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भारत नहीं छोड़ेगा परमाणु बिजली कार्यक्रम

२० मार्च २०११

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि भारत को जापान के परमाणु संयंत्र में पैदा संकट से उचित सबक लेना चाहिए लेकिन देश परमाणु बिजली को नहीं छोड़ सकता. दुनिया के कई देशों में परमाणु बिजली पर बहस छिड़ी है.

रमेश ने कहा, जापान से सबक लेंगेतस्वीर: AP

रमेश ने कहा, "जो कुछ जापान में हुआ, वह बहुत ही गंभीर है. हमें इससे उचित सबक लेना होगा. जो भी सुरक्षा उपाय और अतिरिक्त सावधानी जरूरी होगी, उस पर पूरा ध्यान दिया जाएगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि भारत परमाणु ऊर्जा (कार्यक्रम) को छोड़ सकता है."

जापान में आए भूकंप के बाद तटीय महाराष्ट्र में जैतापुर परमाणु बिजली प्लांट के करीब रहने वाले लोगों ने अपना विरोध तेज कर दिया है . रमेश ने कहा, "देश भूकंप संबंधी खतरे के हिसाब से विभिन्न हिस्सों में बंटा है. मुझे नहीं पता कि जैतापुर कौन से स्तर के खतरे में पड़ता है. उसके बारे में फैसला एनईईआरआई की ओर से कराई गई स्टडी के आधार पर लिया गया है. हमने इसी रिपोर्ट के आधार पर नवंबर में मंजूरी दी और हमने मंजूरी के लिए 35 शर्ते लगाईं. जहां तक सुरक्षा और रेडियोधर्मी कचरे के प्रबंधन की बात है तो यह आण्विक ऊर्जा नियामक बोर्ड की जिम्मेदारी है."

जापान में विनाशाकारी भूंकप और सूनामी लहरों से हुई तबाही में फुकुशिमा के परमाणु बिजली संयंत्र को काफी नुकसान हुआ. संयंत्र में कई विस्टोफों के बाद विकिरण का खतरा पैदा हो गया. हालांकि अब जापान सरकार स्थिति में सुधार की बात कह रही है लेकिन दुनिया भर में परमाणु बिजली के इस्तेमाल पर एक नई बहस छिड़ी है.

जर्मनी ने अपने सात सबसे पुराने परमाणु बिजली संयंत्रों को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है. साथ ही निर्धारित अवधि से ज्यादा परमाणु बिजली घरों के इस्तेमाल के समझौते पर भी तीन महीने के लिए रोक लगा दी गई है. देश की जरूरत की 22 प्रतिशत बिजली परमाणु बिजली घरों से ही आती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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