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भारत ने अमेरिका रूस छोड़ यूरोप को चुना

२९ अप्रैल २०११

भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि लड़ाकू विमानों के 10 अरब डॉलर समझौते के लिए यूरोपीय विमान यूरोफाइटर और दासो एवियेशन एसए के जहाजों को शॉर्टलिस्ट किया गया है.

तस्वीर: dapd

भारत के साथ इस बड़े समझौते के लिए अमेरिकी कंपनिया लॉकहीड मार्टिन और बोइंग, रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्प और स्वीडेन के साब एबी ने भी अपने आवेदन भेजे थे. सारी कंपनियों के प्रस्ताव इस हफ्ते शनिवार को रद्द हो जाएंगे. केवल यूरोफाइटर और दासो से कहा गया है कि वे अपने आवेदन दिसंबर तक बढ़ाएं.

अमेरिका निराश

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने यूरोफाइटर के टाइफून और फ्रांस की दासो के राफाले विमान को शॉर्टलिस्ट किया है. भारतीय अखबार द इंडियन एक्स्प्रेस ने खबर दी कि मंत्रालय ने तकनीकी मानकों के मद्देनजर इन दोनों विमानों को चुना है. यूरोफाइटर चार देशों का संयुक्त संगठन है. इसमें जर्मनी, स्पेन, ब्रिटेन और इटली शामिल हैं. साथ ही तीन कंपनियां, अलेनिया एयरोनौटिका, बीएई सिस्टम्स, यूरोपियन एयरोनौटिक डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ईएडीएस इसका हिस्सा हैं.

यूरोफाइटर विमानतस्वीर: picture alliance/dpa

नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के दो विमान, लॉकहीड मार्टिन की एफ16 और बोइंग की एफ/ए सूपर हॉर्नेट को नहीं चुना गया है और इस वजह से उन्हें खेद हैं. राजदूत टिमोथी रोएमर के दफ्तर ने एक बयान में कहा, "हम इस समाचार से बहुत निराश हैं...भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है कि विमान के चुनाव के सिलसिले में प्रक्रिया पारदर्शी और साफ रही है." स्वीडेन के दूतावास ने एक बयान में कहा कि उसके साब विमानों को चुना नहीं गया है. रूस की सरकार ने इस सिलसिले में कोई बयान जारी नहीं किया है.

आगे की प्रक्रिया

भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब दोनों कंपनियां एक वित्तीय मूल्यांकन प्रक्रिया में हिस्सा लेंगीं जिसमें भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी की बात भी रखी जाएगी. 2005 के सुरक्षा सामग्री खरीदने के कानून के तहत विदेशी कंपनियां जिन्हें भारत से तीन अरब रुपयों से ज्यादा का सामान लिया जाता है, उन्हें पूरे ऑर्डर का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा भारतीय कंपनियों से लेना होगा या फिर भारत में उतने ही रकम का निवेश करना होगा. लड़ाकू विमानों के लिए भारतीय सरकार ने भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी को 50 प्रतिशत रखा है.

126 नए लड़ाकू विमानों के जरिए भारत अपनी वायुसेना को और आधुनिक बनाना चाहता है. भारत के पास इस वक्त पुराने रूसी मिग 21 हवाई जहाज हैं. यह समझौता हाल के सबसे बड़े रक्षा संबंधी हथियार समझौतों में से एक माना जा रहा है. इस सिलसिले में पिछले साल अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा भी आए थे. रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोजी भी इसी सिलसिले में भारत आए थे. बैंगलोर में इस साल हुए हवाई शो में पूर्व जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर सु गुटेनबेर्ग ने भी हिस्सा लिया और यूरोफाइटर की पैरवी की.

रिपोर्टःडीपीए/एमजी

संपादनःउभ

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