हब है.
दिशानिर्देश में जो बदलाव किए गए हैं वह तीन चीजों को ध्यान में रखकर किए गए हैं, जिसमें मंजूरी को आसान बनाना, कारोबारी प्रक्रिया को आसान करना और सरलीकरण करना शामिल है.